निखत ज़रीन एक भारतीय मुक्केबाज हैं। उन्होंने 2022 आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।उन्होंने 2011 में अंताल्या में आयोजित एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। बैंकॉक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट (2019) में ज़रीन ने रजत पदक प्राप्त किया। इसके साथ ही इन्होंने असम में आयोजित 16वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक जीता। ज़रीन पेरिस 2024 के लिए लक्ष्य बना रही है।

निखत ज़रीन जीवन परिचय
ज़रीन का जन्म 14 जून 1996 को आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के निजामाबाद शहर में मोहम्मद जमील अहमद और परवीन सुल्ताना के घर हुआ था।उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा निजामाबाद के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से पूरी की।वह हैदराबाद, तेलंगाना में एवी कॉलेज में कला स्नातक (बीए) में डिग्री कर रही है।
2020 में ज़रीन को खेल मंत्री वी. श्रीनिवास गौड़ के साथ-साथ तेलंगाना राज्य के खेल प्राधिकरण (SATS) द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर और 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

जरीन को हैदराबाद में जोनल ऑफिस में बैंक ऑफ इंडिया में स्टाफ ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है
निखत ज़रीन करियर
जरीन को उनके पिता मोहम्मद जमील अहमद ने बॉक्सिंग से परिचित कराया था और उन्होंने एक साल तक उनके अधीन प्रशिक्षण लिया था। निकहत को 2009 में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, IV राव के तहत प्रशिक्षित करने के लिए विशाखापत्तनम में भारतीय खेल प्राधिकरण में शामिल किया गया था। एक साल बाद, उन्हें 2010 में इरोड नेशनल्स में ‘गोल्डन बेस्ट बॉक्सर’ घोषित किया गया था।
2011 महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप
तुर्की में एआईबीए महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में आयोजित फ्लाईवेट डिवीजन में स्वर्ण पदक जीता। ज़रीन तुर्की के मुक्केबाज उल्कु डेमिर के खिलाफ थी और तीन राउंड के बाद 27:16 मुकाबला जीता।
2014 यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप
उन्होंने 2014 में बुल्गारिया में आयोजित यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
2014 नेशंस कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट
उसने 12 जनवरी 2014 को सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित तीसरे राष्ट्र कप अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। ज़रीन ने 51 किलोग्राम भार वर्ग में रूस की पाल्टसेवा एकातेरिना को हराया।
उपलब्धियां
ज़रीन ने अपना पहला स्वर्ण पदक 2010 में नेशनल सब जूनियर मीट में जीता। उसके बाद तुर्की में 2011 के महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्हें फ्लाइवेट डिवीज़न में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक मिला। ज़रीन का तुर्की में मुक्केबाज़ उलकू डेमीर से मुक़ाबला था, जिसे उन्होंने 27:19 स्कोर के साथ तीन राउंड के बाद ही जीत लिया।
हालाँकि, वह 2013 में बुल्गारिया के महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में इतिहास को दोहरा नहीं सकीं और रजत पदक ही जीतीं।फिर 2014 में ज़रीन ने 51 किलो वर्ग में रूस की पल्टसेवा एकातेरिना को हराते हुए सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित तीसरे नेशन्स कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया
2015 में ज़रीन ने असम में 16वीं सीनियर वूमेन नेशनल बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।इसके कुछ साल बाद बैंकॉक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट 2019 में रजत जीता
2019 में बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में ज़रीन ने 51 किलोग्राम वर्ग में फिलिपीन की आयरिश मैग्नो को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी साल जूनियर नैशनल मुक़ाबलों में ज़रीन ने गोल्ड जीता और ‘बेस्ट बॉक्सर’ भी घोषित की गईं।
इसके बाद ज़रीन ने मैरी कॉम के साथ ट्रायल करवाने की माँग यह कहते हुए की कि उन्हें भी ओलंपिक क्वालिफायर में हिस्सा लेने का मौका मिलना चाहिए। उनकी इस माँग पर मुक्केबाज़ी महासंघ ने मैरी कॉम के लिए भी ट्रायल को ज़रूरी बना दिया और निखत और मैरी के बीच ट्रायल करवाया।
दोनों के बीच ट्रायल एकतरफा रहा और मैरी ने आसानी से निखत ज़रीन को 9-1 से हराते हुए क्वालीफायर्स में जगह बना ली।[6]
वेलस्पन समूह ज़रीन की सहायता कर रहा है और भारतीय खेल प्राधिकरण के टारगेट ओलंपिक पोडियम में भी वो शामिल हैं।[11] उन्हें उनके होम टाउन निज़ामाबाद, तेलंगाना का आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।