आजादी का अमृत महोत्सव | Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi

Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi

आजादी का 75 वर्ष “अमृत महोत्सव”:

भारत लम्बे समय तक गुलाम रहा था । ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के बाद धीरे धीरे भारत अंग्रेजों के अधीन होता गया और अगले 50 साल में भारत के सभी राजाओं ने अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार कर ली और भारत में अंग्रेजी शासन स्थापित हो गया । 

लेकिन भारतीयों को अंग्रेजी शासन व्यवस्था बिल्कुल ही मंजूर नहीं था और धीरे धीरे अंग्रेजी शासन से खिलाफत शूरु हो गई । औऱ 1857 की क्रांति का आगाज़ हुआ । उस विद्रोह का परिणाम 1947 को मिला । इसी बीच कई स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी आहुति देनी पड़ी । 

भारतीयों क्रांतिकारियों क्रूर अंग्रेजों की अनेकों कठोर यातनाएं सहन करनी पड़ी । अनेकों आंदोलन चलाए गए । शक्तिशाली अंग्रेजों ने कुछ आंदोलन को सफल होने नहीं दिया और अल्प अवधि में समाप्त कर दिए गए । अंत में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज़ किया  । और फिर 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी का सूरज उदय हुआ । 

उस दिन आज तक 15 अगस्त को आजादी का उत्सव मनाकर उन सभी वीर शहीदों का स्मरण किया जाता रहा है । मगर केंद्र सरकार ने साल 2021 में 75वे आजादी के उत्सव पर आज़ादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की है । जो लगातार 2023 तक चलेगा । इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि Aazadi ka Amrit Mahotsav का मुख्य उद्देश्य आजादी के वीरो की गाथाएं बच्चों को सुनाने के साथ साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्थिति पर चर्चाएं होगी । तो चलिए जानते है जानते है Azadi ka amrit mahotsav essay in hindi.

भारत विश्व का 7वां सबसे बड़ा देश है। इसे भारत, हिंदुस्तान और आर्यवर्त के नाम से भी जानते है। भारत एक ऐसा देश है जहां के लोग अलग–अलग भाषा बोलते है और विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदाय और संस्कृती के लोग एक साथ रहते है। इसी वजह भारत को ‘विविधता में एकता’ का देश कहा जाता है। भारत का इतिहास अति प्राचीन, अति विशाल और अति गहरा है। ज्ञान, विज्ञान, समृद्धि, कलाकारी, शौर्य और आधात्म से परिपूर्ण है। जब भारत गुलामी की जंजीर से बंधा था तब 15 अगस्त ,1957 को देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ। अब देश स्वावलंबी के रास्ते में निरंतन आगे बढ़ रहा ,रोज नई–नई उंचाई को छू रहा है। स्वतंत्रता की 75 वर्षगाँठ पर शुरू हुआ आजादी का अमृत महोत्सव स्वालंबन की दिशा में उठाया गया एक और कदम है

आजादी का अमृत महोत्सव क्या है

Azadi Ka Amrit Mahotsav essay in hindi:15 अगस्त, 2022 को देश आजादी के 75 वर्षगाँठ मनायेगा। इस आजादी के 75  वर्षगाँठ को मानने के लिए 75 हफ्तों पहले आजादी का अमृत महोत्सव का आगाज हुआ। प्रधानमंत्री जी ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में इस आजादी का अमृत महोत्सव का उद्घाटन किया था। ये महोत्सव 12 मार्च  2021 से 15 अगस्त 2023 तक चलेगा।

आजादी का अमृत महोत्सव का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी जी ने 12 मार्च,2022 में अमृत महोत्सव की शुरुआत की थी क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी और उनके साथियों ने नमक पर लगाए गए अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लगान के विरोध में ‘नमक सत्याग्रह’ की शुरुआत की थी।  अंग्रेजों  ने चाय, कपड़ा और नमक पर अधिकार जमाए हुआ था। महात्मा गांधी जी ने इसी के विरोध में यात्रा निकाली थी जो की साबरमती आश्रम से शुरू हुई थी। महात्मा गांधी जी ने 24 मार्च, 1930 दांडी में समुद्र के किनारे नमक बनाकर अंग्रेजों के काले कानून को तोड़ा था। ये यात्रा 24 दिन चली थी जिसमें 80 लोग शामिल थे। 390 किलोमीटर तक चली इस पद यात्रा में हजारों लोग जुड़ गए थे।

अमृत महोत्सव मानने का उद्देश्य

आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के बारे में जानकारी देना है

हमारे इतिहास में बहुत से ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश पर जान न्यौछावर की, परन्तु हम कुछ ही के नाम जानते हैं. इस महोत्सव के जरिये देश उन गुमनाम नायकों को ढूंढकर उनकी वीरगाथाएं सबके सामने लाएगा

आज भारत का अपना अलग मुकाम है और निरंतर नई–नई उपलब्धता को पार कर रहा है। आज हर क्षेत्र में भारत आगे है पर जब भारत गुलामी की बेड़ियों से जकड़ा था तब इस देश को स्वतंत्र करने के लिए बहुत से सुपूतों ने बलिदान दिया और बहुत कष्ट सहे। परंतु अभी भी बहुत से लोग है जो आजादी के संघर्ष को नहीं जानते और उनके बलिदान की कहानी नहीं पता है इसलिए आजादी के महोत्सव के माध्यम उन सभी लोगों को आजादी के सही मायने बताने बहुत जरूरी है। इस अमृत महोत्सव में उन वीर सुपूतों को याद करना है, जो अपने परिवार और अपना समस्त जीवन केवल देश को समर्पित कर दिया। कवि प्रदीप की रचना के माध्यम से भारत के वीर शहीदों की याद में कुछ पंक्तियां”ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करो कुर्बानी”

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत

आगामी 15 अगस्त 2022 को आजादी का 75वां वर्ष पूर्ण हो जाएगा. अतः 75 सप्ताह पूर्व ही आजादी का अमृत महोत्सव शुरू हो चुका है

इस महोत्सव के लिए हर राज्य अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है. हम सभी जानते हैं कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी

2020 में नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की, इस महोत्सव के कार्यक्रम वर्ष 2023 तक चलेंगे

अमृत महोत्सव के कार्यक्रम

आजादी का महोत्सव किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। अमृत महोत्सव एक राष्ट्रीय महोत्सव है। आजादी का अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक मनाया जायेगा और हर सप्ताह में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं और उनके माध्यम से लोगों के मन में देश प्रेम को जागरूक किया जाता है, इस बार आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च से शुरू हुआ था जो अगले 75 सप्ताह तक चलेगा।  

आजादी का अमृत महोत्सव सभी सरकारी संस्थान में धूमधाम से मनाया जा रहा है। कुछ जगहों पर रैलियां भी निकाली जाती है ताकि इस का महत्व लोगों तक पहुंच सके। देश में जितने भी सरकारी भवन है उन सब में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। स्कूल के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते है और अपने कला के माध्यम से आजादी का महोत्सव मानते है। स्कूल में बहुत अच्छे से तैयारी की जा रही है और बच्चों को आजादी के संघर्ष की कहानियां बताई जा रही है। 15 अगस्त 2021 से कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी जिसमें देश के संगीत, नृत्य, प्रवचन और प्रस्तावना पठन शामिल है। इस महोत्सव में देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। 

आजादी के अमृत महोत्सव में चरखे से वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा दिया गया। इसके लिए साबरमती आश्रम में एक चरखा रखा गया है जब कोई व्यक्ति लोकल व्यापारी और कंपनी का सामान खरीदेगा और उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर लोकल फ़ॉर वोकल का टैग लगाकर सोशल मीडिया में डालेगा उसके तुरंत बाद ये चरखा घूमेगा।

आजादी के 75 वर्ष अमृत महोत्सव में भारत की उपलब्धियां:

आज भारत एक है, अखंड है और बहुत तीव्र गति से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा । अंग्रेज कह कर गए थे हमारे जाने के बाद देश तुम्हारा बिखर जायेगा पर नहीं सोचा था अंग्रेजों ने की भारत सबसे विशाल लोकतांत्रिक रूप में निखर जाएगा। आजादी के बाद भारत को कई कठिनाई का सामना करना पड़ा जैसे की भुखमरी, महँगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार, अपराध इत्यादि लेकिन भारत ने इन सब कठिनाइयों से बाहर निकलते हुए न केवल नए रास्तों बल्कि आत्मनिर्भर भारत एवं सशक्त भारत के रास्तों पर अग्रसर है। भारत की इन्हीं उपलब्धियाँ पर एक  नजर

1948–   भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था।

1949– भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण हुआ।

1950–  भारत पूर्ण गणतंत्र  बना और पूरे देश में संविधान लागू हुआ। भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण हुआ था।

1951–  देश का पहला लोकसभा चुनाव, पहले एशियाई खेलों की मेजबानी, पहले आई आईटी की स्थापना।

1952–  स्वतंत्र भारत का पहला संसद सत्र बुलाया गया।

1953–  एअर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हुआ।

1954– भारत रत्न और पद्म विभूषण की शुरुआत हुई।

1955–  भारत का पहला कंप्यूटर लांच किया गया।

1956– पुरुष हॉकी टीम ने मेलबर्न ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता।

1957– कश्मीर के भारत में विलय के निर्णय को स्वीकृति।

1958– परमाणु ऊर्जा अधिनियम पारित हुआ।

1959–  पंचायत राज का देश में पहला कदम ,दूरदर्शन की स्थापना के साथ भारत में टेलीविजन का इतिहास।

1960–  देश की पहली एयरलाइन एअर इंडिया ने अपनी पहली इंटरनेशनल फ्लाइट गोइंग 707–420 न्यूयॉर्क के लिए रवाना किया था, ओलंपिक में मिल्खा सिंह रिकार्ड तोड़ने वाले पहले भारतीय थे, गुजरात और महाराष्ट्र की स्थापना हुई थी।

1961– गोवा का भारत में विलय हुआ था, भारत में गुटनिरपेक्ष देशों की पहली बैठक में नेतृत्व की कमान संभाली।

962 – भारतीय फुटबॉल टीम ने एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता और भारत की फुटबॉल टीम शीर्ष पर पहुंची। 

1963–  भाखड़ा नांगल परियोजना संपन्न हुआ, भारत का पहला रॉकेट केरल के तिरुवंतपुरम के करीब थंबा से पहले छोड़ा गया।

1964–  भारत के पहले जेट ट्रेनर HJT-16 ने उड़ान भरी।

1965–  हरित क्रांति की शुरुआत हुई।

1966–  इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी, रीता फारिया विश्व सुंदरी जीतने वाली पहली भारतीय बनी।

1967–  जाकिर हुसैन देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने, मशहूर सितार वादक पंडित रवि शंकर को ग्रैमी पुरस्कार मिला।

1968– शत्रु संपत्ति कानून बना, सोना खरीदने–बेचने पर सरकार का नियंत्रण, डॉ प्रफुल्ल सेन ने हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी करके दुनिया के तीसरे डॉक्टर बने।

1969– भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना हुई।

1970– भारत में श्वेत क्रांति की शुरुआत, भारत में निर्मित पहला मिग 21 एक वायु सेना में शामिल हुआ।

1971– भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए सैन्य हस्तक्षेप में मदद की जिससे बांग्लादेश का जन्म हुआ।

1972– पिन कोड की शुरुआत की गई।

1973– चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई जो कि एक वन संरक्षण आंदोलन था, प्रोजेक्ट टाइगर लांच किया गया।

1974–  पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया गया।

1975– पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट लांच किया गया, हॉकी विश्व विजेता बना।

1976– बंधुआ मजदूर प्रथा को भारत में समाप्त किया गया

1977–  देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी।

1978– भारत की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी दुर्गा का जन्म हुआ।

1979–  मंडल आयोग की स्थापना, सुप्रीम कोर्ट ने जन हित याचिका को बताया वैध।

1980–  चेचक से निपटने के लिए सबसे लंबे टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत।

1981– इस वर्ष आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की गई वहीं दूसरी ओर नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) को भी स्थापित किया गया।

1982– नई दिल्ली में भारत ने एशियाड खेलों की मेजबानी संभाली।

1983– भारत में पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीता था।

1984– भारत के पहले और विश्व के 138 में अंतरिक्ष यात्री बने राकेश शर्मा।

1985– भारत की सबसे प्रतिष्ठित ओपन यूनिवर्सिटी इग्नू (IGNOU) की स्थापना हुई संसद में आतंक (TADA) निरोधी कानून पास किया गया। 

1986– प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में पारित किया गया, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी गठन हुआ, एशियाई खेलों में पीटी उषा की ऐतिहासिक जीत।

1987– सुनील गावस्कर ने टेस्ट मैच में 10000 रन स्कोर करने वाले पहले क्रिकेटर बने, गोवा भारत का 25वे राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

1988– वोट डालने के लिए उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।

1989– केरल का कोट्टायम भारत का पहला पूर्ण साक्षर जिला घोषित हुआ।

1990– सरकारी नौकरी में लागू हुई मंडल आयोग की सिफारिशें, भारत सरकार द्वारा 11,000 भारतीयों को कुवैत से एअरलिफ्ट कराया गया।

1991– उदारीकरण से नई अर्थव्यवस्था की नींव पड़ी, सुपर कंप्यूटर परम 8000 बना।

1992 – सत्यजी रे को ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया।

1993– भारत में लागू हुआ पंचायती राज कानून।

1994 – सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स और ऐश्वर्या राय ने मिस वर्ल्ड का ताज जीता।

1995 – पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ, देश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री मायावती बनी थी, मिड डे मील की शुरुआत हुई थी।