केजरीवाल राजनीतिक व्यंग्य (Vyang in hindi)
दिल्ली में केजीरवाल का त्यागपत्र हास्य पूर्ण खबरों में बना रहा है .सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ चुकी है और इसमें 2 परसेंट योगदान केजरीवाल जी की खांसी का बताया गया है.इससे दुखी हो कर अरविन्द ने अपनी कुर्सी छोड़ दी और बगल वाली कुर्सी पे बैठ गए |
नेशनल लैबोरेट्री हैदराबाद से आई जानकारी के बाद अरविन्द ने सर पकड़ लिया “हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं बल्कि राजनीति बदलने आए हैं जी”.इतना बोलते ही अरविन्द खांसने लगे. इस रिपोर्ट के मुताबिक जब जब अरविन्द जी को “मित्रों”नाम का वायरस सुनाई देता है तो उनकी खासी बहुत बढ़ जाती है.
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह भाजपा की साजिश है जिसके तहत वह प्रधानमंत्री की 5 रैलियां रख रहे हैं. प्रधानमंत्री जी ने रामलीला मैदान में अपनी रैली के दौरान मित्रों बोलकर दिल्ली का चुनाव एकतरफा कर लिया. इसी रैली के बाद केजरीवाल की खांसी बढ़ गई और दिल्ली का पोलूशन अचानक तीन गुना अधिक हो गया.
ना आया हूं ,ना किसी ने भेजा है नामक नशीली चुरन केजरीवाल में भी पाई गई है और इसके इलाज के लिए अच्छे दिन की दवा लेने हेतु उनको विपासना केंद्र बेंगलुरु जाना होगा. उधर विपक्षी दल के नेता मनोज तिवारी ने अरविन्द को हा हा ही ही कम हंसने की सलाह दी है. हाल फिलहाल के दिनों में ऐसा राजनीतिक सौहार्द इससे पहले नहीं देखा गया है.अपने विपक्ष के द्वारा केजरीवाल की चिंता को देखकर केजरीवाल कोमा में चले है .उन्होंने प्रदुषण के खिलाफ कोमा में ही आंदोलन करने का एलान कर दिया है