खुनी झील की कहानी ( Moral Story in hindi for class 3 )

Moral Story in hindi for class 3: एक जंगल में एक झील थी जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद झील में पानी पिने के लिए अगर कोई भी उस में जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन एक हीरु नाम का हिरण उस जंगल में आया।

वह जंगल में जुगनू बन्दर से मिला. जुगनू बन्दर ने हिरण को जंगल के बारे में पूरा बताया लेकिन झील के बारे में बताना भूल गया। जुगनू बन्दर ने अगले दिन हिरण को जंगल के सभी जानवरों से मिलाया।

जंगल में हिरण का सबसे अच्छा दोस्त एक खुर्रम खरगोश बन गया। हीरु हिरण को जब ही प्यास लगती थी तो वह उस झील में पानी पिने जाता था। वह शाम को भी उसमें पानी पिने जाता था।

एक शाम को वह उस झील में पानी पिने गया तो उसने बड़ी तेज़ी से अपनी और आता हुआ मगरमच्छ देख लिया। यह देखकर वह बड़ी तेज़ी से जंगल की तरफ भागने लगा। रास्ते में उसको जुगनू बन्दर मिल गया।

बन्दर ने हीरु से इतनी तेज़ भागने का कारण पूछा। हीरु हिरण ने उसको सारी बात बताई। जग्गू बन्दर ने कहा की मै तुमको बताना भूल गया था की वह एक खुनी झील है। जिसमे जो भी शाम के बाद जाता है वह वापिस नहीं आता।

लेकिन उस झील में मगरमच्छ क्या कर रहा है। उसे हमनें कभी नहीं देखा। इसका मतलब वह मगरमच्छ ही सभी जानवरों को खाता है जो भी शाम के बाद उस झील में पानी पिने जाता है।

अगले दिन बन्दर जंगल के सभी जानवरों को ले जाकर झील में गया। मगरमच्छ सभी जानवरों को आता देखकर छुपने लगा लेकिन उसकी पीठ फिर भी दिख रही थी

सभी जानवरों ने कहा की यह पानी के बाहर जो चीज़ दिखाई दे रही है वह मगरमच्छ है। यह सुनकर मगरमच्छ कुछ नहीं बोला। खुर्रम खरगोश ने दिमाग लगाया और बोला नहीं यह तो पत्थर है। लेकिन हम सब तभी मानेंगे जब यह खुद बताएंगा।

यह सुनकर मगरमच्छ बोला की मै एक पत्थर हूँ। इससे सभी जानवरों को पता लग गया की यह एक मगरमच्छ है। खुर्रम खरगोश ने मगरमच्छ को कहा की तुम तुम्हे इतना भी नहीं पता की पत्थर बोला नहीं करते। इसके बाद सभी जानवरों ने उस मगरमच्छ को उस झील से भगा दिया और खुशी खुशी रहने लगे।

सीख: Moral Story in hindi for class 3

यदि हम किसी भी मुसीबत का सामना बिना घबराये मिलकर करते है तो उससे छुटकारा पा सकते है।