Raja ka mratyudand Moral Kids Story, राजा का मत्युदंड, Kids Story In Hindi, Moral Short Stories , Raja ki kahani, बच्चों वाली कहानियाँ, सीख देने वाली कहानियाँ ।
नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम राजा का मत्युदंड | Raja ka mratyudand Moral Kids Story) है ।
जैसा की आपको हमने अपनी पिछली कहानी ” गरीब की मदद ” मे अच्छी सीख दी । उसी तरह इस कहानी मे भी कुछ अच्छा और मजेदार जाने को मिलेगा । कहानी को पूरा पढ़ें ।
राजा का मत्युदंड | Raja ka mratyudand Moral Kids Story
एक समय की बात है एक राजा बहुत ही बड़े साम्राज्य में अपने न्याय और जनता के हित का फैसला करने के लिए जाना जाता था । राजा न्याय के बाद उचित सजा देता था ।
इस बात से सभी राज्य के लोग राजा को अच्छा बताते और सभी लोगो से राज्य को सम्मान मिलता था । राजा अपने राज्य को कुशल और संपन्न देखना चाहता था ।
इसलिए राजा अपनी प्रजा की भलाई के लिए फैसला सुनाता और जिसकी गलती होती उसे वह उचित दंड देता ।\ राजा के पास 10 जंगली कुत्ते थे ।
राजा जिसे मृत्युदंड देता उसकी आखिरी इच्छा जानकर उसे अपने कुत्तों के सामने डाल देता । कुत्ते टुकड़े टुकड़े करके उसे खा जाते थे ।
एक बार की बात है राजा के महामंत्री से कोई भूल हो जाती है । राजा जल्द बाजी में आकर महामंत्री को मृत्युदंड देने का आदेश दे देते हैं ।
यह सुनकर महामंत्री घबरा गया और आखिरी इच्छा के तौर पर 10 रोज की मुहलत मांग लेता है , राजा उसे 10 दिन के लिए आजाद कर देता है ।
महामंत्री घर जाकर सारी घटना अपनी पत्नी को सुनाता है । उसकी पत्नी उसे एक सुझाव देती है आप इन 10 दिनों का पूरा समय राजा के जंगली कुत्तों के साथ बितायें।
और उनकी अच्छी देख भाल करें । महामंत्री ने ऐसा ही किया । और सभी दिन बीत गए । फिर राजा ने अपने सैनिकों को महामंत्री को पकड़ कर लाने का आदेश दिया ।
और महामंत्री को राजा ने सजा के अनुसार मृत्युदंड के लिए महामंत्री को कुत्तों के सामने फिकवा दिया । और अपने 10 जंगली कुत्तों को छोड़ दिया लेकिन कुत्ते महामंत्री को काटने की वजह उसके ऊपर खेलने और कूदने लगे ।
यह देख राजा को बहुत आश्चर्य हुआ अरे महामंत्री यह कुत्ते तुम्हें काटने की वजह तुम्हारे ऊपर खेल रहे हैं ऐसा कैसे हुआ फिर धीमे स्वर में महामंत्री कहता है।
हे राजा मैंने आपसे जो 10 दिन की मोहलत मांगी थी उन 10 दिनों को मैंने इन्हीं कुत्तों के साथ बिताया इन्हें समय पर भोजन दिया नहलाया दो लाया और इनका खयाल रखा इसलिए यह कुत्ते हमें प्रेम करने लगे हैं।
और महामंत्री कहता है सरकार हम आपके लिए 10 से 15 वर्षो के काम कर रहे हैं आप हमे समझ नही पाए । जबकि यह कुत्ते मेरे साथ 10 दिन में घुल मिल गए ।
राजा ने अपनी गलती को स्वीकार लिया और सह सम्मान फिर से महामंत्री बनाया ।
कहानी से सीख
Raja ka mratyudand Moral Kids Story: इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें सामने की 100 अच्छाइयों को छोड़ने के बाद एक बुराई की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए गलतियां सबसे होती हैं।
हमे बिना सोचे समझने किसी को गलत दंड नहीं देना चाहिए ।
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आखिरी शव्द – Raja ka mratyudand Moral Kids Story
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