शहर के कौवे की कहानी ( Moral story in hindi for class 4 )

Moral story in hindi for class 4: अकबर को अपने दरबारियों से पहेलियाँ पूछने का शौक था और वो अक्सर अपने दरबार में राजदरबारियों को मुश्किल में डाल दिया करते थे। अकबर ने अपने दरबार में पूछा ” पूरे शहर में कितने कौवे है ?”पूरे राजदरबारी विपदा में आ गए और उनके पसीने छूटने लगे।


इसी बिच अकबर के मंत्री बीरबल प्रवेश करते है और उन्होंने माहौल को भांपते हुए अकबर से जबाब देने की अनुमति मांगते है। अकबर अकबर ने ख़ुशी से उत्तर जानना चाहा. बीरबल ने बोला ” इस सहर में पूरे सत्तर हजार आठ सौ एक हत्तर कौवे है। “अकबर ने बीरबल से पूछा “आपके इतने यकीं से ये संख्या कैसे मालूम ?”

बीरबल ने कहा ” आप अपने सैनिक भेज के गिनवा लीजिये ,अगर गिनती में कम हुए तो इसका मतलब कुछ कौवे अपने रिश्तेदारों के यहाँ गए है और ज्यादा हुए तो कुछ कौवो के यहाँ नए रिश्तेदार घूमने आये है। ” अकबर बीरबल की समझदारी से प्रसन्न हुए और हिरे का हार उनको इनाम में दिया।

कहानी से सीख (moral story in hindi for class 4)
एक हाश्य से भरा उत्तर भी काम आ सकता है भले वो एकदम सही ना हो