कोबरा की कहानी (moral story in hindi for class 3 )
बहुत साल पहले एक छोटे से गड्ढे में एक छोटा सा कोबरा रहता था। वह किसी भी प्रकार से छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े को खाकर जिंदा रहता था। धीरे धीरे वह बड़ा हुआ और उसने अंडा, छिपकली ,मेंढक आदि यह सब खाने लगा।
कुछ और समय बीता उसके बाद वह छोटे मोटे सांप और दूसरे जानवर खाना चालू कर दिया। अब वह काफी बड़ा हो चुका था. दूसरे जानवर उससे डर नहीं लगे थे इससे उसका आत्मविश्वास और गौरव बढ़ा। वह सोचने लगा” अब मुझसे सारे जानवर डरने लगे हैं इसलिए अब इस छोटे से गड्ढे से हटकर किसी बड़ी जगह पर घर बसाना चाहिए”
इसी क्रम में वह नए जगह की तलाश में एक बड़ा सा पेड़ को चुना और वहां पर अपना निवास बनाने का फैसला किया। उसने वहां पर का एक छोटा सा पहाड़ देखा। कोबरा ने सोचा “मेरे इस आलीशान घर पर, यह गंदा सा चीटियों का पहाड़ नहीं होना चाहिए” .
उसने बोला “मैं किंग कोबरा हूं और मेरे घर पर या पहाड़ नहीं दिखना चाहिए , इसलिए चीटियां यहां से चली जाए” अंदर से कोई जवाब नहीं आया, इस पर कोबरा क्रोधित हुआ और पहाड़ को तोड़ दिया। अचानक से हजारों चीटियां बाहर निकली और उसको एक साथ काटना चालू किया। यह देख कर अच्चम्भित रह गया और वहां से उसको किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा।
(Moral story in hindi for class 3 student )कहानी से सीख :घमंड आपको अक्सर गिरा देता है