राहुल गांधी जीवन परिचय
राहुल अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य है, जो कि राजनीति में कार्यरत है. ये अभी फिलहाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत भी है और इसी के साथ ये नेशनल यूथ यूनियन और राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के चेयरपर्सन भी है. इससे पहले राहुल अपनी पार्टी में सचिव पद पर कार्यरत थे, इसके अलावा वे भारतीय संसद के सदस्य भी है. वर्तमान में 50 वर्षीय राहुल ही पूरी पार्टी कि बागडोर अपने हाथ में लिए हुये है, और राहुल गांधी के दिशा निर्देशों पर पार्टी चलायमान है. राहुल का शुरुआती जीवन, शिक्षा, करियर और वाद-विवाद संबंधित अन्य जानकारी के लिए हमारा आर्टिक्ल पूरा पढे.’
नाम (Name) | राहुल गांधी |
जन्म तारीख (Birth date) | 19 जून 1970 |
धर्म (Religion) | हिन्दू ब्राह्मण |
नागरिकता (Nationality) | भारतीय |
निवास स्थान (Residence) | नई दिल्ली, भारत |
राशि (Zodiac Sign) | मिथुन |
राजनैतिक पार्टी (Political Party) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
स्कूलिंग (Schooling) | सेंट कोलंबा’स स्कूल, दिल्ली और द दून स्कूल, देहरादून |
कॉलेज (College) | सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली और द हावर्ड यूनिवर्सिटी |
एम.फिल (M. Phil) | ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज |
प्रॉफेश्नल बेग्राउंड (Professional Background) | लंदन बेस्ड मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म “मॉनिटर ग्रुप” के साथ काम किया .2002 में मुंबई की कंपनी बेकअप्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के डाइरेक्टर के रूप में कार्य किया |
राजनीतिक करियर (Political Career ) | भारतीय युवा कांग्रेस के चेयरपर्सन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन 2007 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सचिव बने, 2013 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने |
राहुल गांधी जीवन परिचय
राहुल गांधी की शिक्षा (Education) –
जब राहुल ने शिक्षा लेना आरंभ किया, तो वे सर्वप्रथम दिल्ली की सेंट कोलंबस स्कूल गए, परंतु फिर कुछ समय बाद इनका दाखिला उत्तराखंड के मशहूर स्कूल द दून स्कूल में कराया गया. परंतु फिर कुछ घटनाए जैसे इंदिरा गांधी की हत्या, राजीव गांधी का पीएम बनना और एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा इनके पूरे परिवार को धमकिया दिये जाना आदि के कारण राहुल और उनकी बहन दोनों को ही अपनी आगामी शिक्षा स्कूल को छोड़ घर से पूरी करने के लिए विवश होना पढ़ा. परंतु जब 1889 में राहुल ने युवा अवस्था में कदम रखा, तो इन्होने दिल्ली के ही सेंट स्टीफन कॉलेज में प्रवेश लिया.
यहाँ पर इन्होने केवल 1 वर्ष तक पढ़ाई की और इसके बाद वे हावर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. उनके लिए यह व्यवस्था भी ज्यादा दिनों तक काम नहीं कर सकी, और उनके पिता राजीव गाँधी की हत्या कर दी गयी, पुनः सुरक्षा की दृष्टी से इन्हे फ्लोरिडा कॉलेज में स्थानांतरित किया गया, यही से इन्होने 1994 में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया.
यहां पर इनकी सुरक्षा के लिए इनकी पहचान अन्य लोगों से छुपाकर रखी गई थी, केवल इनकी सुरक्षा एजेंसी और कॉलेज के अधिकारी इनकी असली पहचान जानते थे. इसके बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से इन्होने अपना एम. फिल पूरा किया. इस प्रकार राहुल एक उच्च शिक्षित नेता है.
पिता (Father) | राजीव गांधी |
माता (Mother) | सोनिया गांधी |
दादा (Grand Father) | फिरोज गांधी |
दादी (Grand Mother) | इंदिरा गांधी |
दादी के पिता (Great Grand Father) | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
दादी की माताजी (Great Grand Mother) | कमला नेहरू |
चाचा (Uncle) | संजय गांधी |
चाची (Aunt) | मेनका गांधी |
बहन (Sister) | प्रियंका गांधी |
भाई (Cousin Brother) | वरुण गांधी |
बहनोई (Brother In Law) | रोबर्ट वाड्रा |
भतीजी (Niece) | मिराया |
भतीजा (Nephew) | रैहान |
राहुल के परिवार में कोई भी सदस्य परिचय का मोहताज नहीं है, जहां इनके पिता व दादी देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन हो चुके है, वहीं इनकी दादी के पिता नेहरू जी स्वतंत्र भारत में प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने वाले पहले व्यक्ति थे.
इनके परिवार में इनकी माता का संबंध इटली से है, दरअसल अपनी युवा अवस्था में इनके पिता का आकर्षण सोनिया जी से हुआ और उन्होने विवाह करने का फैसला किया. इसके अलावा इनकी एक बहन भी है, जिनका विवाह हो चुका है और उनके दो बच्चे भी है.
राहुल गांधी करियर (Career) –
अपने पिता की ही तरह राहुल ने शुरुआत से राजनीति को नहीं चुना था, इन्होने अपनी पढ़ाई के बाद लंदन में मॉनिटर ग्रुप नामक कंपनी में काम किया, जो कि एक मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म थी. इसके बाद साल 2002 में ये मुंबई बेस्ड टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग कंपनी में विभिन्न डाइरेक्टर में से एक थे.
राहुल गांधी का राजनीतिक करियर (Political Career )
साल 2004 वह साल था, जब गांधी परिवार के इस सुपुत्र ने भारतीय राजनीति में प्रवेश कर अपने परिवार के पद चिन्हों पर चलने का फैसला किया. इनका अब तक का राजनीतिक करियर हम यहां आपको नीचें कुछ पॉइंट्स में बताने जा रहें है-
साल 2004 में राजनीति में प्रवेश करते ही इन्हे अपने परिवार की इमेज का फायदा मिला और ये अपने खानदानी गढ़ अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए. इसके बाद राहुल गांधी ने अपनी माँ और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया जी के साथ विभिन्न सरकारी कार्यक्रम और पार्टी की बैठकों में भाग लेना शुरू किया.
फिर 2006 में होने वाले चुनाव में इन्होने अपनी बहन के साथ मिलकर अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया, इस प्रयास में यह कामयाब रहें और इनकी पार्टी विजय रही. इसके बाद 2007 में भी राहुल ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
इसके इसी वर्ष ये भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ और पार्टी के युवा संघ के सचिव बने. इसके बाद 2008 में इन्होने युवा राजनीति में सुधार के लिए युवाओं के साक्षात्कार लिए और इसमे विस्तार के लिए 40 सदस्यों को युवा कांग्रेस में शामिल किया. इनके इस प्रयासो से युवा कांग्रेस में 20 से 25 हजार सदस्यों की वृद्धि देखी गई, जो कि एक बड़ी उपलब्धि थी.
2009 में ये अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में पुनः अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रहें. इस बार पुनः इन्होने उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों में बहुत मेहनत की, और इस बार पार्टी ने वहाँ 80 में से 20 सीटो पर अपना कब्जा जमाया. इसके लिए इन्होने 8 दिनों तक पूरे देश का दौरा किया और करीब 125 रेलियों को संबोधित किया.
साल 2011 में इनके राजनीतिक करियर का कठिन समय आया. जब ये उत्तर प्रदेश के परसौल गाँव में वहाँ के किसानों के साथ राजमार्ग के लिए कृषि भूमि अधिग्रहण मामले में विरोध प्रदर्शन कर रहें थे, तो इन्हे जिला प्रशासन द्वारा गिरफ्त में लिया गया.
2012 में पुनः उत्तर प्रदेश के चुनावों में इन्होने अपने आप को पूरी तरह झौक दिया और 200 रेलिया आयोजित की. इस बार पार्टी ने यहां 28 सीटे जीती, फिर भी पार्टी यहां चौथे स्थान पर रहीं.
इसके बाद पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए इन्होने अपनी बहन के साथ पाकिस्तान का दौरा किया और वहाँ इंडिया और पाकिस्तान के मध्य आयोजित पहली क्रिकेट सीरीज देखी.
19 जनवरी 2013 में जयपुर में आयोजित पार्टी सदस्यों की मीटिंग में इन्हे पार्टी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. अब आधिकारिक तौर पर ये ऐसे द्वितीय व्यक्ति थे, जिसके हाथ में पार्टी की कमान थी, और प्रथम स्थान पर इनकी माता जी सोनिया जी थी.
साल 2013 में राहुल का पार्टी में पावर तब देखा गया, जब इन्होने मनमोहन सरकार की खुली आलोचना की, जबकि प्रधानमंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले “दोषी आदमी चुनाव नहीं लड़ सकता” को अध्यादेश जारी कर रद्द किया गया था.
साल 2014 चुनावों मे राहुल अमेठी से स्वयं की सीट बचाने में तो कामयाब रहें, परंतु यह साल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बुरा साबित हुआ. और इस वर्ष पार्टी को अपनी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद से वे सतत आने वाले चुनावों के लिए अपनी पार्टी को तैयार कर रहे है, और पार्टी सदस्यों के साथ मिलकर बहुत मेहनत कर रहें है. अब आगामी वर्षो में ही पता चलेगा की इनकी मेहनत क्या रंग लाती है.
राहुल गांधी द्वारा जीते गए चुनाव–
साल | निर्वाचन क्षेत्र | राज्य | स्टेटस | पार्टी को मिले वोट | प्रतिद्वंदी |
2004 | अमेठी | उत्तर प्रदेश | जीत | 3,90,179 | चंद्र प्रकाश मिश्रा मतियारी |
2009 | अमेठी | उत्तर प्रदेश | जीत | 4,64,195 | आशीष शुक्ला |
2014 | अमेठी | उत्तर प्रदेश | जीत | 4,08,651 | स्मृति ईरानी |
राहुल गांधी कुल संपत्ति
विगत कई पुश्तों से राजनीति से नाता होने के कारण इनकी कुल संपत्ति जानने में हर किसी को रुचि होगी. वैसे अभी 2018 के आंकड़ों के अनुसार इनकी कुल संपत्ति लगभग 3 मिलियन डॉलर है. इनकी इस संपत्ति में इनकी व्यक्तिगत संपत्ति, व्यक्तिगत निवेश और वेतन से आय भी शामिल है.
इनकी संपत्ति का अनुमानित ब्योरा इस प्रकार है –
कुल संपत्ति | 16 करोड़ रुपये |
अचल संपत्ति | 1.3 करोड़ रूपये |
चल संपत्ति | 8 करोड़ रुपये |
व्यक्तिगत निवेश | 1 करोड़ |
पिछले वर्ष आय | 92 लाख |
राहुल गांधी के अफेयर्स (Affairs)–
हालांकि राहुल कुवारे है, पर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि इनका नाम अब तक 2 औरतों के साथ जुड़ चुका है. ये है –
नोएल जहीर –
राहुल का नाम सर्वप्रथम अघान के राजा की पोती नोएल के साथ जुड़ा. इन दोनों को कई बार भारत के बाहर एक साथ देखा गया. यह रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल सका और नोएल ने 2013 में मिस्र के राजकुमार से विवाह कर लिया.
वेरोनिक कर्टेली –
इनसे राहुल की मुलाक़ात 1990 में कैंब्रिज में हुई थी, परंतु इनके रिश्तों का खुलासा 1998 के बाद हुआ. इसके बाद कई बार इन दोनों को एक साथ छुट्टियां मानते हुये देखा गया. एक बार तो वेरोनिक को लक्षद्वीप और केरल में राहुल गांधी, उनकी बहन और परिवार के साथ भी स्पॉट किया गया, जिससे इनके रिलेशन में होने की खबरे और पक्की हो गई.
राहुल गांधी की शादी –
50 साल के राहुल अब तक कुवारे है, पूरे देश को इस बात की उत्सुकता है कि ये शादी कब और किससे करेंगे. हालांकि अब तक इनकी शादी के संबंध में कोई खबर सामने नहीं आई है, पर जैसे ही हमे ऐसी कोई जानकारी मिलेगी हम इसे आप तक अवश्य पहुंचाएंगे.
राहुल गांधी से जुड़े विवाद (Controversy) –
राहुल आए दिन किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में रहते है, इनसे जुड़े कुछ विवादों को तो मीडिया में अच्छा कवरेज भी मिला है. इनसे जुड़े कुछ विवाद इस प्रकार है –
साल 2006 में एक मीडिया में प्रकाशित पुस्तिका द्वारा इन पर यह आरोप लगाया गया था, कि इनके द्वारा विदेश में ली गई डिग्री और इनके द्वारा दी गई इनके प्रथम जॉब की जानकारी झूठ है. परंतु जब इनके द्वारा उन्हे कानूनी नोटिस भेजा गया, तो उन्होने अपने बयान वापस लिए.
एक संसद सत्र के दौरान इन्होने अपने भाषण के बाद पीएम मोदी को जाकर गले लगाया और फिर लौटकर अपनी ही पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ आँख मारकर इशारा किया. इस घटना को मीडिया में खूब कवरेज मिला और इस संदर्भ में राहुल की बहुत निंदा भी की गई.
एक बार अपनी सभा में राहुल ने यह तक कह दिया था कि गांधी जी की हत्या के पीछे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हाथ है, उनके इस कथन के कारण उन्हे कई लोगों की निंदा की
एक बार राहुल ने अपने भाषण में बोला था, कि गरीबी एक मानसिकता है हालांकि अपने इस कथन से शायद वे लोगों में आत्मविश्वास जगाना चाह रहे थे. परंतु इस बयान ने तूल पकड़ लिया और उन्हे विवादों का सामना करना पड़ा.
आज तक अपने राजनीतिक करियर में राहुल ने बहुत से बयान दिये है, जिससे वे विवादों के घेरे में आ गए. आशा करते है कि आगे से राहुल सोच समझकर बोलने का प्रयास करेंगे.
राहुल गांधी से जुड़े रोचक तथ्य Interesting Fact About Rahul –
राहुल एक जाने माने रईस परिवार से संबंध रखते है, परंतु फिर अब तक इनके नाम एक भी कार रजिस्टर नहीं है और वे ट्रैवल के लिए सरकारी वाहनों का प्रयोग करते है.
2011 में जब वे यूपी में परसौल में उत्तेजित किसानों से मिलने जा रहे थे, इन्हे यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, हालांकि 3 घंटे बाद इन्हे प्रशासन ने रिहा कर दिल्ली जाने की समझाईश दी थी.
राहुल राजनीति में अपनी पार्टी के लिए नए-नए प्रयोग करते रहते है, जिससे उन्हे प्रसिद्धि और विवाद दोनों का ही सामना करना पड़ता है. उन्होने अपने व्यस्त समय में से टाइम निकालकर आम लोगों के घर जाकर उनके हाल जानने की कोशिश की, उनके इस प्रयोग के लिए उन्हे काफी प्रशंसा मिली. हालांकि कुछ लोगों ने इसे प्रचार का तरीका बताकर उनकी निंदा भी करी.
ये हमेशा से लोकपाल के पक्ष में रहे है, और उनकी राय है कि लोकपाल को संवैधानिक निकाय बनाया जाना चाहिए, और संसद को इसके प्रति जवाबदेह होना चाहिए.
देश की अदालत की तरह राहुल ने भी समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर होना करार किया है.
राहुल महिलाओं को समानता वाले मुद्दे पर भी हमेशा महिलाओं के पक्ष में रहे है और इन्होने लोकसभा और राज्य सभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत रिज़र्वेशन का भी समर्थन किया है.
ये मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट है, इसके अलावा इन्हे हवा में उड़ान भरना भी पसंद है, इसलिए इन्होने हवाई जहाज चलाने की ट्रेनिंग भी ली है.
राहुल की पसंद और नापसंद (Likes and Dislikes) –
राहुल अपनी पसंद और नापसंद को ज्यादा शेयर नहीं करते, इसलिए इसके बारे में ज्यादा किसी को कुछ पता नहीं है. परंतु फिर भी इनकी कुछ पसंद नापसंद इस प्रकार है –
- राहुल को खाने में नूडल्स, कोल्ड ड्रिंक और कुछ भारतीय व्यंजन पसंद है. ये अपने रोजाना के खाने में अधिकतर मांसाहारी भोजन पसंद करते है.
- इनके पसंदीदा राजनेताओं में इनके पिता और नेहरू जी का नाम शामिल है.
- राहुल को विभिन्न खेलों में भी रुचि है, परंतु अब ये अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण किसी खेल में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते.
राहुल गांधी पर किताबे (Books on Rahul Gandhi) –
राहूल- द फर्स्ट अथॉरिटेटिव बायोग्राफी (Rahul- The First Authoritative Biography)-
किताब में लेखक आरती रामचंद्रन ने राहुल के पीछे छुपी हुई छवि को सामने लाने की कोशिश की है. यह पुस्तक राहुल और उनके कुछ करीबी व्यक्तियों के साक्षात्कार पर आधारित है. इस पुस्तक से पता चलता है कि असल में राहुल गांधी कौन है, उनकी आकांक्षाएं क्या है, उन्हे किन चीजों से डर लगता है और उन्हे क्या प्रेरित करता है. इस किताब में उनकी पिछले सालों में लागू की गई कुछ नीतियों की असफलता के कारण भी बताएं गए है.
राहुल की इस ऑटो बायोग्राफी में नेहरू-गांधी परिवार के संबंधो को बताया गया है और इसी के साथ आधुनिकता और राजवंश से संबंधित चर्चा भी की है. इस किताब में लेखक ने राहुल के सार्वजनिक कार्यक्रमों, उनकी भारत में विभिन्न यात्राओं, उनकी आम आदमी तक पहुंचने की नीति और युवा कांग्रेस के संबंध में बताया गया है. इस पुस्तक में यह स्पष्ट किया है कि इनके कार्य भारत को किस तरह प्रभावित करेंगे.