एनआर नारायणमूर्ति जीवन परिचय
Inspirational Success Stories की इस कहानी में हम आपके लिए लाये है Infosys Cofounder Nagavara Ramarao Narayana Murthy Success Story जो एक व्यक्ति की कहानी है जिन्होंने अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर Infosys की स्थापना की और अपने आत्मविश्वास, हिम्मत,साहस और दूरदर्शी सोच के साथ इस कंपनी को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में सफलता की नयी ऊँचाइयों तक पहुंचा दिया |
एनआर नारायणमूर्ति :NR Narayanmurthy Wikipedia in Hindi
जीवन परिचय बिंदु | जीवन परिचय |
पूरा नाम | एन आर नारायण मूर्ति |
जन्म | 20 अगस्त सन 1946 |
जन्म स्थान | मसूरी (वर्तमान में मयसोर), कर्नाटका, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | चेयरमैन एमेरिटस इंफोसिस |
पत्नी | सुधा मूर्ति |
बच्चे | रोहन मूर्ति और अक्षता मूर्ति |
संस्थापक | इंफोसिस |
शिक्षा | मैसूर विश्वविद्यालय से बी.ई. और IIT कानपुर से मास्टर्स |
नारायण मूर्ति का जन्म और शुरूआती जीवन (Narayana Murthy early life)
नागवार रामाराव नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 में कर्नाटक के कोलर जिले के सिद्लाघत्ता ग्राम में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था । उनके परिवार में 8 भाई और 1 बहन है | उनके पिताजी एक स्कूल शिक्षक और चाचा नागरिक सेवक के रूप में कार्य करते थे |
नारायणमूर्ति के पिता एक स्कूल अध्यापक थे। नारायणमूर्ति शुरू से ही मेधावी छात्र रहे थे। नारायणमूर्ति ने इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग की डिग्री मैसूर विश्वविद्यालय से प्राप्त की एवं बाद में आईआईट खड़गपुर से कम्प्यूटर साइन्स की पढ़ाई पूरी की।
नारायण मूर्ति को अपनी मास्टर्स की डिग्री की शिक्षा लेते वक़्त ही HMT, टेल्को, एयर इंडिया जैसे कंपनियों से उच्च वेतन पर नौकरी के मौके मिले लेकिन उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत IIM Ahemdabad में एक प्रमुख सिस्टम प्रोग्रामर के तौर पर मात्र 800 रूपये मासिक वेतन पर की | वहां पर वो रोज लगभग 20 घंटे कार्य किया करते थे |
नारायण मूर्ति का कैरियर (Narayana Murthy career)
नारायण मूर्ति के कैरियर की शुरुआत “आईआईएम अहमदाबाद” में एक प्रमुख सिस्टम प्रोग्रामर की स्थिति से हुई. वहाँ उन्होंने एक टाइम शेयरिंग कंप्यूटर प्रणाली स्थापित करने का काम किया. आईआईएम अहमदाबाद भारत का पहला और हार्वर्ड एवं स्टैंफोर्ड के बाद विश्व का तीसरा बिज़नस स्कूल है जिसने एक टाइम शेयरिंग कंप्यूटर प्रणाली को स्थापित किया. वे आईआईएम में काम में व्यस्त रहते थे किन्तु अपना काम पूरा जरूर करते थे. वे वहाँ एक दिन में 20 घंटे काम किया करते थे और बहुत कुछ सीखते थे. आज भी मूर्ति ये मानते हैं कि उनका आईआईएम में शामिल होने का निर्णय सबसे अच्छा निर्णय था, जिससे वे अपने व्यावसायिक जीवन में कुछ बन सके.
अपनी नौकरी के दौरान उन्होंने एक टाइम शेयरिंग कंप्यूटर प्रणाली स्थापित किया | इसके बाद 1970 के दशक में उन्होंने कुछ वर्ष पेरिस में रहकर विदेशो में अपना कार्य किया |इसके बाद वो फिर भारत लौटे और अपनी Softronic नामक कंपनी शुरू की जो जल्दी ही बंद हो गई जिसके बाद उन्होंने पुणे में Patni Computer System (PCS) में नौकरी शुरू की |
नागवार रामाराव नारायण मूर्ति की Patni Computer System (PCS) में नौकरी के दौरान नंदन निलेकणी और कई सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स से हुई जिनके साथ उन्होंने वर्ष 1981 में अपनी पत्नी से उधार लेकर Infosys Consultent PVT. LTD की स्थापना और शुरुआत की |
वर्ष 1981 में अपने 6 अन्य साथियों के साथ, उन्होंने मात्र 10000 की पूँजी से अपना व्यवसाय शुरू किया। तब से वर्ष 1991 तक का, 10 वर्ष का समय काफी मेहनत और कठिनाइयों में गुजरना पड़ा । नारायणमूर्ति अपनी पत्नी के साथ एक कमरे के मकान में रहते थे। वर्ष 1991 में उदारीकरण की शुरूआत के साथ उनकी कम्पनी इंफोसिस (Infosys) के बिज़नेस से दिन बदल गए।
उन्हें वर्ष 1981 में उन्हें कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया और इस तरह वो वर्ष 2002 तक अपना इस पद पर बने रहे | इस तरह वो कंपनी के इस पद पर पूरे 21 वर्ष तक रहे जिसमे उन्होंने भारतीय आईटी के विकास के लिये वैश्विक स्तर पर चलने वालो मॉडल्स का निर्माण किया और अपने नेतृत्व में एक छोटी सी सॉफ्टवेयर कंपनी को दुनिया के बड़ी कंपनियों के समकक्ष खड़ा कर दिया। यही नही वर्ष 1991 में उनकी कंपनी एक पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में तब्दील हो गई थी |
Infosys प्रथम भारतीय कम्पनी है, जिसके शेयर NASDAQ में लिस्ट हुए। आज Infosys दुनिया की सफलतम कम्पनियों में गिनी जाती है। नारायण मूर्ति सरलता एवं सादगी के प्रतीक हैं। नारायणमूर्ति का सारा परिवार आज भी दिखावटी खर्चे का विरोधी है। नारायणमूर्ति के बच्चों को भी स्वयं के द्वारा किए गए व्यय का हिसाब रखना आवश्यक है।
वर्ष में करोड़ो रुपयों का दान करने वाली कंपनी Infosys के कर्ता-धर्ता, यह परिवार वास्तव में सादगी, सरलता, कड़ी मेहनत से प्राप्त सफलता की जीता जागता मिसाल है
बाद में वो Infosys Company के अलावा कई बड़ी और नामी कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत रहे । वो एच.एस.बी.सी. के कॉर्पोरेट बोर्ड पर स्वतंत्र निदेशक के पद पर और डी.बी.एस. बैंक, यूनीलिवर, आई.सी.आई.सी.आई और एन.डी.टी.वी. आदि में निदेशक के पद पर रहे। यहीं नही अपने कैरियर में वो कई शैक्षिक और लोकोपकारी संस्थानों के सलाहकार बोर्ड और समितियों के सदस्य भी रहे |
नागवार रामाराव नारायण मूर्ति को उनके द्वारा किये गये कार्यो के लिए पद्मश्री समेत कई राष्ट्रीय,अन्तर्राष्ट्रीय,सामाजिक और औद्योगिक सम्मान मिले है |
नागवार रामाराव नारायण मूर्ति के परिवार में उनकी पत्नी सुधा मूर्ति जो की एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका है और उनके 1 पुत्र और पुत्री है |