शिक्षक विदाई गीत | Poem on retirement of teacher in hindi

एक मुस्कुराता सा ,चेहरा था , संसार में।
आज से वो जुदा ,हम से हो जायेगा ।
नाम जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

यू तो जाने से कहाँ काम रुकता है
पर दिलो में वही नाम खटकता है।
जिससे सुख-दुख कहे हमने अपने भला,
उससे जीवन को जीनें की सीखी कला ।

गजब अंदाज में जो कही शायरी ,
कोई भी और दूजा न कह पायेगा।
नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

हर सुबह को जिन्दा दिली से जिया ,
हंस के पूछा कहो तुम हो कैसे भला ।
खुश रहे खुद सदा और खुल के जिये ,
मैल आया न दिल में किसी के लिए ।
बोझ हल्का करो अपने दिल का तो तुम ,
मन में रखा तो मन मैला हो जायेगा।

नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

इनकी यादे जहन में रहेगी सदा ,
मुस्कराती वो सुरत नजर आयेगी ।

स्वस्थ्य सुखमय हो जीवन यही कामना ,
दूर रहने का गम भी सहा जायेगा।
नाम के जैसा काम किया आपने ,
आपको कोई कैसे भुला पायेगा ।

विदाई समारोह कविता

मैं तो सादा कागज था
उसने अपनी कलम से
पैगाम मेरा लिख दिया
आप तो मेरा शिक्षक है ।
राह दिखाई चलने की
जीवन का लक्ष्य बताकर
मंजिल तक पहुँचा दिया
वही तो मेरा शिक्षक है ।
पग पग पर मार्गदर्शन करके
नई नई बातें बताकर
आदर्शों का पाठ पढ़ा दिया
वही तो मेरा शिक्षक है ।
मेरे अबोध अज्ञानी मन को
सच का उजाला देकर
ज्ञानी मुझे बना दिया
यही तो मेरा शिक्षक है ।
सही गलत का भेद बताकर
जीवन को नए ज्ञान देकर
संस्कारों का पाठ पढ़ा दिया
वही तो मेरा सच्चा शिक्षक है ।

गुरु के श्रीचरणों में
श्रद्धा सुमन संग वंदन
आपकी कृपा नीर से
जीवन हुआ चंदन
धरती कहती, अंबर कहते
कहती यही तराना
गुरू आप ही वो पावन नूर हैं
जिनसे रौशन हुआ जमाना

हमें उम्मीद है कि यह गीत आपको पसंद आया होगा