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नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम (Kids Story Raja ka Chalak Sevak | राजा का चालक सेवक (बच्चों की कहानी)) है ।
जैसा की हमने अपनी पिछली कहानी “ एक वफादार कुत्ता ” मे आपको अच्छी सीख बताई थी । उसी प्रकार इस कहानी मे भी आपको अच्छी सीख देने की कोशिश करेंगे । कहानी को पूरा अवश्य पढ़ें ।
Kids Story Raja ka Chalak Sevak | राजा का चालक सेवक
एक समय की बात है एक राजा के यहां एक राजा के कमरे की सफाई करने वाला एक सेवक रहता था । वह बहुत ही चालक था । वह एक बार अगर किसी से बदला लेने की ठान लेता तो उससे बदला लेकर ही रहता था।
फिर चाहे उसको कुछ भी करना क्यों न पढ़ जाए । राजा महामंत्री के घर उसकी बेटी को शादी होती है जिसमे सभी राजमहल के लोगो को निमत्रण दिया जाता है ।
तो वह राजा का सेवक भी महामंत्री के घर दावत में जाता है । और वह उस गद्दी पर बैठ जाता है जो एक विशेष व्यक्ति के लिए रखी जाती है ।
महामंत्री ऐसा देख कर उसे बहुत डांट लगाता है और उसे दक्के मारकर अपने यहां से भगा देता है । वह चुपचाप अपने महल की ओर चला आता है ।
और मन ही मन बदला लेने की ठान लेता है और कहता है मैं महामंत्री को उसके द्वारा किए गए इस व्यवहार का सबक सिखा कर रहूंगा।
कुछ वक्त बीत जाता है और सेवक एक दिन सुबह सुबह राजा जी के कमरे में सफाई करते हुए बड़बड़ाता है और कहता है, हे! राम महामंत्री महल की महारानी के साथ यह सब करने की कैसे सोच सकता है ।
जैसा ही राजा ने यह सुना वह आज बबूला हो जाते हैं और सेवक से कहते हैं कि क्या तुमने महारानी को यह सब करते खुद अपनी आंखों से देखा है ।
सेवक बेला ! नहीं महाराज और भागकर राजा के कदमों में गिर जाता है और कहता है मैं भला एक सेवक यह कैसे बोल सकता हूं ।
मैं रात को सो नहीं पाया था इसलिए मेरे मुंह से यह सब निकल गया । राजा के सामने सेवक ने माना तो कर दिया था । परंतु राजा के दिमाग में शक का बीज तो डाल ही दिया था ।
अगले ही दिन राजा ने महामंत्री को उसके पद से भी हटा दिया और उसे महल में घूमने से रोक लगा दिया । जैसे ही महामंत्री महल में घुसने का प्रयास करता है।
तभी सैनिक उसे रोक देते है। और यह देख कर सेवक महामंत्री का मजाक बनाकर कहता है अरे क्या तुम्हे पता है यह राज महल के महामंत्री हैं । किसी को भी बाहर फिकवा सकते हैं।
जैसे मुझे फिकवा दिया था । यह सुनकर महामंत्री को सारी कहानी समझ आ जाती है ।
कुछ वक्त के बाद महामंत्री एक दिन सेवक को अपने घर बुलाकर अच्छे से भोजन करवाता है । और अच्छे उपहार भी देता है । और झुककर अपनी गलती की माफी भी मांग लेता है।
ऐसा देखकर सेवक महामंत्री को दिलासा देता है और कहता है चिंता ना करो मैं जल्द ही तुम्हारा खोया हुआ सम्मान तुम्हे वापस दिलाऊंगा ।
यह सुनकर महामंत्री खुश हो जाता है और सेवक को विदाई दे देता है ।अब सुबह सुबह जब सेवक राजा के कमरे की सफाई कर रहा होता है तभी वह फिर से बड़बड़ाने लगता है ।
और कहता है अरे यह राजा कितना मूर्ख है कमरे में ही शौच करता है जैसे ही राजा ने सुना और बोला सेवक क्या बक रहा है । जनता भी है क्या बोल दिया है तुमने।
मैं इस गलती के लिए तुम्हे निकाल भी सकता हूं । सेवक राजा के पैरों में गिर जाता है और माफी मांग लेता है और फिर कभी ना बड़बड़ाने का वादा भी करता है ।
अब राजा विचार करता है और सोचता है कि मैंने इसकी बातों में आकर महामंत्री को उसके पद से हटा दिया था यह तो कुछ भी बोलता रहता है शायद महामंत्री को मुझे फिर से बुला लेना चाहिए ।
और राजा सम्मान के साथ महामंत्री को फिर से बुलाने का आदेश देता है और सब पहले की तरह हो जाता है।
कहानी से सीख
Kids Story Raja ka Chalak Sevak : बच्चों इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी काम बिना सोचे समझे नहीं करना चाहिए और दूसरी शिक्षा यहां मिलती है कि किसी को भी छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए सभी मनुष्य एक समान होते हैं ।
आज की कहानी यहीं खत्म होती है नई कहानी के साथ हमारे कमेंट में हमें बताएं कि आपको यह कहानी कैसी लगी ।
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आखिरी शव्द – Kids Story Raja ka Chalak Sevak
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