बिल्ली की गले की घंटी ( Moral story in hindi for class 4 )

Moral story in hindi for class 4: एक किरानेवाले के यहाँ बहुत सारे चूहे हो गए थे और वो सारे चूहे अनाज और खाने पिने की चीज़ो को खाते और गिराते भी थे। परेशान होकर किरानी की दूकान के मालिक ने इसका समाधान के लिए एक बिल्ली को खरीद लिया।

बिल्ली के आते ही चूहों की हालत खराब क्यूंकि बिल्ली चूहों को देखते ही चुप चाप पीछे से झपट्टा मार के उनको अपने कब्जे में कर लेती थी। चूहों का आजादी से आना जाना बंद हो चूका था और चूहों की संख्या लगातार कम होती गयी।

अपनी काम संख्या और आवाजाही को काम होता देख सारे चूहों ने एक मीटिंग बुलाई। सब अपनी राय देनी चालू की। उसी में से एक समझदार चूहे ने कहा “बिल्ली चुप चाप हमारे पीछे भाग के आती है और हमें पता नहीं चल पता ,इसलिए हमारी संख्या काम हो रही है।

इसलिए हमारे लिए सबसे अच्छा उपाय यह है की हम बिल्ली के गले में एक छोटी सी घंटी बाँध देते है जिससे बिल्ली के आने जाने की खबर हमें लगती रहेगी। सारे चूहे इस अनोखे सुझाव को सुन कर खुश हो गए की हमारे दिक्कत एक एक समाधान मिल चूका है। इस बिच एक बुड्ढा बिल्ला बोला “बिल्ली के गले में घंटी बंधेगा कौन ?” यह सुनते ही पूरे मीटिंग में सन्नाटा छा गया।