बच्चों की रात की कहानियां (bedtime stories in hindi)
Read 20 famous short Bedtime Stories in Hindi. बेडटाइम स्टोरीज includes short moral stories that helps to create a magical and strong bond between parents and children. Hindi Kahaniyan (हिंदी कहानियां) helps in good thoughts generation in kids and provides entertainment. Reading Hindi Story / Stories प्रेरक कहानियां increases our word power and pronunciation. This article contains more than 20 stories in Hindi with latest Hindi story writing available on the internet.
एक ऊंट (Bedtime Short Story For Class 1 )
एक ऊंट का बच्चा अपनी माँ से बात कर रहा था। उसने उत्सुकता से पूछा ” मम्मी, हम कूबड़ क्यों हैं ?” ऊंटनी ने कहा “उसमें पानी जमा हो जाता है ताकि मरुस्थल में हमारा शरीर वहां से इश्तेमाल कर सके। ”
फिर उस बच्चे ने पूछा “हमारे तलवे गोल क्यों है ?” ऊंटनी ने समझाया की गोल तलवे उन्हें मरुस्थल में आराम से चलने में मदद करते है। फिर उसने एक और सवाल पूछ दिया और बोला “मम्मी , हमारे आँखों की पलके इतनी बड़ी बड़ी क्यों है ?” ऊंटनी ने फिर अपने बेटे को समझाया “लम्बी पलकों से हमारी मरुस्थल में आँखे धुल मिटटी से बची रहेंगी। “
उस बच्चे ने बड़े मासूमियत से एक आखिरी सवाल पूछ दिया “अगर हमारे शरीर की सारी चीज़ें मरुस्थल के हिसाब से बानी है तो हम चिड़ियाघर में क्या कर रहे है। “
कहानी से सीख: Moral of the story in hindi
आपका ज्ञान,जानकारी और प्रतिभा किसी काम के नहीं अगर आप सही जगह उसका उपयोग नहीं कर रहे है
अच्छा घर (bedtime hindi story for class 2 )
एक कछुआ एक पेड़ के निचे आराम कर रहा था। उस पेड़ पे एक चिड़िया ने अपना घोसला बनाया हुआ था। कछुआ ने चिड़िया का मजाक उड़ाते हुए बोला “तुम्हारा घर कितना कमजोर है , छोटे छोटे घांस से बना,टूटी फूटी टहनियों से बना है और ना ही इसका कोई छत है।
ऊपर से ये तुमको खुद ही बनाना पड़ा है। मेरा घर तो मेरा कवच है और तुम्हारे कमजोर घर से बहुत अच्छा है। तुम तो मेरे घर से ईष्या करती होगी “
इसपर चिड़िया ने बोला “मेरा घर बड़ा है,इसमें दूसरे लोग भी रह सकते है, तुम्हारे घर की तरह नहीं जहाँ सिर्फ तुम्हारे रहने की जगह है। तुम्हारे पास एक अच्छा मकान हो सकता है पर मेरे पास एक अच्छा घर है जहाँ पर सब लोग मिल जुल के रहते है। “
कहानी से सीख :एक खाली महल से भीड़भाड़ वाली झोपडी अच्छी है
कंजूस आदमी (bedtime story in hindi with pictures)
एक बुड्ढे कंजूस आदमी के घर में एक बगीचा था। वह आदमी अपने सोने के सिक्को को पथ्थरो के निचे बगीचे में छुपा के रखता था। रोज रात में सोने से पहले उसको जाकर गिनता था। वह यह काम रोज करता था लेकिन एक भी सिक्के को कभी किसी चीज़ पे खर्च नहीं करता था। एक चोर ने उसकी यह आदत को देख लिया था।
3-4 दिन लगातार उसका सिक्का गिनने की क्रिया और समय को देख कर वह चोरी करने का समय समझ चूका था। एक रात बुड्ढे के जाने के बाद चोर ने उस जगह जाकर और सारे सिक्को को निकाल कर वह से भाग गया। अगले दिन जब बुड्ढे ने फिर से जाकर सिक्को को गिनना चाहा तो सिक्के वह से गायब थे।
वह रोने लगा इतने में ही उसका पडोसी आ गया और उसके रोने का कारण पूछा। बुड्ढे ने पूरी कहानी बताई। पडोसी ने उसको पूछा “तुमने घर के अंदर सिक्को को क्यों नहीं रखा ताकि जब भी कुछ खरीदने की जरूरत पड़ती तो तुरंत निकाल पाते ?”
बुड्ढा आदमी बोला “मैंने कभी उन सिक्को को खर्च नहीं किया था और ना ही करने वाला था। ” इतना सुनते ही पडोसी को गुस्सा आया और उसने बुड्ढे के सामने कर बोला “इसको जमीं के अंदर गाड़ दो क्यूंकि यह भी उन सिक्को के जैसा ही बेकार है। “
कहानी से सीख : आपके पास रखी चीज़ो का उतना ही महत्व है जितना उनकी उपयोगिता है।
Bedtime Gautam buddha jataka tales in hindi
एक बार जब ब्रह्मदत्त बनारस में राज कर रहे थे, बोधिसत्व ने एक व्यापारी के रूप में अपनी आजीविका प्राप्त की। काशी के एक सीमावर्ती गाँव में इन दिनों में कई बढ़ई थे।
और यह माना जाता है कि उनमें से एक गंजा आदमी तांबे की कटोरी की तरह चमकते हुए अपने सिर के साथ कुछ लकड़ी पर दूर की बना रहा था, जब एक मच्छर उसकी खोपड़ी पर बस गया और उसे मार दिया।
बढ़ई ने अपने बेटे से कहा, ” मेरे सिर पर मच्छर मुझे डंक मार रहा है। इसे दूर भगाओ।”
“पकड़ो ?,” बेटे ने कहा। “एक झटका इसे सुलझाएगा।” बढ़ई ने कहा
“ठीक है ” बेटे ने जवाब दिया, जो बूढ़े आदमी की पीठ के पीछे था, और केवल मच्छर को मारने के इरादे से एक तेज कुल्हाड़ी उठाते हुए, उसने अपने पिता के सिर को दो में काट दिया। जिससे वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई।
बोधिसत्व का विचार किया, जो पूरे दृश्य का चश्मदीद गवाह था, “इस तरह के दोस्त से बेहतर एक दुश्मन है ।”
चार गाए (bedtime short story in hindi)
चार गाए एक जंगल में रहती थी। वह सभी आपस में अच्छे दोस्त थीं और हमेशा साथ साथ ही रहती थी। चरने भी साथ साथ ही जाती थीं। एक दिन चारो में लड़ाई हो गयी और वह सब अलग अलग दिशाओ में अकेले चरने के लिए चली गयी।
एक शेर और बाघ ने यह सब देखा और सोचा की इनको मार के खाने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता। वह झाड़ियों में छिप गए और चारो गायों को एक एक करके मार डाला
कहानी से सीख :एकता में मजबूती है
मुर्गा (bedtime Short story in hindi for kids)
एक किसान के पास एक ऐसा मुर्गा था जो रोज सोने के अंडे देता था। उस अंडे को बेच के किसान अपने परिवार का लालन पालन करता था। उसका परिवार खुशहाल था और ऐसा काफी दिन चला। अचानक एक दिन किसान ने सोचा ” एक दिन में एक अंडा ही क्यों मिल रहा है ?क्यों ना सारा अंडा एक दिन में ही मिल जाए ?”
उस किसान की बेवक़ूफ़ पत्नी भी इस बात से खुश थी और दोनों ने मुर्गे के पेट को फाड़ कर सारे अंडे निकालने का प्लान बनाया। जैसे ही उन्होंने मुर्गे को मारा और उसके पेट को फाड़ा तो उन्हें केवल खून और मांस का टुकड़ा मिला और कोई सोने का अंडा नहीं मिला।
किसान को अपनी बेवकूफी पर बहुत पछतावा हुआ।
कहानी से सीख :लालच करना ठीक नहीं होता।
मिडास की कहानी (Moral Story In Hindi For Class 4)
ग्रीस में एक मिडास नाम का राजा रहता था। उसके पास अथाह सोना चांदी और पैसा था। उसको सोने से विशेष प्यार था लेकिन उससे भी ज्यादा उसको अपनी बेटी से प्यार था। एक बार देवता शराब के नशे में मिडास के गुलाबो के बगीचे में पहुंचे।
यह सोच के की ये भगवान् अच्छा भाग्य लाते है मिडास ने उन्हें अपने बगीचे में ही रहने दिया जब तक वो नशे से बाहर नहीं आते। होश में आने के बाद मिडास की करुणा और समझदारी को देख के देवता उसको इनाम देने का सोचा।
जब मिडास से एक वरदान मांगने को पूछा गया तो उसने बोला ” मै चाहता हु की मै जिस चीज़ को छुवा करू वो सोना बन जाए। ” भगववान ने उसकी यह ईक्षा पूरी कर दी। यह वरदान पाकर वह खुश था और पूरे महल में कुछ भी छुने पर सारी चीज़ें सोने में बदल जाती। उसकी प्रजा यह देख के आश्चर्य से चकित और खुश थी।
थोड़ी देर में उसने अपनी छोटी बेटी को देखा और उसको अपनी बाहो में उठा लिया। लेकिन जैसे ही उसने अपनी बेटी को छुवा वह भी निर्जीव सोने की मूर्ती बन गयी। राजा बहुत दुखी हुआ और उसने भगवान् से प्रार्थना की उसकी यह शक्ति वापस ले ले और उसको बेटी लौटा दे। भगवान् ने उसकी बात मान कर उसकी वह शक्ति को खत्म कर दिया और साड़ी चीज़ें अपने असल रूप में आ गए। इसी के साथ उसकी बेटी भी वापस से जिन्दा हो गयी
कहानी से सीख : संतोष ही सबसे बड़ा सुख है।
एक मुर्गा और मालिक (bedtime hindi Story for kids )
एक गांव में एक मुर्गा अपने मालिक के घर में रहता था और और हर सुबह बांग देकर अपने मालिक और उसकी बीवी को जगा दिया करता था। एक दिन उसने उसने सुना कि उसका मालिक और उसकी पत्नी उसे मार कर खाना चाहते हैं वह डरा हुआ था और भागना चाह रहा था।
भागने से पहले मालिक के पत्नी के जूते और मालिक की छड़ी को लेकर भाग गया। यह कर कर संतुष्ट और खुश था।
कहानी से सीख :आप जिसको जानते है उनसे हमेशा सतर्क रहे क्यूंकि कभी कभी उनके विचार भी गलत हो सकते है
शरारती लड़का (bedtime new hindi story )
राहुल एक शरारती लड़का था और वो अक्सर लोगों को परेशान करता था। वह अपने दोस्तों को और अनजान लोगों को छेड़ा करता था। एक शाम के समय घर के नजदीक पार्क में गया और एक अनजान सी लड़की पर तंज कसने लगा। लड़की रोने लगी क्योंकि उसको वह पसंद नहीं आया।
उसी समय कुछ लड़के उस पार्क में आए और राहुल को बुरा भला कहने लगे और जोर से हंसने लगे। उसके बाद राहुल को काफी बुरा लगा और वह अब अपने दोस्तों के साथ भी खेलने से कतराने लगा। उसको यह समझ में आ गया की दुसरो को छेडने में उनके ऊपर क्या बीतती है
कहानी से सीख : शरारत की एक सिमा होती है
डोसा (bedtime story in hindi for school kids)
दीपिका अपने यहां डोसा का दूकान चलाती थी। एक बार सवेरे में डोसा में पड़ने वाला मसाला खराब हो गया था। अब वह सोचने लगी की अगर वह खराब मसाला डालेगी तो पूरा मसाला खराब हो जायेगा। या फिर उसको दूकान से नया मसाला अभी तुरंत जाकर लाना होगा।
वह तुरंत उठी और दूकान से मसाला लाकर नया मसाला डोसा की सामाग्री में दाल दिया। इससे उसका उस दिन वाला डोसा स्वादिस्ट बना और किसी ग्राहक ने असंतोष जाहिर नहीं किया
कहानी से सीख : हर चीज़ का समाधान होता है। परिश्रम करना होता है।
उल्लू (bedtime Short hindi story for class 3 )
एक उल्लू एक ओक के पेड़ पर रहता था। वह हर दिन अपने आस पास होने वाली घटनाओ को देखता था और उनके ऊपर सोचता था।
एक दिन उसने देखा की एक लड़का एक बूढ़े को टोकरी ले जाने में मदद कर रहा है ,दूसरी तरफ एक लड़की अपनी बहन पर चिल्ला रही थी। वह जितना चीज़ो को देखता उतना ही समझने की कोशिश करता।
जितना कम वो बोलता ,उतना ही ज्यादा सुनता। उसने एक महिला को कहते सुना की एक घोडा बाड में कूद गया ,एक दूसरा आदमी बोल रहा था की वह कभी झूट नहीं बोला।
कहानी की सिख :आप कम बोले ,लोगो से ज्यादा सुने। इससे आप ज्ञानी बनेंगे।
चांदी का घड़ा (Moral story in hindi for class 2 )
बहुत साल पहले किसी गांव में बाढ़ आई और बहुत सारे घर डूब गए। एक घर में एक मिट्टी का घड़ा और एक चांदी का घड़ा था। दोनों पानी की धार में बहने लगे। चांदी का घड़ा मिट्टी के घड़े को बोलता है ” भाई आप बहुत कमजोर हो आप मेरे साथ आ जाओ,
मैं आपको आज किनारे तक ले चलूंगा” इतना सुनकर मिट्टी के घड़े ने चांदी के घड़े को धन्यवाद दिया और कहा ” भाई, मुझे अकेले ही किनारे तक तैरने दीजिए”
जैसे-जैसे तांबे का घड़ा करने की कोशिश करता, वैसे वैसे उस में पानी भरता जाता और वह डूब गया। इसी बीच मिट्टी का घड़ा धीरे धीरे किनारे तक तैरकर पहुंच गया।
कहानी से सीख : कमजोरी दिखने में नहीं होती है
कोबरा की कहानी (bedtime New story in hindi of cobra)
बहुत साल पहले एक छोटे से गड्ढे में एक छोटा सा कोबरा रहता था। वह किसी भी प्रकार से छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े को खाकर जिंदा रहता था। धीरे धीरे वह बड़ा हुआ और उसने अंडा, छिपकली ,मेंढक आदि यह सब खाने लगा। कुछ और समय बीता उसके बाद वह छोटे मोटे सांप और दूसरे जानवर खाना चालू कर दिया।
अब वह काफी बड़ा हो चुका था. दूसरे जानवर उससे डर नहीं लगे थे इससे उसका आत्मविश्वास और गौरव बढ़ा। वह सोचने लगा” अब मुझसे सारे जानवर डरने लगे हैं इसलिए अब इस छोटे से गड्ढे से हटकर किसी बड़ी जगह पर घर बसाना चाहिए”
इसी क्रम में वह नए जगह की तलाश में एक बड़ा सा पेड़ को चुना और वहां पर अपना निवास बनाने का फैसला किया। उसने वहां पर का एक छोटा सा पहाड़ देखा। कोबरा ने सोचा “मेरे इस आलीशान घर पर, यह गंदा सा चीटियों का पहाड़ नहीं होना चाहिए” .
उसने बोला “मैं किंग कोबरा हूं और मेरे घर पर या पहाड़ नहीं दिखना चाहिए , इसलिए चीटियां यहां से चली जाए” अंदर से कोई जवाब नहीं आया, इस पर कोबरा क्रोधित हुआ और पहाड़ को तोड़ दिया। अचानक से हजारों चीटियां बाहर निकली और उसको एक साथ काटना चालू किया।
यह देख कर अच्चम्भित रह गया और वहां से उसको किसी तरह जान बचाकर वहां से भागा।
कहानी से सीख :घमंड आपको अक्सर गिरा देता है
गोरिल्ला की कहानी (Gorilla short story in hindi )
एक गोरिल्ला जंगल में घूम रहा था और उधर ही अचानक से एक यात्री दिखाई दिया। .उसने देखा की वह यात्री अपनी अंगुलियों को गोल करके अंदर फूक मार रहा है। जब गोरिल्ला ने उससे पूछा तो उसने बोला की मुँह से फुक मार के वह हाथ गरम कर रहा है क्यूंकि उससे ठंडी लग रही है।
यह सुन के गोरिल्ला उसको अपनी गुफा में ले गया और वहां पर यात्री को पिने के लिए सूप दिया।
सुप पिने के दौरान यात्री फिर अपने मुँह से फिर फूक मारने लगा ,इस बार फिर गोरिल्ला ने पूछा की सुप से ठण्ड लग रही है क्या ? यात्री ने कहा “नहीं ,मै फूक मार कर इस सूप को ठंडा कर रहा हु। ” इतना सुनते ही गोरिल्ला भड़क गया और उसने यात्री को तुरंत वह से जाने के लिए कहा।
कहानी से सीख :कोई भी उन लोगों पर विश्वास नहीं करता है जिनके पास दोहरे शब्द हैं।
चरवाहा लड़का की कहानी ( hindi story for class 2 naughty boy)
एक चरवाहा लड़का अपने भेड़ो के झुण्ड को जंगल में चराने ले जाता था और एक बार बोर हो कर उसने सोचा क्यों न एक खेल खेलें। इसी सोच से वह जोर जोर चिल्लाने लगा “भेड़िया,भेड़िया ,भेड़िया भेड़ के बच्चे को ले जा रहा है । ”
खेतो में काम कर रहे किसान भागते भागते उसके पास आये। किसान आते ही पूछे “किधर है भेड़िया ?” लड़के ने हसते हसते बोला “कोई भेड़िया नहीं था ,मै बोर हो गया था इसलिए सोचा की आप लोगो को बुला लूँ | ”
किसान बहुत गुस्सा हुए और उसको डांटा और फिर वह से वापस खेत में चले गए। ऐसा ही उस लड़के ने चार पांच बार और किया और हर बार किसान आते थे लेकिन हर बार वह लड़का मजाक कर रहा होता था
एक बार सचमूच में भेड़िया उसके सामने आ गया और जल्द से वह लड़का पेड़ पे चढ़ के अपनी जान बचाया। हर बार की तरह इस बार भी वह लड़का भेड़िया कह कर चिल्लाया लेकिन किसानो को लगा की इस बार भी मजाक कर रहा है और कोई भी नहीं पंहुचा। इसी बिच भेड़िया ने एक भेड के बच्चे को उठा कर लेता चला गया।
कहानी से सीख :एक झूठे का सच कभी नहीं माना जाता है।
शेर और गाय की कहानी (kids story in hindi)
एक गाँव में बहुत सारी गायें थे और वो चारा के लिए पास के लिए बगल वाले जंगल में जाते थे। उसी जंगल में एक बहुत खूंखार शेर रहता था। जब भी गाये जंगल में जाती थी ,शेर एक गाय को चुन कर उसको मार देता था और उसका मांस खा जाता था।
इस बात को लेके गायों ने एक बैठक बुलाई और उसमे समझदार गाय ने कहा “आप लोग सब जानते है की शेर हम में से हर बार एक को मार के खा जाता है और उसका कारण यह की हम सब अलग अलग जंगल में चरने के लिए जाते है। आज से हम सब लोग एक साथ चलेंगे और चरेंगे। “
सभी गायें जंगल में निकल पड़ी और जैसे ही जंगल में शेर दिखा ,सभी गायें झुण्ड में तरफ धावा बोल दिया। शेर यह देख के डर गया और वहां से भाग गया।
MORAL: विभाजित हम गिर जाते हैं। संयुक्त हम खड़े।
चौकीदार की कहानी (bedtime stories for kids in hindi )
एक कंपनी के मैनेजर ,राहुल ,को अपने कंपनी के लिए चौकीदार चाहिए था। उसके लिए उन्होने ने इश्तेहार निकाला। बहुत लोग इंटरव्यू देने आये . लेकिन मैनेजर को कोई भी पसंद नहीं आ रहा था। आखिर में राजू नाम का एक व्यक्ति बैठा था जो इंटरव्यू के लिए बैठा था।
राहुल ने मोदी से पूछा “आप थके हुए लग रहे है ? कोई बीमारी है क्या ? ” राजू ने जबाब दिया :नहीं साहब, ऐसी कोई बिमारी नहीं है ,लेकिन नींद नहीं आने की बिमारी है। ” राहुल ने तुरंत उसको रात के चौकदारी के लिए रख लिया क्यूंकि वह चाह के भी सो नहीं सकता
कहानी से सीख : अपनी असलियत नहीं छुपाना चाहिए
रामलाल का व्यापार (short story for class 3 in hindi)
एक दूध बेचने वाला जिसका नाम रामलाल था वह कुछ सालो में बहुत आमिर हो गया क्यूंकि वह गलत तरीके से दूध का व्यापार करता था। वह दूध बेचने के लिए एक नदी पार करके अपने ग्राहकों को दूध देता था। नदी पार करने के दौरान वह दूध में पानी मिला दिया करता था। यह करके वह खूब आभूषण और पैसा जमा कर चूका था।
उसका बेटा बड़ा हो चूका था और उसकी शादी तय हो गयी. वह ढेर सारे आभूषण लेके नाव पे वापस आ रहा था। अचानक से उसकी नाव पलट गयी और सारा का सारा धन और आभूषण डूब गया। रामलाल रोने लगा।
तभी अचानक से नदी से आवाज़ आयी “रोना बंद करो ,जो डूबा है वह तुम्हारा था नहीं ,तुमने गलत तरीके से इसको अर्जित किया था और इसलिए वो तुमसे छिन गया। ”
कहानी से सिख
सत्यता ही सर्वोच्च निति है
बिल्ली की गले की घंटी (Bedtime short stories in hindi)
एक किरानेवाले के यहाँ बहुत सारे चूहे हो गए थे और वो सारे चूहे अनाज और खाने पिने की चीज़ो को खाते और गिराते भी थे। परेशान होकर किरानी की दूकान के मालिक ने इसका समाधान के लिए एक बिल्ली को खरीद लिया।
बिल्ली के आते ही चूहों की हालत खराब क्यूंकि बिल्ली चूहों को देखते ही चुप चाप पीछे से झपट्टा मार के उनको अपने कब्जे में कर लेती थी। चूहों का आजादी से आना जाना बंद हो चूका था और चूहों की संख्या लगातार कम होती गयी।
अपनी काम संख्या और आवाजाही को काम होता देख सारे चूहों ने एक मीटिंग बुलाई। सब अपनी राय देनी चालू की। उसी में से एक समझदार चूहे ने कहा “बिल्ली चुप चाप हमारे पीछे भाग के आती है और हमें पता नहीं चल पता ,इसलिए हमारी संख्या काम हो रही है।
इसलिए हमारे लिए सबसे अच्छा उपाय यह है की हम बिल्ली के गले में एक छोटी सी घंटी बाँध देते है जिससे बिल्ली के आने जाने की खबर हमें लगती रहेगी। सारे चूहे इस अनोखे सुझाव को सुन कर खुश हो गए की हमारे दिक्कत एक एक समाधान मिल चूका है।
इस बिच एक बुड्ढा बिल्ला बोला “बिल्ली के गले में घंटी बंधेगा कौन ?” यह सुनते ही पूरे मीटिंग में सन्नाटा छा गया।
भेदी सनी बच्चो की कहानी ( Bedtime hindi story)
एक बार एक भेड़िया जिसका नाम भेदी था वह मस्ती से किसी जानवर का मांस खा रहा था। मांस खाते खाते उसके दांत में हड्डी का एक टुकड़ा फंस गया और उसको बहुत दर्द से रोने लगा। उसकी कराह सुन के सनी नामक सारस उसके पास आया। उसने मांस और भेड़िया दोनों के देख के सोचा की काश किसी भी तरह से मांस का टुकड़ा मुझे भी मिल जाता।
सनी ने भेदी से पूछा ” क्या हुआ भेदी भाई ,क्यों जोर जोर से रो रहे हो?” भेदी ने बोला ” मेरे दांत में हड्डी फंस गयी है। ” सनी ने बोला “अगर मै निकाल दूँ तो तुम मुझे इनाम दोगे क्या ?”भेदी तुरंत तैयार हो गया।
सनी ने अपने लम्बे चोंच से भेदी के दांत से हड्डी का टुकड़ा निकाल दिया और भेदी का दर्द ख़तम हो गया। इसके बाद सनी ने इनाम माँगा तो भेदी ने हँसते हुए बोला ” मैंने तुम्हारी जान नहीं ली ,ये इनाम से कम है क्या ?”
सनी भेदी की धूर्तता से काफी आहात होके वहा से चला गया।
कहानी से सीख
जो मदद पाने लायक है केवल उनकी मदद करनी चाहिए
शहर के कौवे (bedtime stories for kids in hindi crows)
अकबर को अपने दरबारियों से पहेलियाँ पूछने का शौक था और वो अक्सर अपने दरबार में राजदरबारियों को मुश्किल में डाल दिया करते थे। अकबर ने अपने दरबार में पूछा ” पूरे शहर में कितने कौवे है ?”पूरे राजदरबारी विपदा में आ गए और उनके पसीने छूटने लगे।
इसी बिच अकबर के मंत्री बीरबल प्रवेश करते है और उन्होंने माहौल को भांपते हुए अकबर से जबाब देने की अनुमति मांगते है। अकबर अकबर ने ख़ुशी से उत्तर जानना चाहा. बीरबल ने बोला ” इस सहर में पूरे सत्तर हजार आठ सौ एक हत्तर कौवे है। “अकबर ने बीरबल से पूछा “आपके इतने यकीं से ये संख्या कैसे मालूम ?”
बीरबल ने कहा ” आप अपने सैनिक भेज के गिनवा लीजिये ,अगर गिनती में कम हुए तो इसका मतलब कुछ कौवे अपने रिश्तेदारों के यहाँ गए है और ज्यादा हुए तो कुछ कौवो के यहाँ नए रिश्तेदार घूमने आये है। ” अकबर बीरबल की समझदारी से प्रसन्न हुए और हिरे का हार उनको इनाम में दिया।
कहानी से सीख
एक हाश्य से भरा उत्तर भी काम आ सकता है भले वो एकदम सही ना हो
ब्रह्मदत्त (Bedtime story in hindi for class 3)
एक बार जब ब्रह्मदत्त बनारस में राज कर रहे थे, बोधिसत्व एक ब्राह्मण पैदा हुआ था, और बड़े होकर उसकी दुल्हन से शादी हुई थी, जिसने उसे नंदा, नंद-वती और सुंदरी-नंदा नाम की तीन बेटियों को जन्म दिया था।
बोधिसत्व के मरने के बाद उन बच्चियों का ख्याल पड़ोसियों और दोस्तों के लोगो ने किया था
वह फिर से गोल्डन मैलोडर्ड के रूप में दुनिया में पैदा हुए थे ।उनको पूर्व जन्म की चेतना थी।
बढ़ते हुए पक्षी ने अपना शानदार आकार और सुनहरा आकार देखा, और याद किया कि पहले वह एक इंसान था।
पक्षी को पता चलता है कि उसकी पत्नी और बेटियाँ दूसरों की दानशीलता पर जी रही थीं, तो पक्षी ने उसे हथौड़े से पीटा और सोने को पीटा और कै उन्हें एक समय में एक सुनहरा पंख देकर उनकी पत्नी और बेटियों को आराम से रहने में सक्षम बनाया।
बोधिसत्व को देखकर, पत्नी और लड़कियों ने पूछा कि वह कहाँ से आई है; और उसने उन्हें बताया कि वह उनके पिता थे जिनकी मृत्यु हो चुकी थी
वे एक स्वर्ण मल्लार्ड के रूप में पैदा हुए थे, और यह कि वे उनसे मिलने आए थे
“आपके पास मेरे पंख होंगे,” उन्होंने कहा, “एक-एक करके, और वे आपको आराम और आराम से रखने के लिए पर्याप्त रूप से बेचेंगे।
इतना कहते हुए, उसने उन्हें अपना एक पंख दिया और चला गया। और समय-समय पर वह उन्हें एक और पंख देने के लिए लौट आया, और उनकी बिक्री की आय के साथ ये ब्राह्मण महिलाएं समृद्ध और काफी अच्छी हो गईं।
लेकिन एक दिन माँ ने अपनी बेटियों से कहा, पिता का क्या भरोसा की कल वापस ना लौट के आये। इसलिए इस बार आएंगे तो सारे पंख तोड़ लेंगे।
यह सोचकर उसे पीड़ा होगी, बेटियों ने मना कर दिया।
लालच में आई मां ने एक दिन जब वह पक्षी आया, तो उसने सोने के पक्षी को बुलाया और फिर दोनों हाथों से उसे पकड़ लिया और उसे लूट लिया।
अब बोधिसत्व के पंखों में यह गुण था कि अगर वे उसकी इच्छा के विरुद्ध गए, तो वे सुनहरे पंख एक क्रेन के पंख के समान हो जायेंगे । और अब वह बेचारा पक्षी, हालांकि उसने अपने पंख फैलाए हुए थे, वह उड़ नहीं सकता था
महिला ने उसे एक बैरल में डुबो दिया और उसे वहां भोजन दिया। जैसे-जैसे समय बीतता गया उनके पंख फिर से बढ़ते गए (हालाँकि अब वे सादे सफ़ेद थे), और वह अपने ही घर में उड़ गए और फिर कभी वापस नहीं आए।
एग्जाम के समय की सोच– बेडटाइम स्टोरीज
एक बार शुभम ने शाम सात बजे अपने पापा से कहा, “कल सुबह पांच बजे मुझे उठा दीजिएगा, मैं मॉर्निंग वॉक पर जाऊंगा।” लेकिन इतना कहते ही उसके मन ने सोचा की, “क्यों कह दिया पांच बजे उठाने को? मालूम नहीं कल कॉलेज में प्रैक्टिकल है?
इतनी जल्दी उठोगे तो प्रैक्टिकल में सो नहीं जाओगे?”
तभी तीसरा ख्याल आ गया, “ सुबह उठना ही चाहिए। सुबह सबकुछ एकबार रिवाइझ कर लोगे तो प्रैक्टिकल और अच्छा जाएगा।”
पर जब रात नौ बजे उसने खाना खा लिया तो उसे सुस्ती चढ़ गई। सुस्ती चढ़ते ही चौथे ख्याल ने द्वार खटखटाया, “नहीं उठना अपने को सुबह-सुबह।”
शुभम ने पापा को उठाने से मना कर दिया। रात को टी.वी. वगैरह देखकर जब ग्यारह बजे वह सोने गया तब तक उसके खाने की सुस्ती काफी हृद तक कम हो चुकी थी। बस पांचवें सोच ने कहा , “सुबह उठना ही है। सुबह-सुबह परीक्षा की तैयारी नहीं करी तो कहीं रिजल्ट न गड़बड़ा जाए।” बस तुरंत उसने पापा से फिर उठाने की अनुरोध कर दिया।
पर सुबह में जैसे ही पापा ने पांच बजे उठाया कि उसका छठा ख्याल गुस्सा कर बैठा, “यह कोई वक्त है उठाने का? क्या अभी उठकर प्रैक्टिकल में दिनभर सोता रहूं?”
पापा भी परेशान हो गए। खुद ही उठाने को कहता है और उठाने पर गुस्सा भी करता है। शुभम फिर सो गया। लेकिन फिर मजा तो यह कि सुबह उठकर तथा नहा-धोकर जब वह नाश्ता करने बैठा तो उसे अपने न उठने पर बड़ा पछतावा हुआ। उसने अपने पापा से कहा, “नींद में भले ही मैं लाख मना करूं, पर आपको तो मुझे झकझोर कर उठा ही देना चाहिए था। आपको तो पता है मेरा प्रैक्टिकल एक्झाम है।”
अब पापा क्या कहें? उन्होंने अपना माथा ठोक लिया।
झक्कनपुर का राजा
झक्कनपुर में एक राजा था। उसे पढने-लिखने का बहुत शौक था, पर प्रजा की सेवा करते-करते उसे कभी पड़ने का समय नहीं मिला।
एक दिन उसने ठान लिया की कुछ भी हो जाए वह इस साल जरूर पढ़ेगा। उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा।
राजा को शिक्षा लेते हुए कई महीने बीत गए थे, मगर राजा को इसका कोई लाभ नहीं हो रहा था। राजा का गुरु तो रोज खूब मेहनत करता थे, परन्तु राजा को उस शिक्षा का कोई फ़ायदा नहीं हो रहा था।
राजा बड़ा परेशान होने लगा उसके कुछ समझ में नहीं आ रहा था, गुरु की प्रतिभा और योग्यता पर सवाल उठाना भी गलत था क्योंकि वो एक बहुत ही प्रसिद्द और पढ़ाने-लिखाने में योग्य गुरु थे। राजा को बहुत दिन से परेशान देखकर आखिर में एक दिन रानी ने राजा को सलाह दी कि देव आप इस सवाल का जवाब गुरु जी से ही पूछ कर देखिये।
एक दिन राजा ने बड़ी हिम्मत करके गुरूजी से पूछा, “गुरूजी, क्षमा कीजियेगा, पर मैं कई महीनो से आपसे शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ। बहुत से लोग आपके शिक्षण का ज्ञान आसानी से पाते है, पर मुझे इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है। ऐसा क्यों है?”
गुरु जी ने बड़े ही शांत स्वर में जवाब दिया, “राजन बात छोटी है परन्तु आप अपने ‘बड़े’ होने के अहंकार के कारण इसे समझ नहीं पा रहे हैं और परेशान और दुखी हैं। माना कि आप एक बहुत बड़े राजा हैं पर जब आप किसी से शिक्षा लेते है, तब आप उस समय आप एक शिष्य बन जाते हैं और सिखाने वाला गुरु। गुरु का स्थान हमेशा उच्च होना चाहिए, परन्तु आप स्वंय ऊँचे सिंहासन पर बैठते हैं और मुझे अपने से नीचे के आसन पर बैठाते हैं।”
“आप मुझसे बड़े बन गए है और मैं आपसे निचे, जिससे आपको न तो कोई शिक्षा प्राप्त हो रही है और न ही कोई ज्ञान मिल रहा है” राजा की समझ में सारी बात आ गई और उसने तुरंत अपनी गलती को स्वीकारा और गुरुवर से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
Moral of Bedtime Story in Hindi: हमेशा याद रखें कि गुरु का स्थान हमेशा ऊपर होता है।