राजनीतिक व्यंग्य: देख लेना विधेयक संसद में हो सकता है पेश

व्यंग्य:संसद मार्ग से लेफ्ट कट ,न्यू दिल्ली: गाने के शौक़ीन लोग देख लेना यूट्यूब पर ढूंढे बाकी लोग खबर का मजा ले.भारत में चल रहे CAA विरोध विरोध में बहुत सारे नारे प्रचलित हुए है. आजादी, हम देखेंगे इनमें से प्रमुख है. आईआईटी के सामने खुले कॉलेज आईटीआई मुंबई के दबंगों ने देख लेना का नारा बुलंद किया है.

उनका कहना है कि यह उनका सांस्कृतिक विरासत है और हमारे पूर्वज देख लेना के नारे से कई ऐतिहासिक रोड के झगड़ों पर फतेह की है.

वहां के छात्र नेता मिस्टर रणछोड़ दास का कहना है की जब हमारे इलाके में लड़ाई होती है और हमारी स्थिति खराब दिखती है  तब हम देख लेना छोड़ेंगे नहीं ,तुम जानते नहीं हो हम कौन है,काट के रख देंगे ,बर्बाद कर देंगे जैसे ईगो वर्धक सूचक लगा के कट लेते है .इस नारे ने हमें कई बार कुटाने से बचाया है.

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राष्ट्रीय स्तर पर यह एक इगो वर्धक अचूक उपचार है. खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे इसका पर्याय है.

माननीय गृह मंत्री से मिलकर आईटीआई के छात्रों ने देख लेंगे को महाबली डरपोक लोगों के लिए आरक्षित किया जाए. इस आरक्षण की मांग समाज में सिंगल पसली के लोगों की ओर से भी उठी है.

संगीत के क्षेत्र में भी ये दो लब्ज़ कोहराम मचाये हुए है .अरिजीत सिंह ने इन लब्ज़ो को अपनी आवाज देकर लोगो के दिमाग के तारो को हिला दिया है.इस गाने से ऐसा करंट लगा है की लोग माउस पे अंगुलिया दबाते है और असर सीधा माशूका पर होता है .

स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मंत्री जी ने आश्वासन दिया है की इसके लिए कुछ समाज के दूसरे डरपोक टाइप के लोगों को एकजुट किया जा रहा है. जल्द ही देख लेना विधेयक को संसद से पारित करने की उम्मीद है.