पेड़ पर कविता ( New poem in hindi on tree )

New poem in hindi on tree

मैं शायद कभी न लिख पाउँगा ,
एक पेड़ सी सुन्दर कविता।

पेड़, जिसके वह भूखे होंठ,
गहरी जड़ें जिसकी धरा पे हैं लोट।

पेड़, जिसका रुख ईश्वर की ओर,
मजबूत भुजाएं ख़ुशी से विभोर।

जो पेड़ गरमी में पहने हो,
पत्तियों में घोंसले इक या दो।

छाती पर बर्फ चादर ओढ़े,
वर्षा में यूँ ही मदमस्त डोले।

मुझको अज्ञानी का पद कह दे
पेड़ की रचना ईश्वर ही सकें।