Moral Story In Hindi For Class 9: कई साल पहले एक समुद्री जहाज़ काफी देशो से व्यापार करके लौट रहा था। अचानक समुद्र की लहरें तेज़ हो गई| विशाल लहरों की गड़गड़ाहट ऐसे प्रतीत हो रही थी मानो किसी शेर शेर की भयंकर गर्जना हो।
कुछ समय बाद जहाज़ अपना सन्तुलन खो जाने के कारण एक चट्टान से जा टकरा गया तथा उस जहाज़ के टुकड़े-टुकड़े हो गए। उसमें सवार सभी यात्री मारे गए परन्तु एक व्यक्ति बच गया। वह बेहोश था।
जब उसे होश आया तो वह गुस्से से चिल्ला उठा और बोला, “पहले तो तुमने अपनी शांत लहरों से व्यापारियों को भ्रमित और प्रभावित किया और जब वे आधी यात्रा में पहुँच गए तो तुमने एक विशाल जंगली पशु की भाँति उन्हें खा लिया।
उन मासूमों की जान लेकर तुम्हें क्या मिला?” यह कहकर वह रोने लगा।
तभी समुद्र एक लड़की के रूप में प्रकट होकर बोला, “कृप्या तुम मुझे दोष मत दो। मेरा स्वभाव बिल्कुल शान्त है।
मगर मैं क्या करूँ? ये तेज़ तूफानी हवाएँ मेरी आज्ञा लिये बिना मुझ पर आक्रमण कर देती हैं और मेरी लहरों को अपने बहाव के साथ चलाती हैं। दोषी ये तेज़ तूफानी हवाएँ हैं।”