हास्य व्यंग
व्यंग्य :CBSE बोर्ड के एग्जाम चालू हो गए हैं .बच्चों के साथ साथ पेरेंट्स के एग्जाम प्रेशर भी दिखने लगे हैं. बच्चों पर प्रेशर वैसे भी ज्यादा होता है ,पेरेंट्स अपने ऊपर प्रेशर लेकर बच्चों के लिए प्रेशर कुकर सिचुएशन पैदा कर देते हैं.
अनेक तरह के पेरेंट्स नामक प्रजाति एग्जाम हॉल सेंटर के सामने दिखाई दे देगी.
सबसे पहली प्रलय निवारक प्रजाति जो 3 घंटे के एग्जाम के लिए 3 घंटे पहले ही पहुंच जाते हैं. उनका मानना होता है प्रलय कभी भी आ सकता है और इसलिए प्रलय के पहुंचने से पहले उनका बाबू एग्जाम सेंटर पर तैयारी कर लेगा. प्रलय क्लास के टॉपर का नाम है.
दूसरी दुर्लभ पेरेंट्स की प्रजाति छतरी प्रजातियों की होती है. यह प्रजातियां अपने बच्चों को हर तरफ से घेरे रहती हैं. मेरा बच्चा पानी पी ले ,थोड़ा सा बिस्किट खा ले, पेन पेंसिल और चाहिए क्या? यह कुछ उनके प्रेम बाण है जिससे बच्चा लहूलुहान महसूस करता है.
तीसरी प्रजाति धनवान विद्वान और खुद में महान प्रजाति की होती है. कई बार इन पेरेंट्स की तैयारी बच्चों से भी ज्यादा होती है. इनको सारे प्रश्नों के जवाब बच्चों से ज्यादा अच्छे तरीके से मालूम होते हैं.
ऐसे पेरेंट्स के बच्चों की हालत साथ लाए बोतल की पानी में डूबने जैसी होती है. लेकिन पेरेंट्स का प्यार और एग्जाम हॉल में टीचर का व्यवहार पानी बचाने की सलाह देते हैं.
hasya vyang in hindi
चौथी प्रजाति पैनिक प्रजाति है .ये प्रजातियां बच्चो में बिजली के झटके देती हैं. यह प्रजातियां बच्चों में वह छूट गया, यह बचा रह गया इत्यादि बोलकर अपने योद्धाओं में रणक्षेत्र में जाने से पहले ही घर पैदा कर देते हैं.
इन प्रजातियों के कारण कई बार बच्चों को रुमाल का उपयोग करता हुआ देखा गया है.
अंतिम प्रजाति विलुप्त प्रजाति है. इस प्रजाति को आज तक कहीं देखा नहीं गया है और ना ही सुना गया है.
यह प्रजाति अपने अपने गुफाओं में विलीन रहती है. बैग में पानी का बोतल रखकर दुनिया से लड़ने के लिए बच्चों को अकेला छोड़ देती है.
इन प्रजातियों का मानना है की 15 साल में अगर यह लौंडे बाबूसोना नाम की गर्लफ्रेंड को पाल पोश सकते हैं तो अपना ख्याल खुद रख ही लेंगे.
इस लेख के जरिये CBSE बोर्ड एग्जाम के दौरान चल रहे बच्चों और पेरेंट्स के दिमाग में अनेक तरह की उलझनों का चित्रण करना मात्र भर है.