सुशांत पर नयी कविता | Sushant Singh Rajput Poem in hindi

Sushant Singh Rajput poem in hindi

अच्छा बताइए बेटे का अब भी बाप ही वाला धंधा है क्या
अच्छा बताइए नेपोटिज्म आपके घर में भी जिंदा है क्या
अच्छा बताइए गटर अब तक गंदा है क्या
अजी छोड़िए अब सुशांत की बात क्या करें
सुशांत अभी भी किसी के लिए कोई मुद्दा है क्या?

अच्छा आपकी उम्मीद कसूर वालों के लिए फांसी का फंदा है क्या
मियां छोड़िए कोई एक भी शर्मिंदा है क्या इसने बेचा, उसने खरीदा, धंधा है क्या
सुशांत तो अब नहीं रहा, इंसाफ की उम्मीद तक जिंदा है क्या
अजी छोड़िए अब सुशांत की बात क्या करें
सुशांत अब भी किसी के लिए कोई मुद्दा है क्या

कल जब आपने जिस रिक्शे वाले को सुन बिहारी कहा था उसके अंदर का सुशांत जिंदा है क्या
कल जब आपने उस कर्मचारी के नर्वसनेस को उसकी बीमारी कहा था तो उसके अंदर का सुशांत अब तक जिंदा है क्या
जब आपने लड़कियों पर यकीन करने वाले, उनको दोस्त बनाने वाले उस लड़के को लड़कियों का शिकारी कहा था उसके अंदर का सुशांत जिंदा है क्या
जब आपने अपने इलाके में नए आए उस माइग्रेंट परिवार को बाहरी कहा था तो उनके अंदर का सुशांत जिंदा है क्या अजी छोड़िए अब सुशांत की बात क्या करें
सुशांत अब भी किसी के लिए कोई मुद्दा है क्या

सुशांत चंद दिनों के लिए चंद लोगों का धंधा था क्या
और अब वही धंधा मंदा है क्या
उसकी फैमिली के साथ खड़ा एक भी बंदा है क्या
उनके संघर्ष का सुखांत हुआ की दुखांत हुआ पता है क्या
r.i.p. तो कह दिया अब सुशांत की आत्मा शांत हुई कि नहीं हुई आपको फर्क पड़ता है क्या

होटल में गया कि जिस पेंटिंग को देख सुशांत रोया था उसके बारे में आपको पता है क्या
उसमें Satan अपने ही बेटे को चबा चबा कर खाता है
यह System भी अपने ही बनाए स्टार को निकल जाता है क्या
सुशांत के टीशर्ट पर जो ‘photon in a double slit experiment’ लिखा था उसका मतलब पता है क्या

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photo credit : Sushant / Twitter

क्वांटम फिजिक्स के इस रिसर्च के अनुसार एक पार्टिकल कुछ और होता है जब उसे देखा जाता है
और वह कुछ और होता है जब उसे नहीं देखा जाता है
जब स्पॉटलाइट पड़ती है तभी एक इंसान सुशांत की तरह हंसता हुआ मास्क लगाता है क्या
सुशांत के ट्विटर कवर पिक्चर में जो वाँन गौग की ‘स्टारी नाइट’ पेंटिंग थी उसके बारे में कुछ पता है क्या
उसमें एक साइप्रस ट्री है जिसे ट्री ऑफ लाइफ आफ्टर डेथ कहा जाता है यानी की मौत के बाद वाली जिंदगी
क्या हर सुशांत किसी और dimension में जीने के लिए इस दुनिया को छोड़ता है क्या

सुशांत के फांसी का फंदा हरा है तो यह हिंदू मुसलमान का मुद्दा है क्या
उसे किसी लड़की ने छोड़ दिया तो सब लड़कियों का यही धंधा है क्या
सुशांत मुंबई में लड़ता एक बिहारी था तो यह बस बीजेपी शिवसेना का एजेंडा है क्या
इसी थाली में खाने वाले कभी कहेंगे कि खुद ही उनका प्लेट गंदा है क्या

अजी छोड़िए सुशांत के बाद क्या करें सुशांत अभी किसी के लिए कोई मुद्दा है क्या
इसका खालिस्तान उसका
पाकिस्तान इनका हिंदू राष्ट्र उसका सुशांत यह सब बस झंडा है क्या
सुशांत को इंसाफ दिलाना ब्रश प्रोपेगेंडा है क्या

सुशांत के जाने के 6 महीने बाद जागे हो, अब साल भर बाद जागने का इरादा है अजी छोड़िए अब सुशांत की बात क्या करें
सुशांत अब भी किसी के लिए कोई मुद्दा है क्या?
-Amit Choudhary

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