अखिलेश यादव का जीवन परिचय
अखिलेश यादव वह भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
परिचय | परिचय (Introduction) |
पूरा नाम ((Full Name) | अखिलेश यादव |
जन्म (Birth Date) | 1 जुलाई 1973 |
जन्म स्थान (Birth Place) | इटावा जिले के सैफई में |
पेशा (Profession) | राजनेता |
राजनीतिक पार्टी (Political Party) | समाजवादी पार्टी |
अन्य राजनीतिक पार्टी से संबंध | – |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
उम्र (Age) | 46 वर्ष |
गृहनगर (Hometown) | सैफई, इटावा |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
जाति (Caste) | यादव |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
राशि (Zodiac Sign) | कैंसर |
इससे पहले वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया।
मार्च 2012 के विधान सभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर मात्र 38 वर्ष की आयु में ही वे उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमन्त्री बन गये। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ।अखिलेश ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की |
अखिलेश यादव प्रारम्भिक जीवन (Akhilesh Yadav Early life )
अखिलेश इटावा में रह रहे थे, तब वो अपने चाचा और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक छोटे से किराये के घर में रहते थे. अखिलेश ने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के धोलपुर मिलिट्री स्कूल से की थी. इसके बाद उन्होंने सिविल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग की डिग्री मैसूर यूनिवर्सिटी से ली थी. अखिलेश ने सिडनी से भी एनवायरमेंट इंजीनियरिंग में डिग्री ले रखी हैं.
अखिलेश शाकाहारी है।
अखिलेश यादव परिवार- Akhilesh yadav Family
अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने 24 नवंबर 1999 को विवाह किया था. अखिलेश को खेलों जैसे क्रिकेट और फूटबाल में रूचि हैं, उनको किताबे पढने का, गाना सुनने का और फिल्मे देखने का शौक हैं.
पिता (Father) | मुलायम सिंह यादव |
माता (Mother) | मालती देवी |
सौतेली माता (step mother) | साधना गुप्ता |
भाई(half brother) | प्रतीक यादव |
पत्नी (Wife) | डिंपल यादव |
पुत्री (Daughter) | अदिति और टीना |
पुत्र (Son) | अर्जुन |
चाचा/ताऊ (uncles) | शिवपाल सिंह यादव, रतन सिंह यादव, अभी राम यादव, राजपाल सिंह यादव |
अखिलेश यादव की लव स्टोरी
उन्होंने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है, जबकि मैसूर के एस. जे. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक किया है और उसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए, जहां उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उनकी प्रेम कहानी तब शुरू हुई थी, जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।
अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की लव स्टोरी किसी फिल्मी प्रेम कहानी से बिल्कुल भी कम नहीं है। पहली बार उनकी मुलाकात तब हुई थी, जब अखिलेश 21 साल के थे जबकि डिंपल महज 17 साल की थीं। दोनों की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के घर पर हुई थी और फिर बाद में दोनों एक अच्छे दोस्त बन गए और बाद में ये दोस्ती प्यार में बदल गई।
डिंपल यादव एक आधुनिक सोच की लड़की हैं, उन्हें घुड़सवारी करना बहुत ही पसंद है. इसके अलावा वह एक प्रतिभाशाली चित्रकार भी हैं. उधर अखिलेश यादव एक पहलवान परिवार से नाता रखने वाले युवा नेता हैं जिसे फुटबॉल खेलना बहुत ही पसंद है. लेकिन प्यार कोई वजह नहीं मांगता बल्कि प्यार हो जाता है, वह अपना रास्ता खुद ही बना लेता है. कुछ ऐसा ही हुआ डिंपल और अखिलेश यादव के साथ. यह बात तब की है जब अखिलेश यादव 25 के और डिंपल 21 की थी.

एक आर्मी परिवार से नाता रखने वाली डिंपल यादव ने बहुत ही कम समय में देश के अलग-अलग हिस्सों का अनुभव लिया है. दरअसल उनके पिता सेना में कर्नल थे इसलिए उन्हें देश में विभिन्न जगहों पर भ्रमण करने का मौका मिला. डिंपल का सपना दूसरी लड़कियों की तरह ग्रेजुवेशन के बाद किसी कंपनी को ज्वॉइन करना था. उनके दिमाग में राजनीति दूर-दूर तक नहीं थी लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था. उधर अखिलेश एक राजनीति परिवार से थे और मुलायम सिंह यादव के पुत्र होने के नाते राजनीति उनके नसों में थी.
दोनों का परिवार और शौक अलग होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे. हालांकि अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव को दोनों की जोड़ी पसंद नहीं थी. बीच में कई दिक्कते भी आई, लेकिन अखिलेश अपना प्यार हासिल करने के लिए न केवल इन दिक्कतों से जुझे बल्कि उन्होंने डिंपल से शादी के लिए अपने पिता को मना भी लिया. इस तरह दोनों सन 1999 में शादी के बंधन में बंध गए और २१ साल होने के बाद भी यह रिश्ता आज भी कायम है

इनका विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था। अखिलेश 2 बच्चों के पिता हैं। पत्नी डिम्पल ने सांसद का चुनाव लड़ती हैं पर 2019 में हार गई हैं।
अखिलेश यादव का राजनैतिक करियर
(Political Career of Akhilesh Yadav)
2000 के 13वीं लोक सभा चुनाव में अखिलेश यादव को पहली बाद कन्नौज से चुना गया था, इसके बाद हुए 14वे और 15वें लोकसभा चुनाव में भी लोकसभा की सदस्यता हासिल की थी, इसके अलावा अखिलेश यादव सिविल सप्लाई,खाध्य और वितरण कमिटी के सदस्य रह चुके हैं.
2000 से 2001 तक उन्हें कमिटी ऑफ़ एथिक्स का सदस्य बनाया गया. 2002 से 2004 तक वो एनवायरमेंट एंड फारेस्ट कमिटी और विज्ञान एवं तकनीक कमिटी के सदस्य भी थे.
2004 से 2009 तक वो अर्बन डेवेलपमेंट कमिटी ऑन एस्टिमेट्स, कमिटी ऑन प्रोविजिन ऑफ़ कंप्यूटर्स जैसे कई विभागों के सदस्य रहे.
2009 से 2012 तक वो एनवायरमेंट एंड फारेस्ट कमिटी, विज्ञान और तकनीक कमिटी और 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम के जेपीसी में सदस्य रहे.
अखिलेश यादव निरंतर ग्रामीण इलाकों, गरीबों और किसानों के लिए काम करते रहते हैं, उनकी पार्टी ने विधान सभा चुनावों की डोर जब उनके हाथ में सौंपी, तो उन्होंने पारम्परिक तरीके से प्रचार करने के स्थान पर नये तरीके से पुरे प्रदेश में रैलियां करनी शुरू की, जिसमे उन्हें न केवल सफलता मिली, बल्कि काफी प्रसिद्धि भी मिली और विभिन्न वर्ग के लोगों और युवाओं के बीच एक नयी पहचान बनी.
अखिलेश ने 2012 में हुए उत्तरप्रदेश के चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी को न केवल सत्ता दिलाई बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों और गरीबों एवं किसानों तक अपनी पहचान बनाई. अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी की छवि बदलने का श्रेय दिया जाता हैं,उन्होंने चुनाव अभियानों में नयी तकनीकों को जोडकर पार्टी को एक नयी दिशा दी. उन्होंने प्रदेश में बहुत सी साइकिल रेलिया और एक सफल रथ यात्रा की, जिससे युवा वोटर्स पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा, इसके परिणाम स्वरूप ही 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को 403 में से 224 सीट मिली .
10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तरप्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता के रूप में चुना गया, और 15 मार्च को वो सबसे कम उम्र के उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 2 मई 2012 को अखिलेश ने 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और उत्तर-प्रदेश के विधानसभा काउंसिल के सदस्य बन गये.
2017 में हुए उत्तर-प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर लिया था. उन्होंने विकास के मुद्दे पर वोट मांगे थे और राज्य से कम्युनल शक्ति को हटाने का प्रयास किया, फिर भी समाजवादी पार्टी चुनावों में जीत नहीं सकी.
जुलाई 2012 में जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके कार्य की आलोचना करते हुए व्यापक सुधार का सुझाव दिया तो जनता में यह सन्देश गया कि सरकार तो उनके पिता और दोनों चाचा चला रहे हैं, अखिलेश नहीं।
उनकी सरकार को दूसरा झटका तब लगा जब एक आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने पर चारों ओर से उनकी आलोचना हुई। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नागपाल को बहाल करना पड़ा। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 43 व्यक्तियों के मारे जाने व 93 के घायल होने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा तथा सेना ने आकर स्थिति पर काबू किया। मुस्लिम व हिन्दू के बीच हुए इस भयंकर दंगे से उनकी सरकार की बड़ी किरकिरी हुई।
अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल मे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनवाया, जो भारत का सबसे आधुनिक एक्सप्रेस वे है। यादव ने उ.प्र. में “यू.पी.100 पुलिस सेवा” और “108 एंबुलेन्स फ्री सेवा” शुरू की। अखिलेश के कार्यकाल में लखनऊ मैट्रो रेल, लखनऊ इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जनेश्वर मिश्र पार्क (एशिया का सबसे बड़ा पार्क), जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर, लखनऊ- बलिया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 2 आदि का निर्माण हुआ । इन्होनें कार्यकाल में प्रदेश मे युवाओ को बड़ी मात्रा में लैपटाॅप वितरण किये गये।