बारहसिंगा की सोच (Moral story in hindi for class 3 deer story )

बारहसिंगा की सोच

एक दिन एक बारहसिंगा तालाब में पानी पी रहा था कि उसकी दृष्टि अपनी परछाईं पर पड़ी । पानी में अपनी छाया देखकर वह सोचने लगा – वाह ! मेरे सींग कितने सुंदर हैं !काश, मेरे पैर भी इतने सुंदर होते!

हिरन की कहानी,  जंगली कुत्तों  की कहानी

अचानक उसके कानों में शिकारी कुत्तों की आवाज टकराई। चौंककर वह तेजी से दौड़ा। अपने पैर, जिन्हें वह बदसूरत समझता था उन्हींकी सहायता से वह कूदता हुआ दूर पहुँचकर एक झाड़ी में घुस गया । पर शिकारी कुत्ते उसकी तरफ बढ़ते ही आ रहे थे। उसके सुंदर सींग झाड़ी की टहनियों में बुरी तरह फँस गए थे। इस वजह से वह उस झाड़ी से निकलकर आगे न भाग सका। वह निकल भागने की जद्दोजहद में ही था कि तभी शिकारी कुत्ते करीब आ पहुँचे और उसे धर दबोचा।

Moral of Stories in Hindi for Class 3 – वह सुंदरता किस काम की जिसका कोई उपयोग नहीं हो ।