कैप्टन अमरिंदर सिंह का जीवन परिचय
पूरा नाम | कैप्टन अमरिंदर सिंह |
जन्म | 10 मार्च 1942 |
आयु | 79 वर्ष |
जन्मस्थान | पटियाला, पंजाब |
पिता का नाम | यादवेंद्र सिंह |
मां का नाम | मोहिंदर कौर |
पत्नी का नाम | प्रणीत कौर |
बच्चे | पुत्र- रनिंदर सिंह, पुत्री- जय इंदर कौर |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
नेटवर्थ | करीब 85.86 करोड़ रुपए |
कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म और माता-पिता: Captain Amarinder Singh wikipedia in Hindi
10 मार्च 1942 को पंजाब के पटियाला शहर में कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म हुआ था। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता का नाम (Captain Amarinder Singh Father Name) महाराजा यादवेंद्र सिंह है। उनकी मां का नाम (Captain Amarinder Singh Mother Name) महारानी मोहिंदर कौर है। मोहिंदर कौर पटियाला की महारानी थीं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का वैवाहिक जीवन – (Captain Amarinder Singh Wife and Children’s)
प्रणीत कौर (Captain Amarinder Singh Wife Name) से कैप्टन अमरिंदर सिंह की शादी हुई। प्रणीत कौर साल 2009 से साल 2014 तक केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री रहीं। उनके दो बच्चे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रणीत कौर के बेटे का नाम (Captain Amarinder Singh Son) रनिंदर सिंह है। वहीं उनकी बेटी का नाम (Captain Amarinder Singh Daughter) जय इंदर कौर है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की शिक्षा – (Captain Amarinder Singh Education)
अमरिंदर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा बेलहम बॉयज स्कूल और लॉरेंस स्कूल सनवार, द दून स्कूल, देहरादून से हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की है।
भारतीय सेना में बने कैप्टन
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी में जाने के बाद अमरिंदर सिंह को साल 1963 में भारतीय सेना में शामिल किया गया। वहीं इसके बाद साल 1965 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन साल 1965 में ही जब पाकिस्तान से युद्ध छिड़ा तो वह फिर से भारतीय सेना में शामिल हो गए और कैप्टन की पोस्ट हासिल कर सिख रेजीमेंट से पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजनैतिक जीवन
1980 में कांग्रेस में हुए शामिल
साल 1980 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनैतिक जीवन की शुरूआत हुई। साल 1980 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पहली बार में ही लोकसभा के लिए चुने गए। लेकिन स्वर्ण मंदिर में हुए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हुए और तलवंडी साबो से विधानसभा चुनाव जीते। इस दौरान वह पंजाब सरकार में कृषि और पंचायत मंत्री रहे।
फिर बनाई अपनी पार्टी
साल 1992 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल छोड़कर अपनी पार्टी का गठन किया। इसका नाम दिया गया शिरामणि अकाली दल (पथिक)। लेकिन 1988 के विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद उन्होंने साल 1998 में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया।
पहली बार बने पंजाब के सीएम
1999 से लेकर 2002 और 2010 से लेकर 2013 तक कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। वहीं साल 2002 में पहली बार वह पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
अरुण जेटली को हराया
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली को एक लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था। इसके साथ ही वह पटियाला से तीन बार, तलवंडी साबो और समाना से एक-एक बार विधायक भी चुने गए।
दूसरी बार बने पंजाब के मुख्यमंत्री
साल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव की पूरी जिम्मेदारी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने हाथों में ही ले ली थी। यही कारण था कि उन्होंने साल 2016 में ही लोकसभा सांसद के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के 26वें मुख्यमंत्री चुने गए।
मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी में अपनी अनदेखी होने के कारण 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
इसके बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।