Hindi Poem on Nirbhaya rape victim

औरतों की नींदों पे भी पहरेदारी होती है
किसी ना किसी मर्द को इनके स्वप्नदोष की पूरी जानकारी होती है.

तबले और शूद्र की तरह इनको भी बजाया जाए
और तो और! इन्हे बस महावारी होती है.

हम मर्द तो बस सेक्स करते हैं
इन जोरुओं को ही बच्चे जनने की बीमारी होती है.

वैसे तो और हर तरीके से मैं feminist हूँ
लेकिन खून ना निकले तो थोड़े कुवांरी होती है.

हम आँखों से ही कपड़ो के पार देख लेते हैं
औरतें वो हिरोशिमा हैं जिनपे हर वक़्त बमबारी होती है.

जो आंचल मे दूध, आँखों मे पानी और महफूज़ अपनी जवानी रखे
असल मे वही अबला संस्कारी होती है.

सोनागाछी, कमाठीपुरे मे भी सभ्य औरतें रहती हैं
जिन्हे अपनी कीमत की पूरी जानकारी होती है.

हमारे लड़के क्या बलात्कार करने घर से निकलते हैं
इन निर्भयाओं को ही हमे उकसाने की बीमारी होती है!

-Amit Choudhary (19th Dec, 2015)

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