अक्षय तृतीया का महत्व | Akshay Tritiya importance in hindi

अक्षय तृतीया का महत्व

कोरोना संक्रमण के बीच रविवार को देशभर में अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाया जाता है

कहा जाता है इस दिन बिना कोई मुहूर्त देखे आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. लोग मानते हैं कि आज ही के दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का भी जन्म हुआ था

यही वजह है कि अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जी की भी पूजा की जाती है. अक्षय तृतीया तृतीया 25 अप्रैल सुबह 11:50 बजे से 26 अप्रैल 13:21 बजे तक है.लॉकडाउन के चलते आप आप घर पर ही रहकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें. अक्षय तृतीया के दिन कमाया हुआ पुण्य अक्षय रहता है वो कभी खत्म नहीं होता है.

अक्षय तृतीया के दिन इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.
शास्त्रों के अनुसार घर में धन्य-धान्य आदि पाने के लिए के लिेए इस दिन दान पुण्य आदि करना चाहिए. इसके अलावा आप कोई शुभ काम करना चाह रहे हैं या किसी व्यापार की शुरूआत करने जा रहे हों या फिर नया रिश्ता ही क्यों ना शुरू करने जा रहे हों, इस दिन आप बिना किसी पंडित को पूछे शुरू कर सकते हैं.

बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया, देव उठावन एकादशी और बसंत पंचमी ये साल के कुछ ऐसे दिन होते हैं जिस दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इस दिन शुरू किया हुआ कोई भी कार्य सफल रहता है.