श्रद्धा और समर्पण बच्चों की कहानी | Cow aur Bagh moral kids story

गाय और बाग की कहानी

एक दिन की बात है एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। बैसे तो वह हर रोज समय से अपने घर लौट आया करती परंतु आज शाम ढलने के करीब थी। गए देखती है कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है।

गाय दर जाती है और वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। और वह बाघ भी तेज तेज कदमों से उसके पीछे दौड़ने लगता है ।
दौड़ते दौड़ते बहुत देर के बाद गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय जल्दी से उस तालाब के अंदर घुस गई।

और वह बाघ भी उसका पीछा करते हुए तालाब के अंदर घुस जाता है। तब गाय और बाघ ने महसूस कि वह तालाब बहुत ज्यादा गहरा नहीं था। उसमें पानी कम था परंतु वह कीचड़ से भरा हुआ था। उन दोनों के बीच की दूरी तो काफी कम हो गई थी। लेकिन अब वह कुछ नहीं कर पा रहे थे।

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वह गाय उस किचड़ के अंदर धीरे-धीरे करके धंसने लगती है। और वह बाघ भी गाय के पास होते हुए भी उसे पकड़ नहीं सका। वह भी धीरे-धीरे कीचड़ के अंदर धंसने लगा। दोनों ही लगवग करीब करीब गले तक उस कीचड़ के अंदर फस गए।

दोनों हिल भी नहीं पा रहे थे। गाय के करीब होने के बावजूद वह बाघ उसे पकड़ नहीं पा रहा था। थोड़ी देर बाद गाय ने उस बाघ से पूछा, क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है?

बाघ ने गुर्राते हुए उत्तर दिया, मैं तो जंगल का राजा हूं। भला मेरा कोई मालिक कैसे हो सकता है। मैं खुद ही जंगल का मालिक हूं।
गाय ने कहा, लेकिन तुम्हारे उस शक्ति का यहां पर क्या उपयोग है?

उस बाघ ने कहा, तुम भी तो फस गई हो और मरने के करीब हो। तुम्हारी भी तो हालत मेरे जैसी है। गाय ने मुस्कुराते हुए कहा, बिलकुल नहीं। मेरा मालिक जब शाम को घर आएगा और मुझे वहां पर नहीं पाएगा तो वह ढूंढते हुए यहां जरूर आएगा।

और मुझे इस कीचड़ से निकाल कर अपने घर ले जाएगा। तुम्हें कौन ले जाएगा? थोड़ी ही देर में सच में ही एक आदमी वहां पर आया और गाय को कीचड़ से निकालकर अपने घर ले गया।

जाते समय गाय और उसका मालिक दोनों एक दूसरे की तरफ कृतज्ञता पूर्वक देख रहे थे। वे चाहते हुए भी उस बाघ को कीचड़ से नहीं निकाल सकते थे क्योंकि उनकी जान के लिए वह खतरा था।

गाय समर्पित ह्रदय का प्रतीक है। बाघ अहंकारी मन है और मालिक सद्गुरु का प्रतीक है। कीचड़ यह संसार है। और यह संघर्ष अस्तित्व की लड़ाई है। किसी पर निर्भर नहीं होना अच्छी बात है लेकिन उसकी अति नहीं होनी चाहिए।

कहानी से सीख

आपको किसी मित्र,किसी गुरु, किसी सहयोगी की हमेशा ही जरूरत होती है।

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