Short Story In Hindi | 10 बच्चों के लिए छोटी कहानियां

Short Story In Hindi : जब कभी भी कहानियों की बात होती है तब बच्चो का भी जिक्र जरुर से किया जाता है, ऐसा इसलिए क्यूंकि कहानियाँ मुख्य रूप से बच्चों को ही सबसे ज्यादा पसदं होती है। ये कहानियां ही वह माध्यम हैं जिससे यक़ीनन उन्हें नयी प्रेरणा मिलती है और साथ ही जीवन को सही तरीके से जीने का सिख मिलती है।

जिससे की वो भविष्य में एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है। छोटे बड़े Moral Stories in Hindi काफी ज्यादा प्रेरणादायक होती हैं सभी बच्चों के लिए। वहीँ इनमें हमेशा कुछ सीख जरुर से मिलती है अंत में। इसलिए हिंदी कहानियाँ सभी को हमेशा से पसंद आती है फिर चाहे वो छोटे हो या बड़े।

इन बच्चों की कहानियों में भी आपको काफी भिन्नता देखने को मिलेंगी जैसे की राजा रानी की कहानी, जानवरों की कहानी, भूतों की कहानी | लेकिन सभी कहानियों में कुछ न कुछ सीख अवस्य से दिया गया होता है। यहाँ से आप अकबर बीरबल कहानियाँ(akbar birbal stories in hindi) पढ़ सकते है |

अक्सर आपने अपने बड़ों को यह कहते हुए जरुर सुना होगा की उनके समय में उन्हें ये कहानियां (Moral Stories in Hindi for school kids) उनके दादी, नानी या परिवार के बड़े बुजुर्ग ही सोते समय सुनाया करते थे। लेकिन समय के साथ साथ सब कुछ बदलने लगा है।

अब बच्चों को आप गाँव जाते हुए काफी कम ही देखते होंगे और वो ज्यादा समय अपने Mobile या computer में ही व्यतीत करते हैं, ऐसे में उन्हें कहानी सुनने के मज़ा नहीं मिल पाता है जो की पहले के लोगों ने अनुभव किया होगा।

शेर और चूहा : (Hindi short Story)

कई साल पहले सर्दी का दिन था और एक शेर धूप में सो रहा था। तभी वहाँ एक चूहा आया और शेर के शरीर पर कूदने लगा। जिससे तंग आकर शेर जाग उठा और उसने अपने भारी पंजो से चूहे को पकड़ लिया। शेर ने गुस्से में कहा, “मुर्ख चूहे मुझे तंग क्यों किया, अब तुझे इसकी सज़ा जरूर मिलेगी।

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इसके बाद चूहा काफी डर गया और शेर से माफ़ी मांगते हुए कहने लगा कि, मुझे जाने दो अगर आपको मेरी मदद की कभी भी जरूरत होगी तो मै आपकी मदद जरूर करूँगा। ये सुनने के बाद शेर हँसने लगा और सोचने लगा कि ये छोटा सा चूहा मेरी क्या मदद करेगा। चूहे को विनती करते देख शेर ने उसे माफ़ किया और जाने दिया।

कुछ ही दिनों बाद वो शेर जंगल में शिकारी द्वारा बिछाए गए एक जाल में फंस जाता है। शेर उस जाल से निकलने की बहुत कोशिश करता है पर वो निकल नहीं पाता। जिसके बाद वो दहाड़ना शुरू कर देता है। ये आवाज़ उस चूहे तक पहुंच जाती है और वो शेर को बचाने के लिए वहाँ पहुँच जाता है।

चूहा अपने दांतो से जाल को काटने की कोशिश करता है और अंत में वो शेर को बाहर निकालने में सफल हो जाता है। शेर चूहे के इस काम से बड़ा खुश होता है। वो चूहे से कहता है कि दोस्त मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगा और साथ ही कहता है आज से तुम मेरे सच्चे मित्र हो।

शिक्षा – कभी भी किसी को अपने से छोटा या कमज़ोर नहीं समझना चाहिए।

लालची कुत्ता : (Short Story For Kids In Hindi)

एक बारएक कुत्ते को तेज भूख लगी थी। वह खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था और अचानक उसे एक रोटी दिखी। कुत्ता रोटी को देखकर बहुत खुश हो गया। वो रोटी की तरफ गया और उसे अपने मुंह में दबाकर नदी के किनारे ले गया।

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नदी पार करते हुए कुत्ते को पानी में अपनी परछाई दिखी और उसे लगा कि, ये किसी और कुत्ते की परछाई है जो उसकी रोटी छीनना चाहता है। उसने सोचा कि वह भोंककर दूसरे कुत्ते को डरा देगा और जैसे ही उसने भोंकना शुरू किया उसकी रोटी उसके मुंह से निकलकर नदी में बह गई जिसके बाद वो भूखा ही रह गया।

शिक्षा – हमें हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए।

सारस और लोमड़ी : (Short Story With Moral In Hindi)

एक जंगल में एक लोमड़ी और सारस रहते थे। दोनों में गहरी मित्रता थी। एक दिन लोमड़ी ने सारस को देखा और वह कहने लगी, “सारस भाई, राम-राम, कैसे हो? सारस बोला लोमड़ी बहन मैं तो अच्छा हूँ तुम अपनी बताओ?

लोमड़ी को शरारत सूझी और वह कहने लगी सारस भाई मैं तुम्हे अपने घर दावत पर बुलाना चाहती हूँ, कल तुम मेरे घर भोजन करने आना। दूसरे दिन सारस लोमड़ी के घर भोजन करने पहुँचा। दोनों ने एक दूसरे को राम-राम बोला और फिर मीठी-मीठी बातें करने लगे। कुछ देर बाद लोमड़ी दो परातो में बहुत पतली खिचड़ी बनाकर ले आई और वह सारस से बोली सारस भाई आओ खाना खाएँ।

लोमड़ी तो जल्दी-जल्दी खिचड़ी खाने लगी, लेकिन सारस की लम्बी चोंच में खिचड़ी ना आई। उसे खिचड़ी ना खाते देख लोमड़ी मन ही मन बहुत खुश हुई और झूठी चिंता दिखाते हुए सारस से पूछने लगी कि क्या बात है तुम्हे पसंद नहीं आया? सारस लोमड़ी की चालाकी समझ गया और थोड़ी देर बात करने के बाद उसने लोमड़ी को बोला कि, कल तुम मेरे घर खाने पर जरूर आना लोमड़ी ने कहा हाँ मैं जरूर आऊंगी।

सारस ने मछलियाँ पकाकर दो तंग मुँह की सुराहियों में डाल दी। जब लोमड़ी आई, तो दोनों ने एक दूसरे को राम-राम करी और बातें करने लगे। कुछ देर बाद सारस सुराही उठा लाया। वह लोमड़ी को कहने लगा, बहन आओ मिलकर मछलियाँ खाएँ।

इतना बोलकर उसने अपनी चोंच सुराही में डाल दी। वह मज़े से मछलियाँ खाने लगा। लोमड़ी का इतना बड़ा मुँह सुराही के छोटे से मुँह में जा ही नहीं पा रहा था। वह सारस का मुँह देखती रह गई। अब सारस समझ गई कि लोमड़ी ने अपना बदला ले लिया है।

शिक्षा – जैसे को तैसा

प्यासा कौआ : (Story For Kids In Hindi)

एक बार गर्मी का महीना था। एक कौए को बहुत तेज़ प्यास लगी थी। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ने लगा, पर उसे कही भी पानी ना मिला। तेज़ गर्मी के कारण उसकी प्यास ओर बढ़ती जा रही थी। कौए ने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी, वह पानी की तलाश करने फिर चला गया, अचानक उसे एक पानी से भरा घड़ा दिखाई दिया। वह उस घड़े को देखकर बहुत खुश हो गया और तुरंत उड़कर घड़े के पास गया।

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घड़े में पानी इतना कम था कि, उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच सकी। यह देखकर वो परेशान हो गया। उसने हर तरीके से पानी पीने की कोशिश करी पर वो सफल ना हो पाया

वह निराश होकर जैसे ही वहाँ से जाने लगा तो उसकी नज़र अचानक कंकर पर पड़ी। वह एक-एक कंकर अपनी चोंच से उठाकर पानी में डालने लगा। धीरे-धीरे पानी ऊपर आ गया और कौए ने जी भर कर पानी पिया और वहाँ से उड़ गया।

शिक्षा – जब हमारे अंदर किसी चीज़ को पाने की इच्छा होती है तो हम वो चीज़ अवश्य हासिल कर पाते है।
प्यासा कौआ से जुड़ी एक प्रसिद्ध कविता

एक कौआ प्यासा था जग में पानी थोड़ा था,
कौए ने डाला कंकर, पानी आया ऊपर,
कौए ने पीया पानी, खत्म हुई कहानी।।

सोने का अंडा देने वाले हंस की कहानी : (Short Stories In Hindi For Kids)


एक गाँव में एक हंस पालने वाला अपनी पत्नि के साथ रहता था। वह रोज बाजार में जाकर हंस खरीदता और घर आकर उनकी देखभाल करता था। हर दिन की तरह वो बाजार से एक हंस खरीद कर लाया। वो सबकी तरह उसे भी बहुत प्यार से पालने लगा और धीरे-धीरे वो हंस तंदुरुस्त बन गया। कुछ महीने बाद उस हंस ने अंडा दिया, जिसको देखने के बाद व्यापारी और उसकी पत्नी दोनों ही हैरान रह गए। वह अंडा सोने का था।

वह हंस हमेशा सोने का अंडा देता और पति-पत्नी उसे बेचकर पैसे कमाते। सोने के अंडे को देखकर उनके मन में लालच बढ़ने लगा और व्यापारी ने सोचा कि, अगर ये हर रोज एक सोने का अंडा देता है तो उसके अंदर और कितने अंडे होंगे। ये सोचकर उन्हें एक तरकीब आई और उन्होंने हंस को मार डाला और जब उसका पेट चीर कर देखा तो उस में एक भी अंडा नहीं था जिसके बाद वो बहुत रोए।

शिक्षा – लालच बुरी बला है।

चींटी और कबूतर : (Hindi Short Stories)

गर्मी के समय की बात है। एक चींटी को बहुत प्यास लगी थी। वो पानी की तलाश करते हुए एक नदी के किनारे पहुंच गई। नदी से पानी पीने के लिए वो एक छोटी चट्टान पर चढ़ गई। जैसे ही वो पानी पीने लगी, वो चट्टान से फिसल कर नदी में जा गिरी। पानी का बहाव बहुत तेज था और वो नदी में बहने लगी। वहीं नदी के पास बहुत बड़ा पेड़ था, जिस पर एक कबूतर बैठा हुआ था।

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अचानक उस कबूतर की नज़र चींटी पर पड़ी उसने उसकी मदद के लिए पेड़ से एक पत्ता तोड़ कर नदी में फेंका और चींटी उस पर चढ़ गई। कुछ देर बाद पत्ता बहकर सूखी जमीन पर पहुँच गया और चींटी बाहर आ गई। चींटी ने कबूतर का धन्यवाद किया।

शाम को एक शिकारी कबूतर का शिकार करने आया। कबूतर इस बात से अनजान था और आराम से सो रहा था। चींटी ने जैसे ही शिकारी को देखा तो उसने उसके पांव में जाकर काट दिया। इससे उस शिकारी की चीख निकल गई और वो चिलाने लगा। उसकी चीख से कबूतर जाग गया और उड़ गया। कबूतर ने चींटी की जान बचाकर जो नेक काम किया था। आज उसी ने उसकी जान बचाई है।

शिक्षा – कर भला तो हो भला।

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झूठा दोस्त (Short Moral Story In Hindi)

एक बार कि बात हैं, हिरण और कौआ बहुत अच्छे दोस्त थे। वे दोनों हर दुख-सुख में एक दूसरे का साथ दिया करते थे। एक दिन कौए ने हिरण को सियार के साथ देख लिया। कौए ने हिरण को समझाया कि सियार बहुत चालाक जानवर है, वो हर किसी को अपने जाल में फंसा लेता है इसलिए उसका साथ छोड़ दे। हिरण ने कौए की सलाह पर ध्यान नहीं दिया और सियार के साथ खेत में चला गया। हिरण वहाँ लगे जाल में फंस गया।

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सियार उससे कहने लगा “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूं, वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा”। हिरन चिल्लाने लगा, तभी वहां कौआ आया और उसने हिरन से कहा तुम ऐसे लेट जाओ जैसे की तुम मर गए हो। हिरन ने आपने दोस्त की बात मानी और वैसे ही करा।

थोड़ी देर बाद वहाँ किसान आया और उसने देखा कि हिरन तो मर गया, ये देखकर वो बहुत खुश हुआ। किसान ने जल्दी से जाल खोला और जाल खुलते ही हिरन वहाँ से भाग निकला। ये देखकर किसान बहुत गुस्सा हुआ और सियार को खूब मारा और उसे वहाँ से भगा दिया।

शिक्षा – किसी पर कभी भी आसानी से भरोसा नहीं करना चाहिए।

लोमड़ी और अंगूर (Bacchon Ki Kahani)


एक बार जंगल में भूखी लोमड़ी खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। काफी देर घूमने के बाद भी उसे खाना नहीं मिला। थोड़ी देर तक घूमने के बाद उसे एक पेड़ दिखाई दिया। उस पेड़ पर रसीले अंगूर के गुच्छे लटक रहे थे। यह देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आने लगा। लोमड़ी ने मन में सोचा कि “ये अंगूर तो बहुत सवादिष्ट लग रहे है और मैं ये जरूर खाऊंगी”। अंगूर बहुत ऊपर लगे हुए थे। लोमड़ी ने छलांग लगाकर अंगूर तोड़ने की कोशिश करी, पर वह असफल रही।

बहुत देर तक कोशिश करने के बाद वो सोचने लगी कि, अब कोशिश करना बेकार है। वह अपने आप से कहने लगी अब उसे ये अंगूर नहीं चाहिए, यह तो खट्टे है। लोमड़ी का व्यवहार ये बताता है कि जब हम किसी चीज को पाने में असफल हो जाते है तो उसमें कमियां निकालने लगते है। थोड़ी देर बाद लोमड़ी चुपचाप जंगल के दूसरी ओर निकल पड़ी।

शिक्षा – अपनी कमियों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए।

माँ का प्यार : (Moral Story In Hindi Short)

एक शानदार महल में एक खूबसूरत परी रहती थी, जिसे अपनी खूबसूरती पर बड़ा घमंड था। एक दिन उस परी ने घोषणा करी कि, “जिस प्राणी का बच्चा सबसे ज्यादा सुंदर होगा, उसे मैं इनाम दूँगी”। ये सुनकर सभी खुश हो गए और अपने-अपने बच्चों के साथ पुरस्कार को जीतने की चाह में एक स्थान पर जमा हो गए। परी सारे बच्चों को ध्यान से देखने लगी।

वहाँ पर एक बंदरिया का बच्चा आया हुआ था। जब उसने बंदरिया के चपटी नाक वाले बच्चे को देखा, तो वो उसे देखकर बोलने लगी छिः! कितना कुरूप है यह बच्चा। इसके माता-पिता को तो मै कभी पुरस्कार नहीं दे सकती। परी की यह बात सुनकर उस बच्चे की माँ को बहुत बुरा लगा। वो अपने बच्चे को हृदय से लगाकर कहने लगी “मेरा लाल तू तो बहुत ही सुंदर है, मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ मेरे लिए तो तू ही सबसे बड़ा पुरस्कार है”। मैं कोई दूसरा पुरस्कार प्राप्त करना नहीं चाहती। भगवान तुझे लंबी उम्र दे।

शिक्षा – माँ जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं।

संगति का असर : (Short Moral Stories in Hindi For Class 2)


राम और श्याम दो भाई थे, दोनों एक ही कक्षा में पढ़ा करते थे। राम पढ़ने में बहुत हुशियार था। पर उसका भाई पढ़ने से दूर भागता था। राम के जो दोस्त थे वो पढ़ने में अवल थे और वही दूसरी तरफ श्याम के दोस्तो को पढ़ने में बिलकुल दिलचस्पी नहीं थी, वो पढ़ाई से दूर भागते थे। ये सब देखने के बाद राम अपने भाई श्याम को उसके दोस्तों से दूर रहने के लिए बोलता था, लेकिन श्याम अपने भाई की बात नहीं सुनता और उसे कहता की आप अपने काम से मतलब रखो।

एक दिन श्याम अपने भाई के साथ स्कूल जा रहा था। उसका भाई राम कक्षा में चला गया अचानक श्याम के दोस्त आए और उसे कहने लगे कि आज हमारे दोस्त हरि का जन्मदिन है, इसलिए आज स्कूल ना जाओ। पहले तो श्याम ने मना किया, किंतु दोस्तों के बार-बार बोलने पर वह उनके साथ चला गया। धीरे-धीरे श्याम को आदत हो गई और वो हर रोज ऐसा करने लगा।

कुछ दिन बाद परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, जिसमे श्याम और उसके दोस्त फेल हो गए। वही उसके भाई ने प्रथम स्थान हासिल किया। श्याम अपने घर मार्कशीट लेकर गया उसके माता-पिता ने जब उसके अंक देखे वो बहुत उदास हुए कि हमारा एक बेटा पढ़ने में इतना अच्छा है और दूसरा इतना नालायक।

श्याम को महसूस हुआ कि मैंने अपने माता-पिता का दिल दुखाया है जिसके बाद उसने उन्हें भोरसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में आपको सफल होकर दिखाउँगा। श्याम ने अपने उन सब दोस्तों को छोड़ दिया जिन्होंने उसकी सफलता में उसका मार्ग रोका था और वो अपनी पढ़ाई में ध्यान देने लगा।

नतीजा यह हुआ कि साल भर की मेहनत से वह परीक्षा में सफल ही नहीं बल्कि उसने विद्यालय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। उसके माता-पिता को बहुत खुशी हुई है और उन्होंने श्याम को गले से लगाया और शाबाशी दी।

शिक्षा – जैसी संगति वैसा ही परिणाम

बुद्धिमान साधू

एक बड़ा सा राजमहल था, जिसके द्वार पर एक साधु आया और वो साधु द्वारपाल से आकर कहने लगा कि अंदर जाकर राजा से कहो कि उनका भाई उनसे मिलने आया है। द्वारपाल सोचने लग गया कि ये साधु के भेस में राजा से कौन मिलने आया है जो राजा को अपना भाई बता रहा है। फिर द्वारपाल ने समझा कि क्या पता कोई दूर का रिश्तेदार हो जिसने सन्यास ले लिया हो। द्वारपाल ने अंदर जाकर सूचना दी जिसके बाद राजा मुस्कुराने लगे और उन्होंने कहा कि साधु को अंदर भेज दो।

साधु ने पूछा, “ कैसे हो भैया

राजा ने जवाब दिया, “ मैं ठीक हूँ, तुम बताओ, तुम कैसे हो?

साधु ने राजा को कहा कि, “ मैं जिस महल में रहता हूँ वो बहुत ही ज्यादा पुराना हो गया है। कभी भी टूटकर गिर सकता है। यहाँ तक की मेरे 32 नौकर थे वो भी एक-एक करके चले गए। ये सब सुनकर राजा ने साधु को 10 सोने के सिक्के देने का आदेश दिया। पर साधु ने कहा 10 सोने के सिक्के तो कम है। ये सुनकर राजा ने कहा कि अभी तो इतना ही है तुम इससे काम चलाओ इसके बाद साधु वहाँ से चला गया।

साधु को देखकर मंत्रियो के मन में भी कई सवाल उठ रहे थे, उन्होंने राजा से कहा कि जितना हमे पता है आपका तो कोई भाई नहीं है तो अपने उस साधु को इतना बड़ा इनाम क्यों दिया? राजा ने जवाब देते हुए कहा, “देखो भाग्य के दो पहलू होते है- राजा और रंक, इस नाते उसने मुझे भाई बोला।

राजा ने समझते हुए कहा कि जर्जर महल से उसका मतलब उसका बूढ़ा शरीर था, 32 नौकर से उसका मतलब 32 दाँत थे। समंदर के बहाने उसने मुझे उलाझना दिया कि राजमहल में उसके पैर रखते ही मेरा राजकोष सुख गया, क्योंकि मैं मात्र उसे दस सोने के सिक्के दे रहा था जबकि मेरी हैसियत उसे सोने से तोल देने की है। इसलिए राजा ने ऐलान किया कि मैं उसे अपना सलाहकार नियुक्त करुँगा।

शिक्षा – किसी व्यक्ति के बाहरी रंग रूप से उसकी बुद्धिमत्ता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
एक नज़र इस पर भी: Samay Ka Mahatva – समय का महत्व पर निबंध 100 शब्द।

शेर की चाल : Short Moral Stories in Hindi

एक घना जंगल था वहाँ चार बैल रहते थे। चारों बैल में काफी गहरी मित्रता थी। शेर की एक इच्छा थी वो चाहता था कि इन में से अगर कोई बैल मुझे अकेला मिल जाये तो मैं उसे मार कर खा जाऊँ। पर शेर की ये इच्छा कभी पूरी नहीं हुई। चारो बैल हमेशा झुंड बनाकर रखते थे और हमेशा एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहते थे।

शेर उनके बड़े सींगो से काफी डरता था, और उनसे दूर भागता था। एक दिन शेर ने सोचा कि ये चारो कभी भी एक दूसरे से अलग नहीं होते, मुझे कुछ ऐसा सोचना होगा जिससे मैं उन्हें एक दूसरे से अलग कर पाऊँ। इसलिए वह कोई ऐसी योजना सोचने लगा जिससे उनकी मित्रता तोड़ी जाए। एक दिन वह एक बैल के पास गया और उससे बोला, “तुम्हारे मित्र कहते है कि तुम बहुत बड़े मुर्ख हो।

यह सुनकर बैल को बहुत बुरा लगा और उसने दूसरे बैलों से बोलना छोड़ दिया। इसी तरह शेर ने सारे बैलों के बीच में एक दूसरे के लिए नफरत भर दी। इसके बाद शेर ने एक दिन एक बैल पर हमला कर दिया, ये देखकर तीनो बैल उसकी सहायता करने के लिए आगे आ गए। पहली बैल ने धन्यवाद करते हुए कहा कि हम मूर्ख नहीं है , जो शेर की चाल में आ जाते।

शिक्षा – एकता में ही बल है।

गरीब लकड़हारा : Motivational Short Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, एक गरीब लकड़हारा अपने सात बच्चों के साथ रहता था। वह इतना गरीब था कि अपने बच्चों को ठीक से खाना भी नहीं दे पाता था। इसी को देखते हुए उसने अपने बच्चों को जंगल में छोड़ने का फैसला किया।

लकड़हारा के छोटे बच्चे ने उसकी ये बात सुन ली। उसने बहुत सारे सफ़ेद पत्थर अपनी जेब में भर लिए। अगले दिन जब वे जंगल में जा रहे थे तो वह रास्ते में पत्थर गिराता रहा। उनके पिता जंगल में बच्चों को छोड़कर वापिस चले गए। छोटा बच्चा उन पथरो की मदद से अपने भाई-बहनों को घर ले आया। अगली बार वह बच्चा पत्थर नहीं बटोर पाया इसलिए उसने रास्ते में रोटी के टुकड़े फांके जिन्हे चिड़िया और जानवर खा गए। बच्चे इस बार घर का रास्ता नहीं ढूंढ पाए और वे रोने लगे।

वही घर में जब बच्चों के पिता को अपनी गलती का अहसास हुआ, तो वह जंगल में अपने बच्चों को ढूंढ़ने निकल गए। अपने पिता को सामने देखकर बच्चे भाग कर उनके पास गए। पिता ने उनसे वादा किया कि आगे से वह ऐसा कभी नहीं करेंगे। बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी अपने पिता के साथ घर की ओर चल पड़े।

लालची शेर की कहानी: Short Stories in Hindi for Kids


गर्मी में जंगल के एक शेर को बहुत जोरों से भूख लगी. इसलिए वो इधर उधर खाने की तलाश करने लगा. कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला, लेकिन उसे खाने के बदले में उसे उसने छोड़ दिया क्यूंकि उसे वो बहुत ही छोटा लगा.

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फिर कुछ देर ढूंढने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला, उसने उसका पीछा किया लेकिन वो बहुत से खाने की तलाश कर रहा था ऐसे में वो थक गया था, जिसके कारण वो हिरन को पकड़ नहीं पाया.

अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वो वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचा. वहीँ जब वो वापस उसी स्थान में आया था उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्यूंकि वो वहां से जा चूका था. अब शेर काफ़ी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहना पड़ा.

सीख

इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नहीं होता है.

सुई पेड़ की कहानी : Hindi Short Stories with Moral

एक जंगल के बगल के गांव में दो भाई रहा करते थे. इन दोनों में बड़ा भाई छोटे भाई के साथ बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था . जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना ख लेता था और साथ में छोटे भाई के नए कपड़े भी खुद पहन लेता था.

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एक दिन बड़े भाई ने सोचा की वो पास के जंगल में जाकर कुछ लकड़ियाँ लायेगा जिसे की वो बाद में बाज़ार में बेच देगा कुछ पैसों के लिए.

जैसे ही वह जंगल में गया वहीं वो बहुत से पेड़ काटे, फ़िर ऐसे ही एक के बाद एक पेड़ काटते हुए, वह एक जादुई पेड़ पर ठोकर खाई.

ऐसे में पेड़ ने कहा, अरे मेहरबान , कृपया मेरी शाखाएं मत काटो. अगर तुम मुझे छोड़ दो तब, मैं तुम्हें एक सुनहरा सेब दूंगा. वह उस समय सहमत हो गया, लेकिन उसके मन में लालच जागृत हुआ. उसने पेड़ को धमकी दी कि अगर उसने उसे ज्यादा सेब नहीं दिया तो वह पूरा धड़ काट देगा।

ऐसे में जादुई पेड़, बजाय बड़े भाई को सेब देने के, उसने उसके ऊपर सैकड़ों सुइयों की बौछार कर दी. इससे बड़े भाई दर्द के मारे जमीन पर लेटे रोने लगा.

अब दिन धीरे धीरे ढलने लगा, वहीँ छोटे भाई को चिंता होने लगी. इसलिए वह अपने बड़े भाई की तलाश में जंगल चला गया. उसने उस पेड़ के पास बड़े भाई को दर्द में पड़ा हुआ पाया, जिसके शरीर पर सैकड़ों सुई चुभी थी. उसके मन में दया आई, वह अपने भाई के पास पहुंचकर, धीरे धीरे हर सुई को प्यार से हटा दिया.

ये सब बड़ा भाई देख रहा था और उसे अपने पर गुस्सा आ रहा था. अब बड़े भाई ने उसके साथ बुरा बर्ताव करने के लिए छोटे भाई से माफी मांगी और बेहतर होने का वादा किया. पेड़ ने बड़े भाई के दिल में आए बदलाव को देखा और उन्हें वह सब सुनहरा सेब दिया जितना की उन्हें आगे चलकर जरुरत होने वाली थी.

सीख
इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमेशा सभी को दयालु और शालीन बनना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को हमेशा पुरस्कृत किया जाता है.

Conclusion

बच्चों के मानसिक विकास के लिए कहानियाँ जरूरी भूमिका निभाती है। इसके साथ ही उन्हें एक अच्छा ईमानदार और सोचने वाला इंसान बनाने में मदद करती है। कहानियां सबके जीवन का एक अहम हिस्सा है, जिसके चलते आज हम आपके लिए Short Stories In Hindi For Kids और इसके साथ ही Moral Short Story In Hindi लेकर आए है, जिसे पढ़ने के बाद आपने इनसे कुछ न कुछ जरूर सीखा होगा।

उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई बच्चों की कहानी आपको जरूर पसंद आई होंगी, आपके बच्चे को सबसे अच्छी Short Stories Hindi कौन-सी लगी हमें नीचे Comment बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये।