Reiki In Hindi
रेकी करने की विधि, तरीका, फायदे : रेकी (Reiki) यह एक जापानी चिकत्सा पद्धति है जिसमे मास्टर या हीलर अपने शिष्य या पीड़ित या ग्राहक को अपने स्पर्श द्वारा या दूर दराज बैठे किसी व्यक्ति का इलाज कर सकता है.
1920 के दशक में मिकाओ उसुई नाम के एक जापानी बौद्ध भिक्षु ने रेकी नामक प्राकृतिक चिकित्सा की एक प्रणाली तैयार की। इसमें शरीर में जीवन ऊर्जा को बहाल करने, शारीरिक और मानसिक रूप से उपचार करने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना शामिल है।
रेकी एक साधारण विधि है, लेकिन इसे पारंपरिक तौर पर नहीं सिखाया जा सकता। विद्यार्थी इसे रेकी मास्टर से ही सीखता है। इसे आध्यात्म आधारित अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। चिन्ता, क्रोध, लोभ, उत्तेजना और तनाव शरीर के अंगों एवं नाड़ियो में हलचल पैदा करते देते हैं, जिससे रक्त धमनियों में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
इसमें मास्टर/ हीलर अपने स्पर्श के माध्यम से रोगी के शरीर में उर्जा का प्रवाह तरंग के रूप में करता है और रोगी को उस उर्जा से शक्ति मिलती है जिससे वो ठीक हो जाता है. रेकी की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण इसका सरल एवं असरदार होना है.
यह तकनीक चिकित्सक को रेकी प्रक्रिया के लिए जागरूक और जिम्मेदार होने का आग्रह करती है क्योंकि परंपरा का मानना है कि जब चिकित्सक पूरी तरह से शामिल हो जाता है तो उपचार जल्दी होता है. रेकी गठिया, दमा, कैंसर, रक्तचाप, पक्षाघात, अल्सर, एसिडिटी, पथरी, बवासीर, मधुमेह, अनिद्रा, मोटापा, गुर्दे के रोग, आंखों के रोग , स्त्री रोग, बाँझपन, शक्तिन्यूनता और पागलपन तक दूर करने में समर्थ है
reiki info in hindi

रेकी एक जापानी शब्द है .रेकी को हिंदी में हम “रे” +”की” में संधि विच्छेद करके देख सकते है. यंहा पर रे का अर्थ है “अध्यात्मिक” और “की” का अर्थ है “अत्यावश्यक” या अति महत्वपूर्ण उर्जा या एनेर्जी .आधुनिक विज्ञानं इसे नहीं मानता किसी भी मेडिकल साइंस में इसकी एक पक्की मान्यता नहीं है.
रेकी के पाँच सिद्धांत
- बस आज के लिए गुस्सा मत करो
- बस आज के लिए चिंता मत करो
- आभारी होना
- कड़ी मेहनत
- दूसरों के प्रति दयालु बनें
मनुष्य का शरीर कई तरह की उर्जाओ यानी एनर्जी का सोत्र है और हम जीवन निर्वाह के लिए इन एनेर्जी को भिन्न भिन्न तरीको से ग्रहण करते है .एक एनर्जी का दूसरी एनर्जी में बदलाव हमारे शरीर में निरंतर होता रहता है जिसे साइंस की भाषा में एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन या रुपंतार्ण कहते है
मनुष्य के शरीर में मैकेनिक, इलेक्ट्रिकल ,चुम्बकीय ,बायो केमिकल ,कॉस्मिक उर्जा का प्रवेश, रुपंतार्ण और निर्माण अलग लग तरीको से और शरीर की भिन्न भिन्न अंगो द्वारा होता है.
बहुत सारी गतिविधियां इन तरंगो के कारण होता है जैसे आम आदमी का ऑपरेशन थिएटर में बेहोस हो जाना या किसी बहुत ही सुन्दर स्त्री को देख किसी व्यक्ति का होस खो देना या सिनेमा हाल में किसी की दयनीय दशा देख आंसू आना .
ऐसा ही कुछ असर हमारे शरीर में कुछ सुनने और सूंघने से भी होता है.ऐसा ही कुछ प्रभाव हम तब महसूस करते है जब कोई आपको छूता है.किसी खुबसूरत कमसिन लड़की का स्पर्श किसी मनचले के लिए क्या मायने है इसे समझने की जरूरत नहीं.
reiki ke siddhant
मानव शरीर के इर्द गिर्द कई तरह की एनेर्जी उपस्थित होती है जिन्हें हम आम अवस्था में महसूस नहीं कर पाते.यह एनेर्जी दुसरे ग्रहों से उत्सर्जित उर्जा या अत्यंत सूक्ष्म (ना दिखने वाले) जीवो से या इंसानी शरीर को ना सुनने,दिखाई औए महसूस होने वाली धाराओ के प्रवाह के कारण होती है. हमारी इन्द्रिया इन्हें regulate संचित करती रहती है.

रेकी में शरीर भी कुछ एनर्जी का आदान प्रदान एक खास कोड या खास फ्रीक्वेंसी की तरंग या वेव के माध्यम से कर सकता है. यह तरंग हर व्यक्ति विशेष के लिए अलग अलग होती है जैसे हर इन्सान के हस्त छाप या दांतों की बनावट या डीएनए या आँखों का रेटिना अलग अलग होता है
रेकी हीलिंग में मास्टर एक खास तरीके से अपने आस पास की धारायो को एक कर उनको एक दिशा दे कर रोगी के शरीर में प्रवेश कराता है इसके लिए मास्टर को पहले रोगी की शारीरिक और मानसिक स्थिति का ज्ञान होना अति आवशयक है .
एक काबिल रेकी मास्टर रोगी के शरीर में आए इस उर्जा के विघ्न को समझ रोगी के शारीर में सही उर्जा का सही स्थान में प्रवेश देकर उसके ब्लॉकेज को खोल या अनियंत्रित हुए उर्जा निर्माण को नियंत्रित कर देता है
reiki ki vidhi
हम रेकी को सिर्फ एक मनोचिकित्सका के विकल्प के तौर पर तो देख सकते है .जैसे मनोचिकितसक रोगी से बातचीत कर उसकी मानसिक स्थिति का जायजा लेकर उसका इलाज करता है. वैसे ही एक रेकी मास्टर अपने रोगी के शरीर के अलग अलग एनर्जी के पैटर्न को समझ उन्हें व्यवस्थित कर सकता है ….
यह सब एक खास तरीके के स्पर्श से संभव है जिसमे मास्टर एक खास तरीके से शरीर के भिन्न भिन्न अंगो को एक नियमित अन्तराल पे छु कर उन्हें उत्तेजित या शांत कर देता है .
एक काबिल रेकी मास्टर कुछ विशेष उपग्रह की एनर्जी के माध्यम से या अपने शारीर के औरा से दूर बैठे किसी रोगी के शरीर में कुछ विशेष प्रकार की ना दिखने वाली प्रकाशीय उर्जा को भेज सकता है.जैसे इन्फ्रारेड ,अल्ट्रा वायलेट ,गामा माइक्रो वेव आदि
जिन लोगो को इस कला रिमोट रेकी हीलिंग का ज्ञान है वो इसे छिपा कर रखते है और शायद उनमे वैज्ञानिक द्रष्टिकोण की कमी होने के कारण वो इसे किसी दैवीय शक्ति का वरदान समझते है .
Reiki in hindi ? रेकी ध्यान क्या है?
रेकी शब्द में रे का अर्थ है वैश्विक/ सर्वव्यापी है। इस विधि को आध्यात्मिक चेतन अवस्था या अलौकिक ज्ञान भी कहा जा सकता है। इसे सर्व ज्ञान भी कहा जाता है जिसके द्वारा सभी समस्याओं की जड़ में जाकर उनका उपचार खोजा जाता है। समग्र औषधि के तौर पर रेकी को बहुत पसंद किया जाता है। रेकी की मान्यता है कि जब तक कोई प्राणी जीवित है, ‘की’ उसके गिर्द रहती है। जब ‘की’ उसे छोड़ जाती है, तब उस प्राणी की मृत्यु होती है। विचार, भाव और आध्यात्मिक जीवन भी ‘की’ के माध्यम से उपजते हैं। रेकी एक साधारण विधि है । विद्यार्थी इसे रेकी मास्टर से ही सीखता है।
रेकी ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप मौन और शांत
मन का अनुभव कर सकते हैं। इसमें आपके ध्यान के अनुभव को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतीक
और मंत्र शामिल हैं। इसके अभ्यास का तरीका जानने के लिए नीचे देखें।
इसके द्वारा विशिष्ट आदर्शो के अधीन रहना होता है। संस्कृत शब्द प्राण इसी का पर्यायवाची है। चीन में इसे ची कहा जाता है। रेकी के विशेषज्ञ नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर उसे सकारात्मक ऊर्जा में बदलने पर जोर देते हैं। उपचार करते समय रेकी विशेषज्ञ के हाथ गर्म हो जाते हैं।
रेकी का इस्तेमाल मार्शल आर्ट़स विशेषज्ञ भी करते हैं। यह विद्या दो दिन के शिविर में सिखाई जाती है, ।[ इस शिविर में रेकी प्रशिक्षक द्वारा व्यक्ति को सुसंगतता (‘एट्यूनमेंट’ या ‘इनिसियेशन’ या ‘शक्तिपात’)प्रदान की जाती है। इससे व्यक्ति के शरीर में स्थित शक्ति केंद्र जिन्हें चक्र कहते है, पूरी तरह गतिमान हो जाते हैं, जिससे उनमें ‘जीनव शक्ति’ का संचार होने लगता है।
Reiki steps in hindi
रेकी का प्रशिक्षण मास्टर एवं ग्रैंड मास्टर पांच चरणों में देते हैं।
- प्रथम डिगरी
- द्वितीय डिगरी
- तृतीय डिगरी
- करुणा रेकी
- मास्टर्स रेकी
रेकी ध्यान में चार क्रियाएं है
मन की सफाई
चक्र बल क्रिया
हाथो द्वारा हीलिंग
प्रार्थना क्रिया
मन की सफाई | reiki meditation techniques in hindi
सीधे अपनी पीठ के साथ एक चटाई पर आराम से बैठें या लेटें। शांत और तनावमुक्त रहने का प्रयास करें। एक गहरी सास लो। कल्पना करें कि आपको उन सभी खुशियों और अच्छाईयों के बारे में पता है, और इस सोच के साथ गहराई से सास बाहर निकलें कि अवसाद, भय और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाएं आपके सिस्टम से बाहर हो रही हैं। इस तरीके से एक-दो बार सांस लें और देखें कि आपका मन और शरीर किस तरह से धुनता है और आराम करता है।
चक्र बल Chakra Forces
आपके शरीर में सात चक्र हैं, आपकी रीढ़ के आधार से लेकर आपके सिर के ऊपर तक, जो शरीर के ऊर्जा केंद्र हैं। प्रत्येक चक्र क्षेत्र में अपने हाथ को अपने शरीर के सामने रखें और अपने शरीर की आवश्यकता के आधार पर प्रत्येक स्थिति में कुछ मिनटों तक पकड़ें। यदि आपको लगता है कि आपका शरीर हाथ को लंबे समय तक रहने के लिए कह रहा है, तो उसे रहने दें। अगर आपके शरीर में काफी दर्द हो रहा हो तो उसे हटा दें।
जैसा कि आप अपने हाथों से अपने शरीर में धुनते हैं, ब्रह्माण्ड की जीवन शक्ति की कल्पना अपने हाथों से अपने शरीर में प्रवेश करते हुए चक्रों के माध्यम से करते हैं। इस ऊर्जा प्रवाह के साथ अपने शरीर को फिर से जीवंत महसूस करें, और गहरी विश्राम और कायाकल्प की स्थिति में जाएं।
हाथो द्वारा हीलिंग
सबसे पहले अपनी हथेलियों को अपने सिर के ऊपर रखें। वहां हाथों को पकड़ें और ध्यान और ध्यान से अपने शरीर को सुनने की कोशिश करें। ऐसा करते समय, गहरी और धीरे-धीरे सांस लें, नकारात्मक को हटा दें और अपने सिस्टम में सकारात्मकता को बढ़ाएं। आराम करें। अपने हाथों को माथे पर और फिर अपने सिर के पीछे रखें।

गले तक नीचे जाएं और एक हाथ धीरे से उस पर रखें और दूसरा अपनी गर्दन के पीछे। इसे कुछ समय के लिए पकड़ो . अब नीचे जाएं और अपने हाथों को अपने कंधों पर रखें, नीचे की ओर उँगलियों की तरफ, छाती से अपने दिल को कवर करते हुए, पसलियों के पास निचले सीने पर, अपने पेट पर, और फिर निचले पेट पर। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक स्थिति में, आप अपने स्पर्श से कोमल हैं। हाथ को तब तक पकड़ें जब तक कि आपका शरीर इसके लिए न कहे, आराम करें और अगले भाग में जाएँ।
सिर और धड़ के साथ किए जाने के बाद, अपने कूल्हों पर जाएं और अपने हाथों को अपने दोनों कूल्हों, घुटनों और पैरों पर रखें। पैरों के लिए, अपनी सुविधा के आधार पर अपने हाथों को या तो उनके ऊपर या नीचे रखें। प्रत्येक मोड़ पर, अपने शरीर के माध्यम से ऊर्जा के प्रवाह को महसूस करें।
प्रार्थना क्रिया

अपने हाथों को प्रार्थना की स्थिति में वापस लाएं और उन्हें अपनी छाती के सामने रखें। अपनी रीढ़ की हड्डी के साथ सीधे बैठें और आपका शरीर थोड़ा सा तना हुआ हो। सामान्य रूप से सांस लें और अपने शरीर के माध्यम से चलने वाली ऊर्जा को महसूस करें। ऐसा लगभग 3-5 मिनट तक करें या जब तक आपको इसे करने की आवश्यकता महसूस न हो। जब आप प्रज्वलित और सक्रिय महसूस करते हैं तो उपचार प्रक्रिया पूरी हो जाती है।