What is Meditation in Hindi
मन की एकाग्रता से आने वाली शांति को पाने का रास्ता ही ध्यान है और यहीं ध्यान अष्टांग योग के अंतिम चरण में समाधि की अवस्था पा लेता है। ध्यान में इंद्रियां मन के साथ, मन बुद्धि के साथ और बुद्धि अपने स्वरूप आत्मा में लीन होने लगती है। ध्यान योग का महत्वपूर्ण तत्व है जो तन, मन और आत्मा के बीच लयात्मक संबंध बनाता है।
ध्यान के फायदे
अंग्रेजी में इसे मेडिटेशन कहते हैं .Meditation करना यानी की ध्यान लगाना .ध्यान एक क्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। ध्यान का उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने-आप में एक लक्ष्य हो सकता है। |
ध्यान बिलकुल उसी तरह काम करता है जैसे आप रात को सोने के बाद सुबह को अपने आपको शांत और एनर्जी से भरा हुआ महूसस करते है। मैडिटेशन आपके जाग्रित होते हुए आपके दिमाख में चलने वाले विचारों को शून्य कर देता है और आपके वास्तविक रूप से अवगत कराता है।
ध्यान की विधि
ध्यान करने से पहले बातों का ध्यान रखें
मेडिटेशन कब करना चाहिए?
सुविधाजनक समय को चुने
ध्यान वास्तव में विश्राम का समय है, इसलिये इसे अपनी सुविधा के अनुसार करें। ऐसा समय चुना चाहिए जब एकांत हो और आपको किसी प्रकार की जल्दी नहीं हो।सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जब प्रकृति दिन और रात में परिवर्तित होती है, यह समय ध्यान का अभ्यास करने लिये सबसे आदर्श है।
शांत स्थान चुने
सुविधाजनक समय के साथ सुविधाजनक स्थान को चुने जहां आप को कोई परेशान न कर सके। शांत और शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान के अनुभव को और अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।
आराम से बैठें
ध्यान के समय सुखद और स्थिर बैठना बहुत आवश्यक है।
पेट को खाली रखे
भोजन से पहले समय ध्यान के लिए अच्छा होता है। भोजन के बाद में आप को नींद लग सकती है। जब आप को काफी भूख लगी हो तो ध्यान करने का अधिक प्रयास न करें।
ध्यान कैसे करे
- घर पर ध्यान शुरू करने के लिए, आप एक जगह निश्चित करे जो कि शांतिपूर्ण और निर्मल होनी चाहिए। शोर और प्रदूषण का न होना बहुत महत्वपूर्ण है जिस समय आप मेडिटेशन के लिए बैठते हैं।
- सीधा बैठने की कोशिश करो हैं और जहां तक संभव हो अपनी रीढ़ को बिना अपने शरीर पर दबाव डालें, सुविधानुसार सीधा रखे। आप या तो बिस्तर पर या एक फर्श पर बिछे कालीन पर या एक कुर्सी को बैठने के लिए चुन सकते है।
- अपने मन में एक विशिष्ट वस्तु की कल्पना करना शुरू करें। और खुद के रूप में वस्तु पर एकाग्रचित्त होने की कोशिश करें। अपने आप वस्तु का आकार, रंग और बनावट में कल्पना करने की कौशिश करें। ऐसा करने से आप आराम और शांतिं महसूस करना शुरू करेंगे।
- आप अपने सांस लेने के पैटर्न पर अपना ध्यान आकर्षित करना चाहिए। गहरी साँस लेने की कोशिश करें और पूरी तरह से सांस छोड़े। सुनिश्चित करें कि आप अपने सांस लेने के तरीके पर अपनी एकाग्रता को विकसित करते हैं
- अपने सांस लेने के तरीके की गति को बढ़ाने की कोशिश करें और अपने पेट को संकुचित करने और फैलाने की कोशिश करें। आप को निश्चित रूप से मदद मिलेगी कि आपका मन स्थिर है।
- अपनी क्रिया को दोहराए (Keep practicing): जब आप ध्यान लगाते है तो हो सकता है की शुरवात मे आपसे यह सही से न हो, हो सकता है कि जब ध्यान लगाने की कोशिश करते है तो आपके विचार भटकने लगे. परंतु ऐसा होने पर चिंता ना करे और फिर से ध्यान लगाने की कोशिश करे. जब आप ऐसा बार बार करने की कोशिश करेंगे, तो आप आसानी से ध्यान लगा पाएंगे .
ध्यान साधना क्या है
ध्यान कितने समय तक करना चाहिए
आपको हर दिन एक ही समय में ध्यान करने का भी प्रयास करना चाहिए – चाहे वह आपकी सुबह के शुरुआती 15 मिनट हों,रात के या दुपहर के समय के दस मिनट
ध्यान के फायदे
ध्यान-अभ्यास के शारीरिक लाभ शांत चित्त,अच्छी एकाग्रता,बेहतर स्पष्टता,बेहतर संवाद,मस्तिष्क एवं शरीर का कायाकल्प व विश्राम. इससे हमारे शरीर को भी अनेक लाभ मिलते हैं, जैसे कि बेहतर नींद आना, रक्तचाप में कमी आना, रोग-प्रतिरोधक क्षमता और पाचन प्रणाली में सुधार आना
ध्यान करने के लिए सबसे उपयुक्त आसन कौन सा है?
प्राणायाम एवं ध्यान पर बैठने की मुद्राएँ
- सुखासन – सुखपूर्वक (आलथी-पालथी मार कर बैठना)।
- सिद्धासन – निपुण, दक्ष, विशेषज्ञ की भाँति बैठना।
- वज्रासन – एडियों पर बैठना।
- अर्ध पद्मासन – आधे कमल की भाँति बैठना।
- पद्मासन – कमल की भाँति बैठना।
ध्यान केंद्रित करने के लिए योग: पद्मासन कैसे लगाएं
विधि: जमीन पर बैठकर बाएँ पैर की एड़ी को दाईं जंघा पर इस प्रकार रखते हैं कि एड़ी नाभि के पास आ जाएँ। इसके बाद दाएँ पाँव को उठाकर बाईं जंघा पर इस प्रकार रखें कि दोनों एड़ियाँ नाभि के पास आपस में मिल जाएँ।
मेरुदण्ड सहित कमर से ऊपरी भाग को पूर्णतया सीधा रखें। ध्यान रहे कि दोनों घुटने जमीन से उठने न पाएँ।
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जिनको भी केवल इसी संसथान का ध्यान-मैडिटेशन सीखना है उनसे रिक्वेस्ट है की वो कृपया उस वेबसाइट पर जाकर इस सुविधा का लाभ उठाये
Sahaj Samadhi Meditation in Hindi
‘सहज’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राकृतिक’ या ‘ जो बिना किसी प्रयास के किया जाए’। ‘समाधि’ – एक गहरी, आनंदमयी अवस्था है। ‘सहज समाधि’ वह सरल प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते हैं।
सहज समाधि कार्यकम् आपको यही करना सिखाता है। यह ध्यान करने की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसके अभ्यास से आप तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर, मन में असीम शांति अनुभव करते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है।
हम सभी ने अपने जीवन में ध्यान की अवस्था को महसूस किया ह जिन क्षणों में हम बेहद खुश हुए हैं, या फिर जिन क्षणों में हम किसी काम में तल्लीनता से डूबे हुए हैं – ऐसे क्षणों में हमारा मन हल्का और आरामदेह प्रतीत होता है। हम सबने ऐसे क्षणों को अनुभव किया है, लेकिन हम उन्हें अपनी मर्ज़ी से दोबारा अनुभव नहीं कर पाते हैं।
- ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है, और स्वयं में स्थिरता आती है।
- जब मन स्थिर होता है, तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं, जिससे हम स्वस्थ और केन्द्रित महसूस करते हैं।
सहज समाधि ध्यान कैसे करते हैं ?
यह मन्त्र ध्यान है जिसमें प्रतिभागियों को एक सरल ध्वनि/मंत्र सिखाई जाती है. इसको मन में स्मरण करने पर मन स्थिर होने लगता है और अंदर की ओर जाने लगता है। जब मन और तंत्रिका तंत्र गहरे विश्राम में स्थिर होते हैं हमारे मन और तब हमारे मानसिक विकास के मार्ग के अवरोध स्वतः खुलने लगते हैं।
सहज समाधि ध्यान के लाभ
जब मन शांत होता है हम अधिक स्पष्टता से अपनी बात को व्यक्त कर पाते हैं। तब किसी भी बात को देखने, समझने और व्यक्त करने की कला निखरती है। फलस्वरूप, हम अपने जीवन में अधिक स्पष्टता से संवाद कर पाते हैं।
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सहज समाधि ध्यान के मुख्य लाभ इस प्रकार के हैं-
- स्पष्ट विचार
- बढ़ी हुई ऊर्जा
- अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य
- संबंधों में सुधार
- मन में गहरी शांति