गायत्री मंत्र का अर्थ
गायत्री को सभी वेदों की जननी कहा गया है। मान्यता है कि चारों वेदों का सार गायत्री मंत्र ही है। यदि आप इस मंत्र को समझ गए तो चारों वेदों के सार को भी समझ गए।
गायत्री माता से ही वेदों का जन्म हुआ है, इसलिए गायत्री माता को वेदमाता भी कहते हैं। इनकी अराधना स्वयं भगवान शिव, श्रीहरि विष्णु और ब्रह्मा करते हैं, इसलिए गायत्री माता को देव माता भी कहा जाता है।
Gayatri Mantra in hindi – माँ गायत्री की शक्तियाँ, गायत्री मंत्र के लाभ
वेदों में गायत्री एक सर्वव्यापी प्रार्थना है। यह प्रार्थना से ईश्वर को संबोधित किया गया है . गायत्री को तीन भाग माना जा सकता है – (i) आराधना (ii) ध्यान (iii) प्रार्थना। पहले स्तुति की जाती है, फिर श्रद्धा में उसका ध्यान किया जाता है और अंत में मनुष्य की विवेकशील बुद्धि को जगाने और उसे मजबूत करने के लिए दिव्य से प्रार्थना की जाती है।
गायत्री को वेदों का सार माना जाता है। वेद का अर्थ है ज्ञान. धर्म ग्रंथों में गायत्री की महिमा कही गई। ऋषि-मुनि मन से गायत्री का गुण-गान करते हैं। शास्त्रों में गायत्री मंत्र के वर्णन मिलते हैं। गायत्री मंत्र तीनों देव, बृह्मा, विष्णु और महेश का सार है।
देवताओं के गायत्री मंत्र
- गणेश:- ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।।
- विष्णु:- ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।
- रुद्र :- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ।।
- राम :- ॐ दशरताय विद्महे, सीता वल्लभाय धीमहि, तन्नो रामा: प्रचोदयात् ।।
- कृष्ण :- ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण प्रचोदयात् ।।
- हनुमान :- ॐ आञ्जनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमान् प्रचोदयात् ।।
देवीओं के गायत्री मंत्र
- दुर्गा :- ॐ कात्यायन्यै विद्महे, कन्याकुमार्ये च धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।।
- काली :- ॐ कालिकायै च विद्महे, स्मशानवासिन्यै धीमहि, तन्नो घोरा प्रचोदयात् ।।
- लक्ष्मी:- ॐ महादेव्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।
- सरस्वती :- ॐ वाग्देव्यै च विद्महे, कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात् ।
om bhur bhuva swaha in hindi text
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।
Om Bhur Bhuva Swaha Meaning
हम ईश्वर की महिमा करते हैं, जिसने मनुष्य को प्राण प्रदाण किया है, इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो अज्ञान को दूर करने वाला हैं- करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
गायत्री मंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या (Gayatri Mantra Meaning by words in Hindi)
ॐ = प्रणव
भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
तत = वह
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
वरेण- ्यं = सबसे उत्तम
भर्गो- = कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य- = प्रभु
धीमहि- = आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो = बुद्धि
यो = जो
नः = हमारी
प्रचो- दयात् = हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
Gayatri mantra benefits in hindi
गायत्री मंत्र का जप करने के कई फायदे हैं। उनके जप की एक निश्चित प्रक्रिया है। यह सलाह दिया जाता है कि लोग गायत्री मंत्र का जप करते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपको हमेशा आँखें बंद करनी चाहिए और हर शब्द पर ध्यान केंद्रित करने और उनके अर्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। प्रत्येक शब्द या यहां तक कि ध्वनि को सही ढंग से बोला जाना चाहिए जैसा की वास्तविक रूप में है
हालांकि इसका जप दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, यह सुझाव दिया जाता है कि मंत्र का जाप सुबह , और रात को सोने से पहले करना बेहतर है,
गायत्री उपासना प्रत्यक्ष तपश्चर्या है, इससे तुरन्त आत्मबल बढ़ता है। गायत्री साधना एक बहुमूल्य दिव्य सम्पक्ति है। इस सम्पत्ति को इकट्ठी करके साधक उसके बदले में सांसारिक सुख एवं आत्मिक आनन्द भली प्रकार प्राप्त कर सकता है।
Gayatri Mantra in hindi
Gayatri Mantra से आत्मिक कायाकल्प हो जाता है। इस महामंत्र की उपासना आरम्भ करते ही साधक को ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे आन्तरिक क्षेत्र में एक नई हलचल एवं रद्दोबदल आरम्भ हो गई है। सतोगुणी तत्त्वों की अभिवृद्धि होने से दुर्गुण, कुविचार, दुःस्वभाव एवं दुर्भाव घटने आरम्भ हो जाते हैं और संयम, नम्रता, पवित्रता, उत्साह, स्फूर्ति, श्रमशीलता, मधुरता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, उदारता, प्रेम, सन्तोष, शान्ति, सेवाभाव, आत्मीयता आदि सद्गुणों की मात्रा दिन-दिन बड़ी तेजी से बढ़ती जाती है।
फलस्वरूप लोग उसके स्वभाव एवं आचरण से सन्तुष्ट होकर बदले में प्रशंसा, कृतज्ञता, श्रद्धा एवं सम्मान के भाव रखते हैं और समय-समय पर उसकी अनेक प्रकार से सहायता करते रहते हैं। इसके अतिरिक्त सद्गुण स्वयं इतने मधुर होते हैं, कि जिस हृदय में इनका निवास होगा, वहाँ आत्म सन्तोष की परम शान्तिदायक शीतल निर्झरिणी सदा बहती है। ऐसे लोग सदा स्वर्गीय सुख आस्वादन करते हैं।
गायत्री साधना के साधक के मनःक्षेत्र में असाधारण परिवर्तन हो जाता है। विवेक, दूरदर्शिता, तत्त्वज्ञान और ऋतम्भरा बुद्धि की अभिवृद्धि हो जाने के कारण अनेक अज्ञान जन्य दुःखों का निवारण हो जाता है।
प्रारब्धवश अनिवार्य कर्मफल के कारण कष्टसाध्य परिस्थितियाँ हर एक के जीवन में आती रहती हैं, हानि, शोक, वियोग, आपत्ति, रोग, आक्रमण, विरोध, आघात आदि की विभिन्न परिस्थितियों से जहाँ साधारण मनोभूमि के लोग मृत्यु तुल्य कष्ट पाते हैं।
gaytri mantra in hindi language
वहाँ आत्मबल सम्पन्न गायत्री साधक अपने विवेक, ज्ञान, वैराग्य, साहस, आशा, धैर्य, सन्तोष, संयम और ईश्वर विश्वास के आधार पर इन कठिनाइयों को हँसते-हँसते आसानी से काट लेता है। बुरी अथवा असाधारण परिस्थितियों में भी वह अपने आनन्द का मार्ग ढूँढ़ निकालता है और मस्ती, प्रसन्नता एवं निराकुलता का जीवन बिताता है।
प्राचीन काल में ऋषियों ने बड़ी-बड़ी तपस्यायें और योग्य साधनायें करके अणिमा, महिमा आदि चमत्कारी ऋद्धि -सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। उनके शाप और वरदान सफल होते थे तथा वे कितने ही अद्भुत एवं चमत्कारी सामर्थ्यों से भरे पूरे थे, इनका वर्णन इतिहास, पुराणों में भरा पड़ा है। वह तपस्यायें और योग -साधनायें गायत्री के आधार पर ही होती थीं। गायत्री महाविद्या से ही 84 प्रकार की महान् योग साधनाओं का उद्भव हुआ है।
Gayatri mantra in hindi download
gayatri mantra in english
Om bhoor bhuvah svah
Tat savitur varenyam
bhargo devasya deemahi
dhiyo yo nah prachodayaat
Translation of Gayatri Mantra
Oh, creator of the universe. We meditate upon thy supreme splendor. May thy radiant power illuminate our intellects, destroy our ignorance and guide us in the direction of enlightenment by purifying our inner hearts.”
Meaning: We meditate on that most adored Supreme Lord, the creator, whose divine light illuminates all physical, mental and spiritual surrounding. May this divine light illumine our intellect.
Gayatri Mantra Meaning in English
- Om: The Original sound;
- Bhur: the physical body;
- Bhuvah: the life force
- Suvah: the soul/spiritual nation;
- Tat – In simpler term, it means “that”, because it stated description through speech or language, the “Ultimate Reality.”
- Savitur – “Divine Sun” (The ultimate light of wisdom)
- Varenium – “Adore”
- Bhargo – “Illumination”
- Devasya – “Divine Grace”
- Dheemahi – “We Contemplate Dhiyo: the intellect;
- Yo: May this light;
- Nah: our;
- Prachodayāt: illumine/inspire
There are numerous benefits of chanting Gayatri mantra. Thus, here are some of the positive effects of chanting Gayatri Mantra.
- It increases learning power.
- It increases concentration.
- It brings prosperity.
- It gives people eternal power.
- It is very useful for peace.
- It is the first step to go to the way of the spiritual road.
- It is correlated with God.
- Keeps Your Heart Healthy
- Helps reduce Asthma Symptoms
- Improves Overall Immunity:
om bhur bhuva swaha meaning in marathi
Om bhoor bhuvah svah
Tat savitur varenyam
bhargo devasya deemahi
dhiyo yo nah prachodayaat
आम्ही त्या अत्यंत प्रेमळ परमात्मा, निर्माते, ज्यांचे तेज (दिव्य प्रकाश) सर्व क्षेत्र (भौतिक, मानसिक आणि आध्यात्मिक) प्रकाशित करतो यावर ध्यान करतो. हा दिव्य प्रकाश आपल्या बुद्धीला प्रकाश देईल.