नैतिक कहानियां ( Top 3 moral stories in hindi for kids )

Top 3 moral stories in hindi for kids

दादी की पेन्सिल ( Kids Moral Story in Hindi )

रवि अपने कमरे में उदास बैठा था| उसका मैथ्स का एग्जाम बहुत खराब हुआ था | वह दुःखी था कि उसको बहुत कम मार्क्स मिलेंगे |

उसी वक्त रोहन की दादी कमरे में घुसी और रोहन को एक सुन्दर सी पेन्सिल गिफ्ट में देती हैं| रोहन ने कहा कि दादी मां मुझे ये पेन्सिल मत दो, मेरा एग्जाम खराब हुआ है इसलिए मुझे ये गिफ्ट नहीं चाहिए |

दादी मां कहती हैं – रोहन बेटा, ये पेन्सिल भी एकदम तुम्हारी जैसे है| यह पेन्सिल तुमको बहुत कुछ समझाएगी | जब यह पेन्सिल को छीला जाता है तो इसे भी बहुत ही दर्द होता है जैसे अभी तुमको हो रहा है| लेकिन पेन्सिल छिलने के बाद पहले से शॉर्प और अच्छी तरह काम करने लगती है और उससे अच्छी लिखाई होती है| अब तुम भी आगे से खूब मेहनत करोगे तो तुम भी पहले से ज्यादा होशियार और अच्छे बनोगे|

रोहन दादी की इस बात सुन कर खुश होकर दादी की पेन्सिल रख लेता है |

शिक्षा

पेन्सिल जब तक छिलती नहीं है तब तक उसके द्वाराअच्छी लिखाई नहीं की जा सकती. वैसे ही इंसान को भी अच्छा बनने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | आपकी आज की कठिनाइयां कल के लिए एक अच्छा भविष्य की नीव है |

नन्हीं चिड़िया ( best hindi moral story for kids )

हजारो साल पहले की बात है, एक बहुत घना जंगल था | एक बार गर्मी की वजह से पूरे जंगल में भीषण आग लग गयी| सभी जानवर देख के डर रहे थे की अब क्या होगा?? और सब एक दूसरे की और देख रहे थे। थोड़ी ही देर में जंगल में भगदड़ मच गयी सभी जानवर इधर से उधर भाग रहे थे पूरा जंगल अपनी अपनी जान बचाने में लगा हुआ था | उस जंगल में एक छोटी सी चिड़िया रहा करती थी उसने देखा क़ि सभी जानवर और पक्षी भयभीत हैं. जंगल में आग लगी है मुझे लोगों की मदद करनी चाहिए|

यही सोचकर वह तुरंत ही पास की नदी में गयी और चोच में पानी भरकर लाई और आग में डालने लगी| वह बार बार नदी में जाती और चोच में पानी डालती| उसके पास से एक उल्लू गुजर रहा था उसने चिड़िया की इस हरकत को देखा और मन ही मन सोचने लगा बोला क़ि ये चिड़िया कितनी मूर्ख है इतनी भीषण आग को ये चोंच में पानी भरकर कैसे बुझा सकती है|

यही सोचकर वह चिड़िया के पास गया और बोला कि तुम मूर्ख हो इस तरह से आग नहीं बुझाई जा सकती है| चिड़िया ने बहुत विनम्रता के साथ उत्तर दिया-“मुझे पता है कि मेरे प्रयास से कुछ नहीं होगा लेकिन मुझे अपनी तरफ से सर्वोत्तम प्रयास करना है, आग कितनी भी भयंकर हो लेकिन मैं अपना प्रयास नहीं छोड़ूँगी”

उल्लू यह सुनकर बहुत प्रभावित हुआ|यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है|

जब कोई परेशानी आती है तो इंसान घबराकर हार मान लेता है लेकिन हमें बिना डरे प्रयास करते रहना चाहिए यही इस कहानी की शिक्षा है|

hindi moral stories for kids

दो मुंह वाली चिड़िया की कहानी ( Kids Moral Story in Hindi )

नन्दवन में एक छोटी चिड़िया रहती थी और उसके दो मुँह थे। दो मुँह होने के कारण वह चिड़िया दूसरे पछियों से बिल्कुल अलग दिखती थी। वह चिड़िया एक बरगद के पेड़ पर घौंसला बना कर रहती थी।

एक दिन वह चिड़िया जंगल में भोजन की खोज में इधर उधर उड़ रही थी। अचानक चिड़िया के दायें वाले मुँह की नजर एक लाल फल पर पड़ी। देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया और वह तेजी से उस लाल फल खाने को आगे बढ़ी।

अब चिड़िया का दायाँ मुँह बड़े स्वाद से वो फल खा रहा था। परन्तु बायाँ मुँह बार बार दाएं मुंह की तरफ देख रहा था कि ये मुझे भी खाने को दे लेकिन दायाँ वाला चुपचाप मस्ती से फल खाये जा रहा था।

अब बाएँ मुँह ने दाएँ वाले मुँह से प्रार्थना की, कि उसे भी थोड़ा सा फल खाने दो तो इसपर दाएं मुंह ने गुस्सा दिखाते हुए कहा – कि हम दोनों का पेट एक ही है। अगर मैं खाऊँगा तो वो हमारे पेट में ही जायेगा। उसने बाएं वाले को कुछ खाने को नहीं दिया।

अगले दिन चिड़िया फिर से जंगल में खाने की तलाश में उड़ रही थी। तभी बाएं मुँह की नजर एक अदभुत फल पर पड़ी जो बहुत चमकीला था। वह तेजी से उस फल की तरफ लपका। अब जैसे ही वो फल खाने को हुआ तुरंत पास बैठे एक कौए ने चेतावनी दी कि इस फल को मत खाओ ये बहुत जहरीला है।

ये सुनकर दायाँ मुंह भी चौंका और बाएं से प्रार्थना की कि इस फल को मत खाओ ये हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित होगा लेकिन बाएं मुंह को तो दाएं से बदला लेना था।

उसनेकुछ ना सुनी और चुपचाप वह फल खाने लगा। कुछ ही देर में चिड़िया का शरीर मृत होकर जमीन पर गिर पड़ा।

कहानी से नैतिक सिख


आजकल के समय में देखा जा रहा है कि एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करते हैं, एक दूसरे से दुश्मनी रखते हैं। लेकिन जब भी वह एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने का सोचते हैं या एक दूसरे से बदला लेने का सोचते हैं तो नुकसान पूरे परिवार का ही होता है।

इसलिए एक दूसरे से मिल जुल कर रहें क्योंकि अगर परिवार का एक भी सदस्य गलत काम करे तो नुकसान पूरे परिवार का होता है।