यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच यूक्रेन में ओखतिर्का के मेयर ने चौंका देने वाला दावा किया है. उन्होंने रूस पर वैक्यूम बम दागने का आरोप लगाया है.
वैक्यूम बम न्यूक्लियर बम के बाद सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. इसे रूस ने इसे फादर ऑफ ऑल बम (Father of All Bomb) का भी नाम दिया है.
वैक्यूम बम को थर्मोबैरिक हथियार भी कहा जाता है . ये अन्य बमों से अलग और खतरनाक होते हैं क्योंकि ये विस्फोटों के लिए बारूद का इस्तेमाल नहीं करते हैं। और फिर विस्फोट के बाद अचानक एक बड़े क्षेत्र में तापमान इतना बढ़ जाता है कि अगर कोई व्यक्ति वहां मौजूद है, तो उसका शरीर और उसकी हड्डियां पिघल सकती हैं। कल्पना कीजिए जिस सीमा में यह धमाका हो, वहाँ के लोगो के शरीर भी नहीं बचेंगे।
एक और बात, ये बम 44 टन टीएनटी की शक्ति से विस्फोट करने में सक्षम हैं। यानी एक बार में ये 44 टन टीएनटी ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं और 300 मीटर के क्षेत्र को जलाकर राख कर सकते हैं। इसीलिए इसे सभी बमों का जनक भी कहा जाता है।
दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम
बता दें कि सैन्य कार्रवाई शुरू करने वाले रूस के पास सभी बमों का ‘बाप’ है. ‘फादर ऑफ ऑल बम’ दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है. अगर आप फादर ऑफ ऑल बम के बारे में नहीं जानते हैं, तो आपको बता दें कि यह सभी बमों से बढ़कर.. बेहद खतरनाक है.
44 टन से अधिक टीएनटी के बराबर विस्फोट
रूस के पास जो बम है वह थर्मोबैरिक बम है. यह कई नामों से आता है. एरोसोल बम.. वैक्यूम बम या ईंधन-हवा विस्फोटक. यह एक सुपर-शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है जिसमें 44 टन से अधिक टीएनटी के बराबर विस्फोट होता है.
300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है
फादर ऑफ ऑल बम 300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है. यह विनाशकारी हथियार एक जेट से गिराया जाता है और इससे हवा के मध्य में विस्फोट होता है. यह हवा से ऑक्सीजन को बाहर खींचता है और एक छोटे परमाणु हथियार के समान असर पैदा करता है.
रूस ने इस बम को 2007 में विकसित किया था। चार साल पहले, 2003 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक ऐसा ही बम बनाया था, जिसे दुनिया मदर ऑफ ऑल बम के नाम से जानती है।