Panchtantra story in hindi : खटमल और जूं
एक राजा के शयनकक्ष में रक्ति नाम की जूं रहती थी . रोज रात को जब राजा जाता तो वह बाहर निकल कर ,राजा का खून चूसकर फिर अपने स्थान पर जा छिपती।
संयोग से एक दिन खट्टू नाम का एक खटमल भी राजा के शयनकक्ष में आ गया । जूं ने जब उसे देखा तो वहां से चले जाने को कहा।
लेकिन खटमल भी चतुर था उसने कहा ‘‘देखो, मैं आज रात तुम्हारा मेहमान हूं। मेहमान से इसी तरह बर्ताव नहीं किया जाता,’’
जूं खटमल की चिकनी-चुपड़ी बातों में आ गई और बोली, ‘‘ठीक है, तुम यहां रातभर रुक सकते हो, लेकिन राजा को काटोगे तो नहीं उसका खून चूसने के लिए।’’
खटमल बोला, ‘‘लेकिन मैं तुम्हारा मेहमान है, मुझे कुछ तो दोगी खाने के लिए। और राजा के खून से बढ़िया भोजन और क्या हो सकता है।’’
‘‘ठीक है।’’ जूं बोली, ‘‘तुम चुपचाप राजा का खून चूस लेना, उसे पीड़ा का आभास नहीं होना चाहिए।’’
रात ढलने पर राजा वहां आया और बिस्तर पर पड़कर सो गया। उसे देख खटमल सबकुछ भूलकर राजा को काटने लगा, खून चूसने के लिए।
ऐसा स्वादिष्ट खून उसने पहली बार चखा था, इसलिए वह राजा को जोर-जोर से काटकर उसका खून चूसने लगा।
इससे राजा के शरीर में तेज खुजली होने लगी और उसकी नींद उचट गई। उसने क्रोध में भरकर अपने सेवकों से खटमल को ढूंढकर मारने को कहा।
यह सुनकर चतुर खटमल तो पंलग के पाए के नीचे छिप गया लेकिन चादर के कोने पर बैठी जूं राजा के सेवकों की नजर में आ गई। उन्होंने उसे पकड़ा और मार डाला।
सीख : हमें अजनबियों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर उनपर भरोसा नहीं करना चाहिए अपितु उनसे सावधान ही रहना चाहिए।