हर व्यक्ति जन्म से विशिष्ट है, सभी में कुछ विशेष ऐसा है जो हमें औरों से अलग करता है। यही विशेषताएँ तय करती हैं कि हम कौन है और किसी परिस्थिति में किस तरह व्यवहार करेंगे।
ज्यादातर समय हम अपनी उन विशेषताओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते है जो हमारा नुक्सान करती हैं । हालाँकि हम ये जानते हैं कि हर कोई अपने आप में अनूठा है,हमें बस अपने अंदर सोई हुई आकांक्षाओं कोजगाने की और अपने व्यक्तित्व को निखारने की जरूरत होती है । यह व्यक्तिव विकास की प्रक्रियाएँ / तकनीके मददगार होती हैं।
व्यक्ति विकास के द्वारा एक जड़ता और अरुचि की अवस्था में फँसा व्यक्ति, उत्साही, प्रसन्न और लक्ष्य की ओर प्रेरित व्यक्ति के रूप में परिवर्तित हो जाता है। और ये सब और अधिक उत्साह और चैतन्य के साथ होता है।
भावनाओं पर नियंत्रण रखें
जिंदगी जब आपको रोलर कोस्टर की सैर कराये तो उसका पूरा आनंद ले । अपनी भावनाओं को परिस्थितियों पर राज करने से रोके। इसको काबू में रखें। मन आपको चुनौतियोंके समय शांत व एकाग्र रखेगा।
स्वयं पर और दूसरों पर करुणा करें
कोरोना के दौरान हर कोई अलग अलग परेशानियों से गुजर रहा है न. आपको अधिक करुणामय होना चाहिए । अगली बार जब आप या कोई और गलती करें तो मन में कोई दुराग्रह ना पाले , जाने दें। इस बात को समझे कि हम सभी विकसित हो रहे हैं और कोई भी पूर्ण नहीं है। ये नजरिया स्वयं को और औरों को स्वीकारने में मदद करेगा ।
प्रसंशा करें
जब हम किसी के गुणों की की प्रसंशा पूर्णता के भाव से करते हैं, तो उनकी चेतना का विस्तार होता है, जो उनके भीतर उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। वे गुण हमारे भीतर भी विकसित होने लगते है और हम बेहतर मानव बनते हैं।
जीवन में धीरज जगाए
जीवन में विजेता होने के लिए धीरज एक जरूरी गुण है। ]अधीरता से की गयी प्रतिक्रिया हानि पहुंचाती है। ध्यान रहे, हमें मन में शांति और धीरज रखना चाहिए, जिससे हम तनाव रहित होकर समझदारी से भरे त्वरित निर्णय ले सकेगें।
सकारात्मक बने
जिस प्रकार प्रोटोन कभी अपनी सकारात्मकता (धनात्मकता) नहीं खोता है और वैसे ही आप को भी रहना चाहिए । ये बस तनाव से ढका सकता है और तनाव आपकी ऊर्जा खींच लेता है। सकारात्मक रहकर आप कठिन से कठिन चुनौतियों से लड़ लेते है और साथ ही और अधिक सकारात्मकता और संभावनाओं को अपनी ओर आकर्षित करते है।