व्यंग हिंदी: सुप्रीम कोर्ट

खिचड़ी ने गुहार लगाई – चाहती है एक नाम

व्यंग्य:जनहित याचिका दायर करके खिचड़ी ने माननीय सुप्रीम कोर्ट से तुरंत राहत की अपील की है. खिचड़ी देवी का कहना है कि हर साल वह कंफ्यूज हो जाती है कि उसका नाम लोहड़ी है ,पोंगल है ,या मकर सक्रांति.

अपने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए मानवता के आधार पर उसने केवल एक ही नाम रखने की गुहार लगाई है.

उसका कहना है की अब वह 2000 साल की हो चुकी है और इतनी उम्र में सनी पाजी की तरह आदमी बोलता भूलता नहीं नहीं भूल जाता है.

खिचड़ी देवी के वकील प्रशांत भूषण ने हमारे संवाददाता मिस्टर अन्नाद्रमुक पोंगल को बताया है ” खिचड़ी जी मेरे से 300 वर्षों से इस केस के बारे में पूछ रही हैं लेकिन सरकारी कामकाज अपनी रफ्तार की चलने की वजह से अभी तक याचिका मंजूर नहीं की गई है.

खिचड़ी ने इंडियन आर्मी डे का हवाला देते हुए कहां है कि क्योंकि उनका एक ही नाम है और इससे वह बिना कोई कन्फ्यूजन के उसकी देश की सेवा कर रही है.खिचड़ी ने अपना कनेक्शन मेजर जनरल करिअप्पा से भी याद किया जब उनके घर खिचड़ी सज धज कर गयी थी .

खिचड़ी ने भी आजादी वाली नारा बुलंद किया है.”मुझे चाहिए अनेक नाम से आजादी, कन्फ्यूजन से आजादी, लैक आफ कंसंट्रेशन से आजादी ,भेदभाव से आजादी.” देश के कल्चर मिनिस्टर ने इस बात बात का इस बात का संज्ञान ले लिया है. मिनिस्टर साहब का कहना है “देश एक खिचड़ी श्रेष्ठ खिचड़ी से विश्व गुरु की तरफ आगे बढ़ सकता है”

इसी बीच खिचड़ी की मुलाकात रजनीकांत के दमाद धनुष से हुई. धनुष अपने बाण को ढूंढते हुए सुप्रीम कोर्ट परिसर में पहुंचे हुए थे. खिचड़ी ने धनुष को पतास (Pattas)की दूसरे लुक पर बधाई दी है और अगले जन्म में एक्टर होने की कामना की है .उसका मानना है ” एक ही रंग और ढंग से उठ चुकी है हर अगली लाइफ में कुछ चेंज मांगता है.”