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नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम (Gopal Ki Chori Kids Story | गोपाल की चोरी बच्चों की कहानी) है ।
जैसा की आपको हमने अपनी पिछली कहानी ” राजा का मत्युदंड ” मे अच्छी सीख दी । उसी तरह इस कहानी मे भी कुछ अच्छा और मजेदार जाने को मिलेगा । कहानी को पूरा पढ़ें ।
Gopal Ki Chori Kids Story | गोपाल की चोरी (बच्चों की कहानी)
एक समय की बात है एक गांव में गोपाल नाम का एक नटखट और शरारती बालक रहता था घने अंधेरे में एक दिन भोपाल अपने घर के बाहर घूम रहा था वह हर बार कोई न कोई योजना बनाता और गांव वालों को परेशान करता रहता था ।
एक दिन ऐसा हुआ चार चोर अंधेरे में कहीं चोरी करने जा रहे थे तभी गोपाल के मन में यह विचार आता है क्यों ना इन चोरों के साथ चोरी करने जाया जाए!
शायद कुछ नया सीखने को मिल जाए और गोपाल चोरों के पास आकर कहता है। मुझे भी अपने साथ चोरी करने के लिए ले चलो । पहले तो चोर गोपाल को अपने साथ ले जाने से इनकार करते हैं ।
लेकिन गोपाल के बार-बार कहने से चोर गोपाल को अपने साथ ले जाने के लिए राजी हो गए सभी चोर गोपाल को समझाते हुए कहते हैं जैसा हम कहें वैसा ही करना । आज हम एक बड़े से घर में चोरी करने वाले हैं।
जिसमें एक बूढ़ी औरत रहती है । चार चोर बूढ़ी औरत के घर में धीरे से घुस जाते हैं और उन्हीं के साथ गोपाल भी पीछे से घर में आकर छुप जाता है ।
रसोई से खीर की खुशबू को आता देख भोपाल के मुंह में पानी आ जाता है। और उससे रुका ही नहीं जाता सारे चोर घर में छुपे होते हैं ।
गोपाल चुपके से रसोई में जाकर देखता है बुढ़िया बूढ़ी औरत खीर को पकाते पकाते सोई रहती है ऐसा देख गोपाल चट से एक प्लेट में खीर लगाकर मजे से खाने लगता है।
इधर सभी चोर कीमती गहने अच्छी वस्तु और जेवरात को समेटने में लग जाते हैं गोपाल खीर खाते-खाते देखता है की सोई हुई औरत का हाथ उसकी तरफ बढ़ जाता है।
गोपाल को ऐसा लगता है मानो वह औरत खीर मांग रही हो दया भाव से गोपाल पतीली में से एक चमचा खीर हाथ पर रख देता है गर्म से सोई हुई बुढ़िया तिल मिलाकर उठ जाती है।
और चिल्लाती है अरे कौन अरे बचाओ बचाओ चोर शोर-शराबा सुनने के बाद आसपास के पड़ोसी घर में आ जाते हैं गोपाल और उसके साथ ही चोर निकल नहीं पाते हैं ।
जो जहां जिसको जगह मिलती वही जाकर छुप गया गोपाल भी दूसरी मंजिल पर छुप गया गांव वालों ने एक चोर को पकड़ लिया खूब पिटाई करी और बाकी लोग कुछ भी पूछते हैं।
वह एक ही बात कहता है ऊपर वाला जाने ऐसा सुनकर गोपाल को लगता है कि वह मेरे बारे में बता रहा है सीधा गोपाल नीचे आकर सभी लोगों को बताता है।
अरे यह लोग चोर हैं मैं तो इनके साथ आया था फिर क्या था गांव वालों ने सभी चोरों को मिलकर खूब पिटाई करें और मौका देखकर भोपाल चुपके से वहां से निकल आया ।
कहानी से सीख
Gopal Ki Chori Kids Story: इस कहानी से हमें है शिक्षा मिलती है हमें किसी भी अन्य या अजनबी पर भरोसा नहीं करना चाहिए
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आखिरी शव्द – Gopal Ki Chori Kids Story
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