विवाह की वर्षगांठ पर कविता ( Poem on Marriage Anniversary in Hindi)

विवाह की वर्षगांठ पर कविता

तेरे संग बीत गये
कितने दिन कितने साल
पर सच पूछो तो कहु
दिल का अब भी मेरे वही है हाल
जब भी ताकता तुमको मैं
धड़कनें अपने आप बढ़ जाती है
सामने तुझको देख कर आज भी
अपने आप ही नियत बिगड़ जाती है
कितना सुन्दर रहा है देखो मेरा नसीब
साथ मिल गया मुझको तुम हो मेरे करीब।

Marriage Anniversary Poem In Hindi

मुबारक हो शादी की सालगिरह साहब।
प्रेम, और ज्ञान के मूर्ति की वजह साहब।
शब्दों में कोई दिक्कत हो तो ज्ञान लीजिए।
भावना दिल की मन में आज ही ठान कीजिए।
जगमगाती रहे जिंदगी में चाँद सी रोशनी।
ऊपर आसमान से बरसे प्यार ना हो आपको कमी
रौनक भरे जिंदगी में गजल ख़ुशियाँ लुटाये
आपके दिन हो और रात के वक़्त भी लोग आपसे मिलने आएं
खुशियाँ बिखेरे जीवन में तबस्सुम के जैसी
जीवन की नौका चलती रहे मन के मासूम जैसी


सालगिरह पर बधाई!

साल भर बाद फिर वह दिन आया।
दिल दहला और मन थर्राया।।
मोबाइल पर मैसेज आने लगे फटाफट ।
शादी की सालगिरह मुबारक की लग गयी आहत ।।
पति जी का माइंड हर बार की तरह अपसेट है ।
कारण हर साल बीवी नए रूप में अपडेट है ।
पहली सालगिरह तक मामला स्वीट था
अब तो कड़वा हो गया पहले जो कम्पलीट था
सुनती कम सुनाती है ज्यादा।
प्यार कम गुस्सा दिलाती है ज्यादा।।

Marriage Anniversary Kavita

विवाह की पहली वर्षगांठ तक यह सब विपरीत था ।
फिर हर वर्षगांठ के साथ हो गया गायब जो जोड़ी हिट था

स्वीट की जगह अब मिलती सिर्फ हैप्पी विश।
पहली सालगिरह पर तो मिले थे धड़ाधड़ किस्स।।

अब किस्स नहीं सिर्फ दी एक मुस्कान मिलती है ।
बोली चलो दूर हटो बहुत थकान मिलती है
काम करते-करते कैसे साल दिया निकाल।
प्यार से शादी, अब शादी से प्यार दिया निकाल।।