क्या आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) की स्कीम में निवेश करने का सोच रहे हैं? निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को जान लेना बहुत जरूरी है. इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी.
Mutual fund in hindi
आइए जानते हैं म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है ,किस तरह से यह हमारी मदद कर सकता है ? हम आपको यह भी बता रहे हैं कि आप Mutual Fund में कैसे निवेश कर सकते हैं?
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियां निवेशकों से पैसे जमा करती हैं. इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं. इसके बदले ये Mutual Fund कंपनियां निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं.
जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में नहीं जानते या काम जानकारी रखते हैं , उनके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश का अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Fund स्कीम चुन सकते हैं.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में कैसे करें निवेश?
आप किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं.
अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. दूसरा तरीका किसी एडवाइजर की मदद से निवेश करना होता हैं तो आप किसी Mutual Fund स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं.
अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा. आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं.
Mutual Fund के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. इस तरीके से Mutual Fund में निवेश करने में एक दिक्कत यह है कि आपको खुद रिसर्च करना पड़ता है.
देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं?
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )
डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं. पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है. ये Mutual Fund स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है.
सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम (Solution Oriented Mutual Fund )
Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.
म्यूचुअल फंड में क्यों निवेश करें?
खरीदने बेचने में आसान: आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं। जबकि यह बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं।
अनेक विकल्प: म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा देता है। आप जिस म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं उस फण्ड में से अनेक जगह पैसा लगाया जाता है। अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ कम लिया जाए।
कम फीस: म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बात जाती है।
पारदर्शिता: म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी जनता को दी जाती है।
म्यूचुअल फंड कैसे चुनें
आपको पहले ये निर्णय लेना होगा की आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं। इक्विटी फंड तभी लेना चाहिए जब आप ज़्यादा जोखिम उठाने को तैयार हों और इसकी समय सीमा 5 वर्ष से अधिक हो। अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं, तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए। ध्यान दें, सभी म्यूचुअल फंड यहां तक कि डेट फंड में भी थोड़ा बहुत जोखिम होता है।
आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं, ये सुनिश्चित करने के बाद इसमें पैसा लगाने का सोचें । ये फण्ड चुनने से पहले एक समयसीमा में उसका प्रदर्शन देख, उसकी तुलना कर फंड चुन सकते हैं। कुछ अन्य चीज़ो जिन पर आप भी विचार कर सकते हैं इस प्रकार है :
फंड मैनेज का अनुभव – फंड मैनेज करने वाली कंपनी कब से फण्ड मैनेज कर रही है और उसका ट्रैक रिकॉर्ड क्या है।
पोर्टफोलियो – क्या वह म्यूचुअल फंड है, ज़्यादा जोखिम के साथ छोटी कंपनियों में निवेश कर ज़्यादा लाभ कमा रहा है? आपको ये भी देखना चाहिए कि वो म्यूचुअल फण्ड किसी एक क्षेत्र में अपना पैसा लगा रहा है या अलग-अलग में? ये भी देखें कि कितना पैसा इक्विटी में लगाया गया है और कितना डेट में?
एक्सपेंस रेश्यो – ज़्यादा एक्सपेंस रेश्यो से आप जितना लाभ कमाते हैं उसका एक बड़ा हिस्सा उसके लिए दे देते हैं और इस तरह आपका लाभ घट जाता है।
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म्यूचुअल फंड योग्यता
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। न्यूनतम 500 रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है ( 18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।