परेशानी का आसन हल | Kids Story Pareshani Ka Aasan Hal, छोटे बच्चों की कहानियाँ , दादी की कहानियाँ , सलाह देने वाली कहानी | परेशानी का हाल | Story In Hindi
नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम (परेशानी का आसन हल | Kids Story Pareshani Ka Aasan Hal) है जो की Best kids Story In Hindi मे लिखी है ।
आपने भी कभी अपने बचपन मे दादी नानी या किसी अपने रिश्तेदार से कहानी सुनी होगी । कहानी मे कोई न कोई सीख मिला करती थी चलिए उसी तरह आज की कहानी मे भी बहुत अच्छी सीख छिपी है आगे जानने को मिलेगी क्या है सीख ।
परेशानी का आसन हल | Kids Story Pareshani Ka Aasan Hal
एक शहर में एक बहुत ही बड़े कारोबारी सेठ रहते थे । जिनका एक बेटा था । जो पढ़ाई के लिए बाहर रहता था ! घर में पत्नी और खुद सेठ जी के अलावा तमाम नौकर चाकर भी रहते थे ।
जो उनकी सेवा करते थे । सेठ जी के पास दौलत के साथ साथ शहर में कमाया हुआ नाम भी था ! यही कारण था कि सब सेठ की इज्जत करते थे ।और सेठ भी बहुत आराम से अपने जीवन का आनंद ले रहे थे ।
एक दिन की बात है सेठ जी अचानक घर में गिर जाते हैं । और उनकी आंख में चोट लग जाती है । आनन फानन में सेठ जी को अस्पताल लेकर जाते हैं डॉक्टर ने कहा इनकी सेवा कीजिए कुछ दिन बाद ठीक हो जाएंगे ।
कुछ दिन की दवाई देकर डॉक्टर ने घर भेज दिया । पत्नी और सभी नौकर सेठ जी की बहुत सेवा करते परंतु कोई आराम न मिल रहा था ।
फिर सेठ जी शहर के सबसे बड़े नेत्र चिकित्सक के पास गए और पूरी बात बताई ! डॉक्टर ने आंखों की जांच करी और सब कुछ जान लेने के बाद बोले, सेठ जी आपको पीले रंग के सिवाय कोई दूसरा रंग नही देखना है।
अगर आप किसी और रंग को देखेंगे तो आपकी आंखों में दर्द होगा और आखों की रोशनी भी जा सकती है ।ऐसा सुनकर सेठ जी बहुत हैरान हो गए परंतु और कोई चारा भी तो था नहीं ।
सेठ जी घर पर आ जाते हैं । और घर के नौकरों को आदेश दे देते हैं पूरे घर को पीला कर दिया जाए । ऐसा करने से सेठ जी को बहुत धन खर्च करना पड़ गया ।
जब घर पीला हो गया तो फिर गली और मुहल्ले के बाहर हर चीज को पीला करने की कोशिश करी गई लेकिन फिर भी बहुत सी चीजें छूट गईं ।
यह देख सेठ को दुख होता है और मन ही मन सोचते हैं इतना सारा पैसा खर्च कर दिया फिर भी मुझे आराम नहीं मिल रहा ।
अब ऐसे में उनका बेटा घर आता है वह तो अपना घर ही पहचान नही पा रहा था । क्यों की हर एक जगह जहां तक नज़र जा रही थी पीला पीला दिखाई दे रहा था ।
लोगो से मदद मांगने के बाद किसी तरह घर तक पहुंचा । और सेठ जी और उसकी मां अपने बेटे से मिलकर बहुत खुश हो जाते हैं । लेकिन बेटा उनसे पूछता है पिता जी आपने यह पीला रंग क्यों करवाया है ।
तब सेठ जी ने पूरी कहानी बताई और कहा डॉक्टर ने यह कह दिया था की अगर आप पीले रंग के सिवा कोई अन्य रंग देखेंगे तो आपकी आंखों में दर्द शुरू हो जाएगा ।
तो यही कारण है बेटा कि मैंने यह सब करवाया । बहुत खर्चा भी हुआ है बेटा इस काम को करने में ।बेटा यह सुनकर पहले तो हसने लगा । यह देख सभी लोग हैरान हो जाते हैं ।
फिर उसकी मां कहती है बेटा यह क्या बात है ! क्यों हस रहे हो ।
तभी बेटा कहता है , पिता जी इसका तो बहुत आसान उपाय था। आप एक पीले रंग का चश्मा भी तो ले सकते थे ऐसा करने से आपको सभी चींजे पीली दिखाई देने लगती ।
और आपकी वजह से किसी को तकलीफ भी न होती और आपके पैसे भी बच जाते । यह सुनकर सेठ जी अपने सर को पकड़ लेते हैं ।
और जो खर्चा किया उस पर पछताने लगते हैं । और बोले इसका उपाय तो बहुत आसान था फिर मुझे क्यों नही आया ।
बेटे ने कहा आप डॉक्टर की बात सुनकर घबरा गए और जल्दबाजी में आकर फैसला ले लिया !
कहानी से सीख
Kids Story Pareshani Ka Aasan Hal : तो बच्चो आपको इस कहानी से क्या सीख मिलती है कि कभी कभी हमारी परेशानी का आसान हल हमारी आंखों के सामने होता है और हम हड़बड़ाहट या जल्दबाजी में आकर विना किसी विचार के फैसला ले लेते हैं । जिसका परिणाम गलत होता है ।
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आखिरी शव्द – Kids Story Pareshani Ka Aasan Hal
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धनवाद आपका ।