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नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम (बकरे का बलिदान | Bakre Ka Balidaan Moral Kids Story) है ।
हमारे द्वारा लिखी गई कहानियाँ बच्चों को बहुत पसंद आती हैं वह रात को सोते समय इन कहानी को सुनना पसंद करते हैं । हर कहानी मे एक नई सीख छिपी होती है ।
जैसा की हमने अपनी पिछली कहानी “चित्रकार पिता की कहानी ” मे आपको अच्छी सीख बताई थी । उसी प्रकार इस कहानी मे भी आपको अच्छी सीख देने की कोशिश करेंगे । कहानी को पूरा अवश्य पढ़ें ।
बकरे का बलिदान | Bakre Ka Balidaan Moral Kids Story
एक समय की बात है । एक विशाल साम्राज्य के राजा ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा और यज्ञ का आयोजन किया !
और एक बकरे को ले आने का अपने सैनिक को आदेश दिया । सैनिक बाजार से एक सुंदर बकरी के बच्चे यानी बकरे को ले आता है ।
राजा ने दो सेवक लगा दिए बकरे की देखभाल और खाना पानी देने के लिए ! परंतु उसकी रानी को यह पूजा में बकरे की बलिदान करने की प्रथा में कोई आस्था नहीं थी ।
वह राजा को यह करने से हमेशा रोकती थी , लेकिन राजा उसकी बात नहीं मानता था ! रानी इस बात को लेकर बहुत चिंता में रहती थी ।

एक बार एक साधु बाबा राजा के यहां पधारे । राजा और रानी ने मिलकर साधु का आदर सत्कार किया । साधु के लिए बहुत अच्छे अच्छे पकवान बनवाए गए !
साधु यह देखकर बहुत खुश हो जाते हैं और रानी से कुछ मांगने के लिए कहते हैं फिर रानी साधु से कहती है राजा प्रत्येक वर्ष एक बकरे की बलि देकर पूजा को संपन्न करते हैं कैसे भी करके यह प्रथा खत्म हो जाए ।
ऐसा सुनकर साधु में रानी से कहा हे रानी अब से ऐसा नहीं होगा केवल एक राजा को मैं कुछ बातें बताना चाहता हूं रानी ने कहा महात्मा जी आप चिंता ना करें ।
मैं संध्या काल के समय राजा को आपके पास आने को कह दूंगी । शाम हो जाती है और रानी राजा से महात्मा जी के पास जाने का अनुरोध करती है राजा रानी की बात मानकर महात्मा जी के पास आता है।
और महात्मा जी राजा को धर्म कर्म से जुड़ी बातें बताते हैं और कहते हैं वह प्राणी कभी खुश नहीं रह सकता जो दूसरों को मारता है या उन्हें नुकसान पहुंचाता है यह किसी भी मनुष्य को पाप का भागीदार बनाता है ।
हे राजन यदि आप ईश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं तो लोगों की भलाई और उनसे प्रेम करना शुरू करें प्रेम से ईश्वर को पाना किसी की बलिदान देकर पाने से कहीं ज्यादा आसान होता है ।
ऐसा सुनकर राजा साधु को धन्यवाद करते हैं और और राजा साधु को वचन देते हैं कि अब वह किसी भी बकरे का बलिदान नहीं देंगे ।
और पूजा के आखिरी दिन उन्होंने बकरे को आजाद करने का आदेश दे दिया । यह देख रानी बहुत खुश हुई ।
कहानी से सीख
Bakre Ka Balidaan Moral Kids Story : तो बच्चों हमे इस कहानी से क्या शिक्षा मिली । की हमे किसी भी बेजुबान जानवर , पशु , पक्षी को नही मरना चाहिए और न ही कभी परेशान करना चाहिए ।
आज की यह कहानी बस इतनी ही । मिलते हैं फिर एक नई कहानी के साथ । आप हमे कमेंट करके जरूर बताएं की आपको यह कहानी कैसी लगी ।
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आखिरी शव्द – Bakre Ka Balidaan Moral Kids Story
हमे उम्मीद है आपको यह कहानी “बकरे का बलिदान | Bakre Ka Balidaan Moral Kids Story” पसंद आई होगी । अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमे कॉमेंट मे लिख कर भेज दीजिए ।
धनवाद आपका ।